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वो क्रिप्टोक्वीन, जिसने दुनिया को लूटा और फ़रार हो गई

रुजा इग्नातोवा ख़ुद को क्रिप्टोकरेंसी की महारानी कहा करती थीं. रुजा ने लोगों को बताया था कि उन्होंने बिटकॉइन के मुक़ाबले एक नई क्रिप्टोकरेंसी ईजाद की है. यही नहीं, उन्होंने लोगों को इस करेंसी में लाखों करोड़ों के निवेश करने के लिए भी राज़ी कर लिया. फिर अचानक दो साल पहले वो ग़ायब हो गईं. रुजा ने ये काम आख़िर कैसे किया? वो अचानक कहां ग़ायब हो गई? वो कहां छिपी है? 

By BBC News हिन्दी
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रुजा इग्नातोवा ख़ुद को क्रिप्टोकरेंसी की महारानी कहा करती थीं. रुजा ने लोगों को बताया था कि उन्होंने बिटकॉइन के मुक़ाबले एक नई क्रिप्टोकरेंसी ईजाद की है. यही नहीं, उन्होंने लोगों को इस करेंसी में लाखों करोड़ों के निवेश करने के लिए भी राज़ी कर लिया. फिर अचानक दो साल पहले वो ग़ायब हो गईं. रुजा ने ये काम आख़िर कैसे किया? वो अचानक कहां ग़ायब हो गई? वो कहां छिपी है?

बीबीसी के जेमी बार्टलेट ने मिसिंग क्रिप्टोकॉइन नाम के पॉडकास्ट के लिए रुजा इग्नातोवा से जुड़े इन सवालों के जवाब तलाशने के लिए कई महीनों तक छानबीन की. ताकि, इस बात का पता लगाया जा सके कि रुजा इग्नातोवा आख़िर कहां छुपी हैं.

ये बात जून 2016 के शुरुआती दिनों की है. 36 साल की एक कारोबारी डॉक्टर रुजा इग्नातोवा लंदन के मशहूर वेम्बली अरेना में अपने हज़ारों चाहने वालों के सामने स्टेज पर नमूदार होती है. हमेशा की तरह वो महंगा बॉलगाउन पहने हैं. कानों में हीरे के लंबे-लंबे झुमके हैं और होठों पर चटख़ सुर्ख़ लिपस्टिक लगी है.

जोश में झूमते हुए अपने चाहने वालों को रुजा बताती है कि वनकॉइन बहुत जल्द दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बनने वाली है. बहुत जल्द सारी दुनिया में हर कोई इसी के सहारे पैसे का भुगतान करेगा.

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बिटकॉइन दुनिया की पहली क्रिप्टोकरेंसी थी औऱ आज भी सबसे ज़्यादा जानी और पहचानी जाती है. 2016 के मध्य तक इस करंसी की क़ीमत में बेपनाह इज़ाफ़ा हुआ. कारोबारी बाज़ार में पैसा कमाने का ये एक नया और नायाब तरीक़ा था. बहुत लोग इस नई करेंसी में अपने लिए नई संभावनाएं तलाश रहे थे.

वेम्बली अरेना में डॉक्टर रुजा ने अपने चाहने वालों को बताया कि वनकॉइन, बिटकॉइन को ख़त्म करने वाली डिजिटल करेंसी है. उन्होंने लोगों से कहा कि दो साल बाद कोई भी बिटकॉइन का ज़िक्र तक नहीं करेगा. वनकॉइन, बिटकॉइन को ख़त्म करने आया है. दुनिया भर में लोग वनकॉइन को एक नई क्रांति मान कर इसमें पैसा लगा रहे थे.

बीबीसी को मिले दस्तावेज़ों के मुताबिक़ 2016 के पहले छह महीने में ब्रिटेन के नागरिकों ने वनकॉइन में क़रीब 3 करोड़ यूरो का निवेश कर डाला था. इसमें से 20 लाख यूरो तो महज़ एक हफ़्ते में निवेश किए गए थे. वनकॉइन को लेकर वेम्बले में हुए भव्य कार्यक्रम के बाद तो निवेश का औसत और भी बढ़ने वाला था.

अगस्त 2014 से मार्च 2017 के बीच दुनिया भर के कई देशों से क़रीब चार अरब यूरो का निवेश वनकॉइन में हो चुका था. इसमें पाकिस्तान और ब्राज़ील से लेकर हॉन्गकॉन्ग, नॉर्वे, क्यूबा,यमन यहां तक कि फ़िलस्तीन जैसे देशों के नागरिक भी शामिल था. लेकिन, वनकॉइन में धड़ाधड़ निवेश कर रहे लोगों को एक बहुत ज़रूरी बात पता नहीं थी.

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कुछ लोग काफ़ी समय से ऐसी मुद्रा विकिसत करने की कोशिश कर रहे थे, जो किसी सरकार की पाबंदी से परे हो. लेकिन ये कोशिश हमेशा नाकाम हो जाती थी. क्योंकि लोग ऐसी करेंसी पर विश्वास नहीं कर सकते थे. इसमें जालसाज़ी की संभावना भी ख़ूब थी. बिटकॉइन ने लोगों के इस डर को ख़त्म कर दिया था.

बिटकॉइन एक ख़ास तरह के डेटाबेस पर आधारित है जिसे ब्लॉकचेन कहते हैं. ये एक बड़ी सी डायरी की तरह होता है. एक ब्लॉकचेन उसके मालिक के पास होता है. लेकिन इससे अलग इस ब्लॉकचेन की कई कॉपी होती हैं.

हर मर्तबा जब भी किसी और को एक भी बिटकॉइन भेजा जाता है, तो इस का लेखा-जोखा सभी बिटकॉइन मालिकों के पास मौजूद बिटकॉइन रिकॉर्ड बुक में दर्ज हो जाता है.

इस रिकॉर्ड में कोई भी किसी भी तरह का बदलाव नहीं कर सकता. इस ब्लॉकचेन का मालिक भी नहीं. यहां तक कि इस रिकॉर्ड बुक को तैयार करने वाला भी इसमें कोई बदलाव नहीं कर सकता.

