क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

20 साल की कैद से रिहा होने के बाद अपने घर की तलाश में 37000 KM चली मादा कछुआ

Google Oneindia News

नई दिल्‍ली। कहते हैं अपना घर अपना ही होता है। कोई कुछ भी भूल जाए लेकिन कदम कभी घर का रास्‍ता नहीं भूलते। चाहें जानवर हो या इंसान। ऐसा ही एक मामला मामला सामने आया है जहां 180 किलो का एक मादा कछुआ अपने घर का पता लगाने के लिए 37000 KM तक चली गई। कछुआ का नाम योशी है जो इन दिनों सोशल मीडिया पर छाई हुई है। वो 20 साल तक कैद में थी और जब छूटा तो अपने घर की तलाश में लग गई। इस भावुक कर देने वाली कहानी का जिक्र एक आईएफएस अधिकारी परवीन कासवान ने सोशल मीडिया पर शेयर किया है। विस्‍तार से जानिए पूरा मामला

क्‍या लिखा आईएफएस अधिकारी ने

IFS अधिकारी प्रवीण कासवान ने यह पोस्ट शेयर किया है। उन्‍होंने लिखा ‘अपने घर का पता लगाने के लिए एक लॉगरहेड कछुए की अविश्वसनीय यात्रा। ये योशी है। उसने अभी-अभी अफ्रीका से ऑस्ट्रेलिया के लिए 37000 KM की यात्रा तय की है। ऐसा इसलिए ताकि वो अपने घर का पता लगा सके। परवीन आगे लिखते हैं, ‘योशी को बीस साल के लिए बंदी बना लिया गया था। वो चोटिल थी। बाद में प्रशिक्षकों ने उसे सही स्वास्थ्य में वापस लाने में मदद की। एक जीपीएस टैग उसके साथ लगाकर शोधकर्ताओं ने उसे छोड़ दिया। यात्रा पर भी निगरानी रखी गई। सिर्फ यह जानने के लिए कि वो कहा जा रही है।

कछुए के बारे में जानिए कुछ रोच तथ्‍य

कछुए के बारे में जानिए कुछ रोच तथ्‍य

यदि धरती पर मौजूद सभी जीव-जंतुओ, पशुओं, मनुष्यों की बात की जाए तो सबसे ज्यादा उम्र कछुआ की होती है। आपको कछुए के बारे में कुछ रोचक तथ्‍य बताते हैं। कछुए पिछले 20 करोड़ सालों से धरती पर रह रहे है। वैज्ञानिकों को इनका जो आखिरी जीवाश्म मिला है वह 12 करोड़ साल पुराना है। ये साँप, छिपकली, मगरमच्छ और पक्षियों से पहले धरती पर आए थे। हर साल 23 मई को विश्व कछुआ दिवस मनाया जाता है।

कछुए के बारे में जरूरी बातें

कछुए के बारे में जरूरी बातें

  • कछुओं की 318 से ज्यादा प्रजातियाँ इस धरती पर मौजूद है इनमें से कुछ थल पर और कुछ जल में रहती है, बहुत-सी प्रजातियाँ विलुप्ति की कगार पर है।
  • कछुए जहरीले नही होते और ना ही इनके काटने पर जहर निकलता है और ना ही इन्हें खाते समय।
  • कछुओ के लिंग का पता लगाना इतना आसान भी नही है, जितना आप सोचते है। इनकी छाती का कवच सबसे आसान तरीका है नर और मादा की पहचान करने के लिए, अक्सर नर कछुए मादा से थोड़े लंबे और इनकी पूँछ भी मादा से लंबी ही होती है ये यही से सेक्स भी करते है।
  • कछुए जितने गर्म मौसम में रहेंगे उनके कवच का रंग उतना ही हल्का होगा। जिन कछुओं के कवच का रंग गहरा होता है वो उतने ही ठंडे इलाके में रहते है।
  • प्राचीन रोमन मिलिट्री, कछुओं से बहुत प्रभावित हुई थी, कछुओं से ही उन्होनें लाइनें बनाना और ढाल को सिर के ऊपर रखना सीखा ताकि दुश्मन से सुरक्षित रहा जाए।
  • कछुए अंडो के सहारे बच्चे पैदा करते है। मादा कछुए पहले मिट्टी खोदती है फिर वहां एक बार में 1 से 30 अंडे देती है, अंडो से बच्चे निकलने में 90 से 120 दिन लग जाते है।
  • कछुओं के मुंह में दांत नही होते, बल्कि एक तीखी प्लेट की तरह हड्डी का पट्ट होता है जो भोजन चबाने में इनकी सहायता करता हैं।
  • कछुओ को अपने कवच में छुपने से पहले फेफड़ो को खाली करना पड़ता है, छिपने से पहले आप उन्हें साँस छोड़ते हुए सुन सके।

दुनिया की आखिरी सफेद मादा जिराफ और उसके बच्‍चे को शिकारियों ने मार डाला, धरती पर बचा सिर्फ एक वो भी नरदुनिया की आखिरी सफेद मादा जिराफ और उसके बच्‍चे को शिकारियों ने मार डाला, धरती पर बचा सिर्फ एक वो भी नर

Comments
English summary
Turtle travels 37,000 km from Africa to Australia to search its home after 20 Years Of Captivity.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X