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यौन संबंध में महिलाओं को पछतावा क्यों होता है?

अचानक से किसी के साथ शारीरिक संबंध बन जाने को कैजुअल सेक्स कहा जाता है. ज़ाहिर है इसमें सहमति और पसंद भी होती है. कैजुअल सेक्स के बाद अक्सर लड़कियों में खेद और पछतावे की भावना घर करती है.

हाल ही में आई एक नई स्टडी के मुताबिक़ अगर सेक्स की पहल लड़कियां करती हैं और वो इसे इन्जॉय करती हैं तो उनमें खेद की भावना नहीं आती है.

 

By BBC News हिन्दी
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कैजुअल सेक्स
Getty Images
कैजुअल सेक्स

अचानक से किसी के साथ शारीरिक संबंध बन जाने को कैजुअल सेक्स कहा जाता है. ज़ाहिर है इसमें सहमति और पसंद भी होती है. कैजुअल सेक्स के बाद अक्सर लड़कियों में खेद और पछतावे की भावना घर करती है.

हाल ही में आई एक नई स्टडी के मुताबिक़ अगर सेक्स की पहल लड़कियां करती हैं और वो इसे इन्जॉय करती हैं तो उनमें खेद की भावना नहीं आती है.

पहले की स्टडी में यह पाया गया था कि 'वन नाइट स्टैंड' में पुरुषों की तुलना में महिलाओं को ज़्यादा अफसोस और पछतावा होता है.

शोधकर्ताओं ने नॉवे की यूनिवर्सिटी में 547 और अमरीका की यूनिवर्सिटी में 216 छात्रों से बातचीत की. इनमें से कोई समलैंगिक नहीं था. इन सभी की बातचीत से कई चीज़े स्पष्ट हो गईं.

कैजुअल सेक्स में लड़कियों और लड़कों की सोच बिल्कुल अलग होती है. इस स्टडी में पाया गया कि महिलाओं को उनका पार्टनर सक्षम और यौन संबंध के दौरान संतुष्ट करने वाला मिला तो उनके अंदर खेद की भावना नहीं आई.

कैजुअल सेक्स
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कैजुअल सेक्स

इस स्टडी में शामिल होने वाले सारे लोग नॉर्वीयन यूनिर्सिटी ऑफ़ साइंस एंड टेक्नॉलजी (एनटीएनयू) और यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्सस के थे. सभी की उम्र 30 साल से कम थी.

पहले स्टडी में पाया गया था कि कैजुअल सेक्स में पुरुषों को महिलाओं की तुलना में बहुत कम पछतावा होता है. इसके साथ यह भी कहा गया था कि इसका कोई मतलब नहीं होता है कि सेक्स की पहल किसने की थी.

यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सस के प्रोफ़ेसर डेविड बज़ का कहना है, ''अगर सेक्स के लिए महिला पहल करती है को इससे दो ख़ास चीज़ें सामने आती हैं. पहला यह कि सेक्स को लेकर दिमाग़ में सकारात्मक भावना है तो यौन संबंध के दौरान कामुकता खुलकर सामने आएगी.''

दूसरी बात यह कि महिला खुलकर अपनी इच्छा व्यक्त कर रही है और उसके भीतर कोई अपराधबोध नहीं होगा. ऐसे में खेद की भावना महिलाओं के भीतर न के बराबर आती है, क्योंकि इसमें किसी भी तरह का कोई दबाव नहीं होता है.

कैजुअल सेक्स
AFP
कैजुअल सेक्स

टेक्सस यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर जॉय पी वॉकॉफ़ का कहना है कि यौन संबंध में महिलाओं की मर्जी ख़ास मायने रखती है. उनका कहना है कि खेद की भावना एक अप्रिय और परेशान करने वाली भावना होती है.

इस स्टडी में यह बात मुखरता से सामने आई है कि संबंध बनाने को लेकर ख़ुद का और दबावमुक्त निर्णय सबसे अहम होता है.

बेहतरीन यौन संबंध

इस स्टडी के अनुसार सेक्स के बाद महिला में पछतावे का भाव आएगा या नहीं यह उसके पार्टनर की यौन क्षमता पर काफ़ी हद तक निर्भर करता है. अगर यौन संबंध अच्छा रहता है तो इसमें महिलाओं को खेद नहीं होता है.

लेकिन उनके लिए निर्णय लेना इतना आसान भी नहीं होता है. उनके मन में प्रेग्नेंट होने का भी डर होता है. स्टडी के अनुसार पुरुष पार्टनर की क्षमता महिलाओं के लिए मायने रखता है. सेक्स पार्टनर की कामुकता और क्षमता से महिलाओं को भावनात्मक स्तर पर ज़्यादा फ़ायदा मिलता है.

पछतावे का संगम

अचानक बने यौन संबंध में कई ऐसी वजहें होती हैं जिनसे दोनों के लिए खेद और पछतावे की स्थिति पैदा होती है. नैतिकता के स्तर पर भी खेद की भावना घर करती है.

गंदगी के कारण भी ऐसे यौन संबंधों से विकर्षण पैदा होता है. लोग यौन संक्रमण को लेकर भी कैजुअल सेक्स से डरते हैं.

मुझे सेक्स इतना पसंद था कि पोर्न में चली गई'

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English summary
Why women regrets in physical relations?
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