Ruja Ignatova
Shutterstock / Paul Hampartsoumian
Ruja Ignatova

इसके पीछे जटिल गणित काम करता है, जिसे समझना हर किसी के बस की बात नहीं. लेकिन इसका ये मतलब हरगिज़ नहीं कि, ब्लॉकचेन की कॉपी नहीं हो सकती, या इसे हैक नहीं किया जा सकता. या फिर इनका दो बार इस्तेमाल नहीं हो सकता.

बहरहाल, कारोबार की दुनिया में बिटकॉइन एक तरह की क्रांतिकारी डिजिटल करेंसी थी, जिसमें तमाम बैंकों और राष्ट्रीय मुद्रा को पीछे छोड़ने की क़ुव्वत थी.

ये ऐसी करेंसी थी जो निवेशकों को फ़ोन पर ही बैंकिंग की सुविधा देती थी. यानी बिटकॉइन की आमद से डिजिटल करेंसी का माहौल साज़गार था. लिहाज़ा डॉ. रुजा ने मौक़ा भुनाने का मन बना लिया और लोगों को सपने बेचने का काम शुरू कर दिया.

रुजा की कंपनी को तलाश थी तकनीक में माहिर एक ऐसे शख़्स की, जो उनके लिए ब्लॉकचेन तैयार कर सके. और उनकी ये तलाश ख़त्म हुई ब्योर्न बियर्क पर. अक्टूबर 2016 में ब्योर्न बियर्क के पास एक फ़ोन आया. फ़ोन करने वाले ने इन्हें नौकरी की पेशकश की.

Graphic showing OneCoins revenue over time
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Graphic showing OneCoins revenue over time

इस ऑफ़र में बियर्क को रहने के लिए घर, कार और सालाना ढाई लाख पौंड की तनख्वाह का प्रस्ताव दिया गया. फ़ोन करने वाले ने अपनी कंपनी के बारे में बताया कि ये पूर्वी यूरोपीय देश बुल्गारिया की एक क्रिप्टोकरेंसी स्टार्ट-अप है और कंपनी को एक तजुर्बेकार टेक्निकल चीफ़ की ज़रूरत है.

ब्योर्न बियर्क उस नौकरी की पेशकश करने वाले से हुई गुफ़्तगू याद करते हुए कहते हैं कि, 'मैं सोच में पड़ गया कि कंपनी में मेरा काम क्या होगा.'उन्होंने पूछा भी कि मुझे काम क्या करना होगा.जवाब मिला कि कंपनी के पास अभी कोई ब्लॉकचेन नहींहै . फ़िलहाल आप को कंपनी के लिएये ब्लॉकचेन तैयार करनी है.

बियर्क ने कहाकि मुझे तो बताया गया था कि ये एक क्रिप्टोकरेंसी कंपनी है, तो जवाब दिया गया कि बिल्कुल ये एक क्रिप्टोकरेंसी कंपनी है और पिछले कुछ ही वक़्त से काम कर रही है, लेकिन इनके पास ब्लॉकचेन नहीं है. लिहाज़ा कंपनी के लिए एक ब्लॉकचेन तैयार करनी है. तब ब्योर्न बियर्क ने कंपनी का नाम पूछा. इस कंपनी का नाम था वनकॉइन. ब्योर्न बियर्क ने नौकरी की ये पेशकश ठुकरा दी.

जेन मैकएडम का टाइकून पैकेज

ये कुछ महीने पहले की बात है, जब जेन मेकएडम के एक दोस्त ने उन्हें एक ऐसे मौक़े के बारे में बताया जिसे गंवाया नहीं जा सकता था. ग्लास्गो की रहने वाली जेन ने अपना कंप्यूटर ऑन किया और एक लिंक पर क्लिक करके वनकॉइन के वेबिनार में शरीक़ हो गईं.

Jen McAdam on the BBCs Victoria Derbyshire programme
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Jen McAdam on the BBCs Victoria Derbyshire programme

अगले एक घंटे या उससे थोड़ा ज्यादा समय तक वो इस क्रिप्टोकरेंसी के बारे में लोगों के पुरजोश अनुभव सुनती रहीं. सभी लोग बहुत ख़ुश थे. बता रहे थे कि कैसे उनकी क़िस्मत बदल सकती है. वो जिस ऑनलाइन सेमिनार को सुन रही थीं, उसमें उन्हें बताया गया कि वो बहुत ख़ुशक़िस्मत हैं कि इस वक़्त वो इस वेबिनार से जुड़ी हैं.

ऑनलाइन सेमिनार में डॉक्टर रुजा के बारे में ज़बरदस्त तरीक़े से बताया जा रहा था. रुजा ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की थी. उन्होंने कोन्सतान्ज़ से पीएचडी की डिग्री हासिल की.

इस में रुजा के मैकिन्से एंड कंपनी में मैनेजमेंट सलाहकार के तौर पर काम करने का हवाला भी दिया गया. सबसे ज़बरदस्त था जानी-मानीप त्रिका दी इकॉनोमिस्ट द्वारा आयोजित कॉन्फ़्रेंस में डॉ. रुजा की तक़रीर. इस तक़रीर को ऑनलाइन सेमिनार में दिखाया गया था.

Ruja Ignatova at the Economist summit
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Ruja Ignatova at the Economist summit

जेन को डॉ रुजा के सशक्त महिला के किरदार ने सबसे ज़्यादा प्रभावित किया. यहां तक कि ऑनलाइन सेमिनार ख़त्म होने तक जेन ने वनकॉइन में एक हज़ार यूरो निवेश करने का फ़ैसला कर लिया. ये बहुत ही आसान था. आप एक वनकॉइन टोकन ख़रीदिए और फिर ये आगे और वनकॉइन सिक्के तैयार करेगा जो आपके अकाउंट में आ जाएंगे.

उन्हें बताया गया कि एक दिन ऐसा आएगा जब जेन अपने ख़रीदे गए वनकॉइन को यूरो और पाउंड में तब्दील कर सकती हैं. जेन को लगा कि ये तो पैसे कमाने का शानदार और आसान तरीक़ा है. जेन मैकएडम को लगा कि इस शानदार क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के लिए शायद एक हज़ार यूरो कम हैं. ये तो ज़िंदगी में इंक़लाब लाने वाला मौक़ा है.

उनके उत्साह को देख कर प्रमोटर ने बताया कि सबसे छोटा पैकेज 140 यूरो का था. लेकिन, उन के पास तो एक लाख 18 हज़ार यूरो तक के पैकेज भी हैं. यानी छप्परफाड़ मुनाफ़ा. एक हफ़्ते बाद ही जेन मैकएडम ने पांच हज़ार यूरो का टाइकून पैकेज ख़रीद लिया. जल्द ही ऐसा समय भी आया जब जेन ने अपने दस हज़ार यूरो तो वनकॉइन में लगा ही दिए. बल्कि, अपने दोस्तों और परिवार के सदस्यों के भी क़रीब ढाई लाख यूरो का निवेश इस नई क्रिप्टोकरेंसी में कर दिया था.

वो बार-बार वनकॉइन की वेबसाइट देखा करती थीं, और जब उन के सिक्कों की क़ीमत बढ़े तो ज़बरदस्त ख़ुशी महसूस होती थी. जल्द ही जेन के वनकॉइन की क़ीमत एक लाख पाउंड पहुंच चुकी थी. यानी उन के निवेश से दस गुना ज़्यादा रिटर्न. इस रक़म को देख कर जेन छुट्टियों पर जाने और ख़ूब शॉपिंग करने की योजनाएं बनाने लगीं.

लेकिन, उसी साल के आख़िर में एक अजनबी ने इंटरनेट के माध्यम से जेन मैकएडम से संपर्क किया. उस ने कहा कि वो लोगों की मदद करना चाहता है. उस ने जेन से ये भी कहा कि उस ने वनकॉइन के बारे में गहराई से पड़ताल की है और अब उन लोगों से बात करना चाहता है, जिन्होंने वनकॉइन में निवेश किया है.

जेन ने बड़ी अनिच्छा से उस व्यक्ति से स्काइप के ज़रिए बात करने के लिए हामी भर दी. ये बातचीत एक दूसरे पर चिल्लाने के मुक़ाबले में तब्दील हो गई. लेकिन, उस अजनबी से बातचीत ने जेन की ज़िंदगी को एक नई दिशा में मोड़ दिया.

उस अजनबी का नाम था टिमोथी करी. वो बिटकॉइन में दिलचस्पी रखने वाला शख़्स था, जो क्रिप्टोकरेंसी की जम कर वक़ालत करता था. उस ने सोचा कि वनकॉइन की वजह से क्रिप्टोकरेंसी बदनाम हो जाएंगी.

इसीलिए उस ने जेन मैकएडम को दो टूक शब्दों में बता दिया कि वनकॉइन असल में एक घोटाला है. उस के शब्दों में कहें, तो, 'ये दुनिया (गाली) का सब से बड़ा घोटाला है.' उस ने ये भी कहा कि वो ये बात साबित भी कर सकता है. तो, जेन ने तुर्शी से जवाब दिया कि, 'ठीक है, फिर तुम मुझे साबित कर के दिखाओ.'

अगले कुछ हफ़्तों तक टिमोथी करी ने जेन को डिजिटल करेंसी के बारे में ढेर सारी जानकारियां भेजी. उन्हें बताया कि क्रिप्टोकरेंसी कैसे काम करती है. टिमोथी ने इस संबंध में जेन को कई लिंक, लेख, यू-ट्यूब वीडियो और दूसरी सामग्री भेजी. टिमोथी ने जेन का संपर्क क्रिप्टोकरेंसी के एक्सपर्ट ब्योर्न बियर्क से कराया. ब्योर्न, ब्लॉकचेन के डेवेलपर हैं. उन्होंने ही कहा था कि वनकॉइन के पास कोई ब्लॉकचेन नहीं है.

जेन मैकएडम को टिमोथी की भेजी सारी जानकारी पढ़ने-सुनने और समझने में क़रीब तीन महीने का समय लग गया. लेकिन, अब उस के ज़हन में सवाल उठने लगे थे. उस ने अपने वनकॉइन ग्रुप के लीडर से पूछना शुरू कर दिया था कि क्या कोई ब्लॉकचेन है, या फिर नहीं है. शुरू में तो उसे ये बताया गया कि उसे इस बारे में जानने की ज़रूरत ही नहीं है. लेकिन, जब जेन ने ज़ोर देकर ये बात जाननी चाही, तो उसे आख़िर में हक़ीक़त का पता चल ही गया. उसे ये सच अप्रैल 2017 में एक वॉयसमेल के ज़रिए पता चली.

'ठीक है…जेन. वो ये जानकारी लोगों को नहीं देना चाहते क्योंकि इस बात का डर है कि जहां पर ब्लॉकचेन को रखा गया है, उसे कोई ख़तरा न हो. इस के अलावा, एक एप्लिकेशन के तौर पर इसे किसी सर्वर की ज़रूरत नहीं है. तो, हमारी ब्लॉकचेन तकनीक असल में एक एसक्यूएल सर्वर है, जिसका अपना डेटाबेस है.'

लेकिन, इस पड़ाव तक पहुंचते-पहुंचते टिमोथी और ब्योर्न बियर्क की मदद से, जेन को ये बात मालूम थी कि कोई मानक एसक्यूएल सर्वर डेटाबेस के आधार पर असल में कोई क्रिप्टोकरेंसी विकसित नहीं की जा सकती. क्योंकि इस डेटाबेस का मैनेजर कभी भी इस के भीतर जा कर बदलाव कर सकता है.

जेन बताती हैं कि, 'मैं ने सोचा कि, ये क्या? और मेरे पांव सुन्न हो गए. मैं ज़मीन पर गिर पड़ी.'

इन सभी बातों का एक ही मतलब था और वो ये कि वनकॉइन की वेबसाइट पर बढ़ रहे नंबरों का कोई मतलब नहीं था. वो केवल आंकड़े भर थे जिन्हें वनकॉइन का कोई कर्मचारी कहीं दूर बैठ कर कंप्यूटर पर टाइप कर रहा था. जेन और उन के दोस्तों, परिजनों ने अपनी पैसे की फिक्र को दूर करने के बजाय, अपनी सारी रक़म, यानी क़रीब ढाई लाख यूरो वनकॉइन में झोंक दिए थे.

डॉक्टर रुजा लापता हो गईं

हालांकि, जेन मैकएडम ने अब हक़ीक़त को जान लिया था, लेकिन, अभी भी वनकॉइन के ज़्यादातर निवेशकों को ये कड़वा सच नहीं मालूम था. अभी भी वनकॉइन की मार्केटिंग के लिए डॉक्टर रुजा पूरी दुनिया की सैर कर रही थीं और अपने ख़्वाब को पूरी दुनिया को बेच रही थीं. मकाऊ से लेकर दुबई और सिंगापुर तक. उन्हें देखने के लिए बड़े-बड़े स्टेडियम भर जाते थे. और उन का आकर्षण ऐसा था कि नए-नए निवेशक वनकॉइन में पैसे लगाने को राज़ी हो जाते थे.

अभी भी वनकॉइन का तेज़ी से विस्तार हो रहा था. और, डॉक्टर रुजा अपनी इस कमाई को नई नई संपत्तियां ख़रीदने में लगा रही थीं. उन्होंने बुल्गारिया की राजधानी सोफ़िया और काला सागर के किनारे स्थित शहर सोज़ोपोल में लाखों डॉलर की संपत्ति ख़रीदी. अपने ख़ाली वक़्त में डॉक्टर रुजा अपनी महंगी और आलीशान याट, द डेविना में बड़ी-बड़ी दावतें देती थीं. जुलाई 2017 में हुई ऐसी ही एक पार्टी में अमरीकी पॉप स्टार बेब रेक्चा ने भी एक निजी कार्यक्रम पेश किया था.

Jamie Bartlett and the Davina
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Jamie Bartlett and the Davina

बेहद कामयाब आवरण होने के बावजूद, डॉक्टर रुजा के वनकॉइन के साम्राज्य में मुश्किलों का तूफ़ान उमड़ने लगा था. वनकॉइन के सिक्कों को असली नक़दी में बदलने के लिए एक एक्सचेंज खोलने का वादा किया गया था. लेकिन, उस में बार-बार देर हो रही थी. और अब निवेशकों की चिंताएं बढ़ती ही जा रही थीं.

यूरोपीय वनकॉइन निवेशकों की इन चिंताओं को पुर्तगाल की राजधानी लिस्बन में दूर किया जाना था. जहां डॉक्टर रुजा को अक्टूबर 2017 में एक कार्यक्रम में आना था.

लेकिन, जब वो दिन आया, तो वक़्त की बेहद पाबंद डॉक्टर रुजा आईं ही नहीं.

इस सम्मेलन में शामिल हुए एक प्रतिनिधि ने बताया कि, 'वो रास्ते में हैं. किसी को नहीं पता था कि वो वहां नहीं है.' बार-बार की जा रही फ़ोन कॉल और मैसेज का कोई जवाब नहीं दिया जा रहा था. सोफ़िया स्थित वनकॉइन के मुख्यालय, जहां पर उन की मौजूदगी लोगों में एक ख़ौफ़ पैदा करती थी, उन्हें भी नहीं पता था कि रुजा कहां हैं. डॉक्टर रुजा ग़ायब हो गई थीं. कुछ लोगों को ये डर था कि या तो उन्हें बैंकों ने अगवा कर लिया है या फिर रुजा को मार दिया गया है. उन्हें बताया गया था कि क्रिप्टोकरेंसी की इस क्रांति से बैंकों को ही सब से ज़्यादा ख़तरा है.

जब कि हक़ीक़त ये थी कि डॉक्टर रुजा अंडरग्राउंड हो गई थीं. पिछले साल की शुरुआत में अदालत में पेश एफ़बीआई के दस्तावेज़ों के मुताबिक़, लिस्बन के सम्मेलन से दूर रहने के महज़ दो हफ़्तों बाद ही डॉक्टर रुजा ने रियान एयर की एक फ्लाइट पकड़ी थी और वो सोफ़िया से एथेंस के लिए रवाना हुई थी. इस के बाद से उन के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली. वो आख़िरी बार था जब किसी ने रुजा को देखा था या फिर उन के बारे में सुना था.

मल्टीलेवल मार्केटिंग का सब से कामयाब उत्पाद

इगोर अल्बर्ट्स ने सब कुछ काला और सुनहरा पहना हुआ है. काले और सुनहरे जूते, काले और सोने के रंग वाला सूट, काली सुनहरी कमीज़, काला और सुनहरा चश्मा और उन की उंगली में एक मोटी काली और सुनहरे रंग की अंगूठी भी है. इगोर के बदन पर जो कुछ भी है, वो डोल्चे और गबाना का ही है.

वो कहते हैं कि, 'जब आप मेरे कपड़ों को देखते हैं, तो उन में आप को अनुशासन दिखता है.' उन की पत्नी एंड्रिया सिम्बाला सहमति में सिर हिलाती हैं. वो ये भी बताती हैं कि जब इगोर सो कर उठते हैं, तो अगर उन्होंने गुलाबी अंडरवियर पहना, तो फिर वो सब कुछ गुलाबी ही पहनते हैं. फिर चाहे वो कमीज़ हो, पतलून हो या फिर जैकेट

Igor Alberts and Andreea Cimbala outside their house
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Igor Alberts and Andreea Cimbala outside their house

वो, नीदरलैंड के एम्सटर्डम के बाहरी हिस्से में स्थित बेहद पॉश इलाक़े में एक विशाल मकान में रहते हैं. उन की कोठी के सामने 10 फुट ऊंचा लोहे का फाटक लगा है. इस पर इगोर और उनकी पत्नी एंड्रिया का नाम खुदा हुआ है. साथ ही में लिखा है, 'पता नहीं कौन सा ख़्वाब पूरा हो.' कोठी के बाहर महंगी कारें मासेराती और एस्टन मार्टिन खड़ी हुई हैं.

इगोर अल्बर्ट्स की परवरिश एक ग़रीब मुहल्ले में हुई थी. उस के बाद वो नेटवर्क मार्केटिंग या मल्टीलेवल मार्केटिंग (MLM) के कारोबार से जुड़ गए. इस की मदद से वो ख़ूब कमाई करने लगे. ढेर सारे पैसे कमाए. इगोर का दावा है कि उन्होंने पिछले तीस बरस में मल्टी लेवल मार्केटिंग से क़रीब 10 करोड़ यूरो कमाए हैं.

मल्टीलेवल मार्केटिंग ऐसे काम करती है. मैं लोगों को विटामिन की गोलियां सीधे लोगों को बेचने के लिए 100 पाउंड की रक़म अदा करता हूं. मैं गोलियों का एक डिब्बा अपने दोस्तों जॉर्जिया और फिल को बेचता हूं. इस बिक्री से मुझे थोड़े पैसे मिलते हैं. फिर मैं जॉर्जिया और फिल को भी इस मार्केटिंग की चेनमें शामिल कर लेता हूं. फिर वो जो भी बेचते हैं, उस का एक हिस्सा मुझे मिलता है. उन्हें मेरी टीम की डाउनलाइन कहते हैं. फिल और जॉर्जिया भी दो-दो और लोगों को अपने साथ जोड़ते हैं. फिर ये चारों भी अपने साथ दो-दो और लोगों को जोड़ लेते हैं. और ये कड़ी बढ़ती जाती है. बहुत जल्द ये सिलसिला इतना बड़ा हो जाता है कि 25 कड़ियों बाद ब्रिटेन का कमोबेश हर नागरिक विटामिन की गोलियां बेचता नज़र आएगा. और, चूंकि ये सिलसिला या डाउनलाइन मैंने शुरू किया था, तो इन सभी की बिक्री में से एक हिस्सा मुझे मिलेगा.

मल्टीलेवल मार्केटिंग अवैध नहीं है. एमवे और हर्बालाइफ जैसी बड़ी कंपनियां इसी कारोबारी नुस्खे से अपने कारोबार का विस्तार करती हैं. लेकिन, मल्टीलेवल मार्केटिंग विवादास्पद है. क्योंकि, आम-तौर पर बहुत कम लोग ही सारा मुनाफ़ा उड़ा ले जाते हैं. मल्टीलेवल मार्केटिंग मुनाफ़े के बड़े-बड़े वादे और ख़ूब बिक्री के दबाव के लिए भी बदनाम है. जब बेचने के लिए कोई क़ीमती चीज़ नहीं होती, और सारा पैसा केवल दूसरे लोगों को इस कड़ी से जोड़ कर ही कमाया जाता है, तो ये अवैध हो जाता है. तब इसे लोग पिरामिड योजना के नाम से बुलाते हैं.

मई 2015 में, जब इगोर अल्बर्ट्स एक कामयाब एमएलएम विक्रेता के तौर पर स्थापित हो चुके थे, तब उन्हें दुबई में वनकॉइन के एक कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया. दुबई में इगोर की मुलाक़ात बहुत से लोगों से हुई. ज़ाहिर है ये सभी लोग इस नई डिजिटल करेंसी से ख़ूब धन कमाने के इरादे से आए थे. वहां पर, डॉक्टर रुजा ने भी इगोर पर गहरा असर छोड़ा. वो राजकुमारी के लिबास में कार्यक्रम में शामिल हुई थीं. उन्होंने लोगों को एक वित्तीय क्रांति के सपने को बेचा.

दुबई से इगोर एक नए मिशन के इरादे के साथ लौटे. उन्होंने अपनी सेल्स टीम को निर्देश दिया कि वो अभी जो भी कर रहे हैं उसे रोक दें और अब केवल वनकॉइन बेचना शुरू कर दें. इगोर बताते हैं कि, 'हमने टीमों को इकट्ठा किया और दीवानों की तरह काम करने लगे. पहले महीने में हम ने शून्य से 90 हज़ार यूरो की रक़म बनाई. ज़बरदस्त!'

Andreea Cimbala and Igor Alberts
What Dreams May Come
Andreea Cimbala and Igor Alberts

डॉक्टर रुजा की काबिलियत इस बात में थी कि उन्होंने बड़ी-बड़ी डाउनलाइन या टीमों वाले मल्टीलेवल मार्केटिंग के कारोबारियों को पकड़ा. क्योंकि उन के ज़रिए रुजा के इस फ़र्ज़ी सिक्के की मार्केटिंग करना और उस को बेच पाना बहुत आसान था. ये एक ऐसी योजना थी, जिसके बारे में एफबीआई का दावा है कि रुजा इसे कुछ ख़ास लोगों के बीच में, 'वॉल स्ट्रीट की चुड़ैल का एमएलएम से गठजोड़' कहती थीं. वनकॉइन की कामयाबी का यही राज था. ये केवल एक फ़र्ज़ी क्रिप्टोकरेंसी भर नहीं थी. ये पुराने तौर-तरीक़े वाली पिरामिड योजना थी. इस का उत्पाद था वनकॉइन का फ़र्ज़ी डिजिटल सिक्का. अब इस में कोई चौंकाने वाली बात नहीं कि इस की शोहरत जंगल की आग की तरह फैली.

बहुत जल्द ही इगोर अल्बर्ट्स वनकॉइन बेच कर हर महीने दस लाख यूरो से भी ज़्यादा कमाई कर रहे थे. जल्द ही ये नेटवर्क मार्केटिंग का सब से बड़ा उत्पाद बन गया. इगोर अल्बर्ट्स कहते हैं कि, 'कोई और कंपनी तो इस के आस-पास भी नहीं पहुंच सकी.'

इगोर अल्बर्ट्स और एंड्रिया सिम्बाला ने वनकॉइन बेच कर जो कमाई की, इस का 60 फ़ीसद हिस्सा नक़द में भुगतान किया गया. (आख़िरी दिनों में ये रक़म हर महीने क़रीब बीस लाख यूरो के आस-पास थी.) और बाक़ी का भुगतान उन्हें वनकॉइन के तौर पर किया जा रहा था. इस धंधे में शामिल बाक़ी लोगों की तरह इगोर और एंड्रिया को भी इस बात का यक़ीन था कि वो ख़ूब कमाई कर रहे हैं.

इगोर बताते हैं कि, 'मैं ने हिसाब लगाया कि इस धरती का सब से अमीर इंसान बनने के लिए मुझे कितने सिक्के चाहिए. मैं ने एंड्रिया से कहा कि हमें 10 करोड़ सिक्के जुटाने होंगे. क्योंकि जब ये 10 करोड़ सिक्के, 10 करोड़ यूरो में तब्दील होंगे, तो ये हमें बिल गेट्स से भी धनी बना देंगे. यही गणित है. ये बहुत आसान है.'

Andreea Cimbala and Igor Alberts
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मल्टीलेवल मार्केटिंग के नेटवर्क का मिज़ाज ऐसा होता है कि जब लोग ऐसे इंसानों को इस नेटवर्क के साथ जोड़ते हैं, तो उनके प्रति एक जवाबदेही का एहसास होता है. किसी पर भी आरोप लगाना आसान नहीं होता. और अगर विक्रेताओं ने किसी योजना में ख़ुद का पैसा लगाया हो, तो वो भी इस के शिकार हो जाते हैं.

लिस्बन के कार्यक्रम से डॉक्टर रुजा के ग़ैरहाज़िर रहने के बाद, एक समय ऐसा आया जब जेन मैकएडम की ही तरह इगोर ने भी कंपनी से ब्लॉकचेन की मौजूदगी का सबूत मांगा. उन्हें भी कोई सबूत मुहैया नहीं कराया गया. और दिसंबर 2017 में उन्होंने वनकॉइन का साथ छोड़ दिया.

मैंने इगोर से पूछा कि क्या वो ख़ुद को मुजरिम समझते हैं. क्योंकि उन्होंने इतने सारे लोगों को ऐसे सिक्के में निवेश करने के लिए राज़ी किया, जो असल में था ही नहीं. और इस के ज़रिए उन्होंने ख़ूब पैसा भी कमाया.

इगोर इस सवाल के जवाब में कहते हैं कि, 'मैं ने ख़ुद को दोषी तो नहीं माना. मगर मुझे एक ज़िम्मेदारी का एहसास ज़रूर होता है. आप किसी को इस बात के लिए दोषी नहीं ठहरा सकते कि उस ने किसी बात पर यक़ीन किया. मुझे इस बात का कोई अंदाज़ा नहीं था कि ये झूठ हो सकता है. मुझे तो ये भी नहीं पता था कि ब्लॉकचेन क्या होती है…मेरे ज़हन में क्या शक पैदा हो सकता था?'

इगोर इशारा करते हैं कि उन्होंने ख़ुद भी वनकॉइन ख़रीदने में लाखों ख़र्च किए. ये शायद उनके जानने वालों से में सब से ज़्यादा रक़म थी.

इस के उलट, जेन मैकएडम कहती हैं कि उनके दिल पर बहुत बड़ा बोझ है. मैं ने उन से पूछा कि उन्होंने वनकॉइन बेच कर कितने कमाए, तो वो कहती हैं कि तीन हज़ार यूरो ही थे. इन में से 1800 यूरो उन्हें नक़द मिले. इस रक़म को भी उन्होंने वनकॉइन ख़रीदने में ख़र्च कर दिया.

जेन को उन लोगों के लिए पछतावा है, जिन्हें उन्होंने वनकॉइन से रूबरू कराया. वो कहती हैं कि उन्हें सब से ज़्यादा अफ़सोस अपने मरहूम पिता के लिए है. उन्होंने सारी उम्र बड़े मुश्किल हालात में मेहनत से काम किया और उन्हें पैसे दिए. लेकिन, जेन ने ये पैसे यूं ही बर्बाद कर दिए.

पैसे का पीछा करना

इस बात का पता लगाना मुश्किल है कि वनकॉइन में लोगों ने कितनी रक़म लगाई थी. बीबीसी को लीक हुए दस्तावेज़ों से पता चलता है कि अगस्त 2014 से मार्च 2017 के बीच इस में 4 अरब यूरो का निवेश किया गया था. मुझे एक से ज़्यादा लोगों ने ये भी बताया कि वनकॉइन में 15 अरब यूरो से ज़्यादा का निवेश भी हो सकता है.

पत्रकारिता में एक कहावत मशहूर है-पैसे का पीछा करो. तो, मैं द मिसिंग क्रिप्टोक्वीन पॉडकास्ट की प्रोड्यूसर जॉर्जिया कैट के साथ ओलिवर बुलो से मिलने गया. ओलिवर ख़ुद को मनीलैंड का विशेषज्ञ कहते हैं. मनीलैंड यानी वो काली दुनिया जहां अपराधी और बेहद अमीर लोग अपनी संपत्ति छुपाते हैं. ओलिवर कहते हैं कि समस्या ये है कि पैसे का पीछा करना जितना सुनने में आसान लगता है, उतना असल में है नहीं. क्योंकि अपराधी अपनी कंपनियों और बैंक खातों की ऐसी संरचना बनाते हैं कि कि उन का धन इस मकड़जाल में गुम हो जाता है. ब्रिटेन में हे-ऑन-वाय के पास अपने घर के बागीचे में बैठ कर ओलिवर हमें बताते हैं कि, 'वो रक़म मौजूद तो होती है. आप उन्हें आलीशान मकान और शानदार याट ख़रीदने में ख़र्च कर सकते हैं. लेकिन, अगर कोई उस पैसे को तलाशने की कोशिश करता है, तो वो अदृश्य हो जाती है. फिर चाहे वो कोई पत्रकार हो या फिर पुलिस.'

A page on the OneCoin website
OneCoin
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ऐसे में इस बात पर कोई अचरज नहीं होना चाहिए कि वनकॉइन की कॉरपोरेट संरचना भी बेहद पेचीदा है. इस की एक मिसाल देखिए: रुजा ने सोफ़िया के बीचो-बीच एक विशाल संपत्ति ख़रीदी. तकनीकी रूप से इस संपत्ति पर वन प्रॉपर्टी नाम की कंपनी का मालिकाना हक़ था. वन प्रॉपर्टी की मालिक एक और कंपनी थी, जिस का नाम था रिस्क लिमिटेड. रिस्क लिमिटेड की मालकिन रुजा थीं. लेकिन, उन्होंने ये कंपनी पनामा के रहने वाले किसी गुमनाम शख़्स के नाम कर दी. मज़े की बात ये है कि कंपनी तो पनामा के उस अनजान शख़्स के नाम हो गई. मगर इस का प्रबंधन पेरागॉन नाम की कंपनी के पास था. और पेरागॉन की की मालकिन एक और कंपनी थी, जिस का नाम था आर्टेफिक्स, जिस की मालकिन रुजा की मां वेस्का थीं. और फिर 2017 में आर्टेफिक्स को 20 साल के आस-पास की उम्र के एक अनजान शख़्स को बेच दिया गया.

ओलिवर इस पेचीदा मकड़जाल जैसी व्यवस्था को एक 'असंभव मानक' कहते हैं.

एक फ्रेंच पत्रकार मैक्सिम ग्रिम्बर्ट ने कई महीनों तक वनकॉइन की कॉरपोरेट संरचना को समझने की कोशिश की. उन्होंने इस से जुड़ी ज़्यादा से ज़्यादा कंपनियों के नाम और बैंक के खातों का पता लगाने की कोशिश की. मैं ने मैक्सिम की मेहनत के नतीजों को ओलिवर को दिखाया, जिन्होंने फ़ौरन इस बात को पकड़ लिया कि इस में कई कंपनियां तो ब्रिटेन में ही रजिस्टर्ड थीं. ओलिवर कहते हैं कि, 'अक्सर ऐसे फ़र्ज़ीवाड़े करने वाले ब्रितानी कंपनियों को ही तरज़ीह देते हैं. क्यों कि उन्हें खड़ी करना आसान होता है और वो क़ानूनी रूप से वैध भी लगती हैं.'

वो उस लिस्ट में से पहली कंपनी का नाम लेकर उसे ब्रिटेन की कंपनीज़ हाउस वेबसाइट पर तलाशते हैं. ब्रिटेन में हर कारोबार को पारदर्शी होना चाहिए. वेबसाइट में हर उस कंपनी के बारे में जानकारी दर्ज है जो ब्रिटेन में रजिस्टर्ड है. माना जाता है कि ये वेबसाइट भ्रष्टाचार निरोध का बड़ा ज़रिया है. ओलिवर कहते हैं कि, 'हमें अपने देश में इस व्यवस्था पर बहुत गर्व है. लेकिन, समस्या ये है कि जब आप कोई कंपनी खड़ी करते हैं, तो कोई भी आप की दी हुई जानकारी को नहीं जांचता है.'

ओलिवर वेबसाइट में उस कंपनी के टैक्स फ़ाइल करने के इतिहास की पड़ताल करते हैं. लेकिन, जहां पर आप को कंपनी के खातों का हिसाब दिखना चाहिए, वहां कुछ भी नहीं है. ओलिवर चौंकते हुए बताते हैं कि, 'देखो, इन का यही तरीक़ा है. यहां कुछ नहीं हुआ है. उन्होंने अपने बारे में कोई वित्तीय जानकारी नहीं दी है.' फिर, ओलिवर कंपनी के मालिकों के बारे में पता लगाने की कोशिश करते हैं. हाल ही में ब्रिटेन की सरकार ने इस बात पर ज़ोर देना शुरू किया है कि कंपनियों को उन लोगों के नाम बताने होंगे, जिन का किसी कंपनी में स्वामित्व है. जो उस के असल मालिक हैं.

वेबसाइट को आगे बढ़ाते हुए ओलिवर कहते हैं कि, 'इस नियम का मतलब है कि आप अब ब्रिटिश कंपनी की आड़ में अपना फ़र्ज़ीवाड़ा नहीं छुपा सकते. हे भगवान, उन्होंने तो कंपनी के सब से ज़्यादा शेयर रखने वाले तक का नाम नहीं लिखा. ये तो अवैध है. ये तो गुमनाम शेल कंपनी है. ये तो ठीक वैसा ही है जैसी कंपनी आप सेशेल्स, सेंट किट्स ऐंड नेविस, वानुआतू या मार्शल आइलैंड्स में ख़रीद सकते हैं.'

पैसे का पीछा करने का ये नतीजा निकला. आज आपस में जुड़ी हुई दुनिया की अर्थव्यवस्था में संपत्तियां अचानक लापता हो जाती हैं. और आप केवल सायों का पीछा करते रह जाते हैं.

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और जब आप का सामना अरबों यूरो के घोटाले से हो, तो ये बात बिल्कुल भी असामान्य नहीं है कि इस काम में कई ऐसे संगठन भी शामिल हों, जिन के किरदार स्याह हों. मैं ने और जॉर्जिया ने कई ऐसे लोगों के इंटरव्यू लिए जिन्होंने बड़े राज़दाराना अंदाज़ में कुछ रहस्यमयी लोगों के बारे में बताया. पर, साथ ही ये भी कहा कि वो उन का नाम नहीं लेना चाहते.

ब्योर्न बियर्क कहते हैं कि, 'जब आप वनकॉइन में लगाए गए पैसे की बात करते हैं, तो, उन लोगों की नाराज़गी की बात करते हैं, जो मेरे जैसे इंसान से बेहद ख़फ़ा हैं और हमारा मुंह बंद करना चाहते हैं.'

ब्योर्न बियर्क ब्लॉकचेन के वो विशेषज्ञ हैं जिन्होंने इस सच से पर्दा उठाया था कि वनकॉइन के पास कोई ब्लॉकचेन नहीं है. उन्होंने इस के बारे में खुल कर बात करनी शुरू कर दी थी.

वो मुझे बताते हैं कि उन्हें इस के बाद से ही जान से मारने की धमकियां मिलने लगी थीं. बियर्न कहते हैं कि, 'अगर मुझे पता होता कि मुझे किन हालात से गुज़रना पड़ेगा, तो मैं कभी इस बात का पर्दाफ़ाश नहीं करता. कभी हक़ीक़त उजागर नहीं करता. मैं इस सच्चाई से मुंह मोड़ लेता और इस विवाद के ख़ुद को दूर कर लेता.'

Bjorn Bjercke on Norwegian television
NRK
Bjorn Bjercke on Norwegian television

जब मैं ने उन से पूछा कि इन धमकियों के पीछे किस का हाथ हो सकता है, तो उन्होंने इस बारे में विस्तार से नहीं बताया. ब्योर्न बियर्क ने बस ये कहा कि, 'मैं इस बारे में चर्चा नहीं कर सकता हूं. क्योंकि ये बहुत बहुत डरावनी दिशा में चल पड़ता है. और बड़ी तेज़ी से बात फैल जाती है.' बियर्क के मुताबिक़, डॉक्टर रुजा को इस बात की क़तई उम्मीद नहीं थी कि उनका वनकॉइन इतना विस्तार ले लेगा. जो लोग इस की शुरुआत से ही साथ थे, उन्होंने डॉक्टर रुजा को बताया था कि ये कोई अरबों डॉलर का घोटाला नहीं होगा. ब्योर्न बियर्क कहते हैं कि बाद में रुजा ने इसे बंद करने की कोशिश की, लेकिन स्याह ताक़तों ने डॉक्टर रुजा को इस की इजाज़त नहीं दी.

बियर्क का कहना है कि, 'जब वनकॉइन एक करोड़, दो करोड़ या फिर तीन करोड़ का दायरा फांद रहा था, तो कुछ न कुछ ऐसा ज़रूर हुआ, जिस के बाद रुजा के हाथ से नियंत्रण निकल गया. वो इसे चाह कर भी रोक नहीं सकीं. मुझे लगता है कि वो 2017 के पतझड़ के दिनों में इतना डर गई थीं कि उन्होंने लिस्बन के सम्मेलन से दूरी बना ली.'

मल्टीलेवल मार्केटिंग विक्रेता इगोर अल्बर्ट्स भी इस घोटाले में 'बड़े असरदार लोगों' की भागीदारी के बारे में बात करते हैं.

जब मैं ने इस बारे में उन से और जानकारी मांगी, तो उन का जवाब था, 'नहीं, मैं वो नहीं बता सकता, क्योंकि मैं, अपनी ज़िंदगी के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहता.'

Konstantin Ignatov
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Konstantin Ignatov

ये साफ़ नहीं है कि ब्योर्न बियर्क और इगोर अल्बर्ट्स किन लोगों के बारे में बात कर रहे थे या फिर वो दोनों ही एक तरह के लोगों के बारे में ही चर्चा कर रहे थे. लेकिन, अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ़ जस्टिस का दावा है कि उस के पास इस घोटाले का 'पूर्वी यूरोप के संगठित आपराधिक गिरोहों के अहम लोगों', और रुजा के भाई कॉन्सटैंटिन इग्नातोव से ताल्लुक़ के सबूत हैं. जब डॉक्टर रुजा लापता हो गई थीं, तो वनकॉइन को चलाने का काम रुजा के भाई कॉन्सटैंटिन ने अपने हाथ में ले लिया था.

ये 'परिवार के अंदर' की बात है

6 मार्च 2019 को कॉन्सटैंटिंन इग्नातोव, अमरीका के लॉस एंजेलेस हवाई अड्डे पर मौजूद था. वो अमरीका में वनकॉइन से जुड़ी कुछ बैठकों के लिए आया था. और अब हवाई अड्डे पर बुल्गारिया वापस जाने की फ्लाइट पकड़ने का इंतज़ार कर रहा था. लेकिन, उस के विमान पर सवार होने से पहले ही एफबीआई के एजेंटों ने उसे अपनी गिरफ़्त में ले लिया. उसे हवाई अड्डे से ही गिरफ़्तार किया गया, और कॉन्सटैंटिंन पर वनकॉइन के फ़र्ज़ीवाड़े के अभियोग लगाए गए. ठीक इसी समय अमरीकी अधिकारियों ने डॉक्टर रुजा पर उन की ग़ैरमौजूदगी में डिजिटल फ़र्ज़ीवाड़े, सुरक्षा के फ़र्ज़ीवाड़े और मनी लॉन्डरिंग के अभियोग भी लगाए.

मज़े की बात ये है कि इस के बाद भी वनकॉइन के काम का सिलसिला थमा नहीं. और लोग इस में लगातार निवेश करते रहे. जब एक महीने बाद मैं ने जॉर्जिया के साथ सोफ़िया का दौरा किया, तो डॉक्टर रुजा की निजी कोठी बंद और ख़ाली मालूम हुई. लेकिन, वनकॉइन के दफ़्तर को देख कर ऐसा लगा कि ये एक व्यस्त दफ़्तर है.

Igor Alberts and Andreea Cimbala outside their house
Alamy
Igor Alberts and Andreea Cimbala outside their house

सवाल ये है कि इन सभी सबूतों के बावजूद आख़िर इतने सारे लोग वनकॉइन पर भरोसा क्यों करते रहे?

कई बार निवेशकों ने हमें बताया कि शुरुआत में उन्हें इस में दिलचस्पी इसलिए हुई, क्योंकि उन्हें इस बात की आशंका थी कि उन के हाथ से एक बड़ा मौक़ा निकल जाएगा. वो बड़े रश्क़ के साथ उन लोगों के क़िस्से पढ़ा करते थे कि किस तरह लोगों ने बिटकॉइन में निवेश कर के ख़ूब पैसे कमाए. ऐसे में उन्हें ये लगता था कि वनकॉइन उन के लिए जीवन का दूसरा मौक़ा ले कर आया है. बहुत से लोग 'दूरदर्शी' डॉक्टर रुजा के व्यक्तित्व और लोगों को समझा लेने की उनकी प्रतिभा के क़ायल हो गए. निवेशकों ने तकनीक भले न समझी हो, लेकिन, वो ये तो देख रहे थे कि वो लोगों की भीड़ को संबोधित कर रही थीं या फिर इकोनॉमिस्ट कॉफ्रेंस में शिरकत कर रही थीं. उन्हें, रुजा की तमाम डिग्रियां दिखाई जाती थीं. फ़ोर्ब्स पत्रिका की कॉपी दिखाई जाती थीं, जिस में पहले पन्ने पर रुजा का पोर्ट्रेट छपा था.

इस में कोई शक नहीं कि रुजा की डिग्रियां असली हैं. लेकिन, फ़ोर्ब्स पत्रिका का कवर नहीं. हक़ीक़त ये है कि ये फ़ोर्ब्स के अंदर के पन्नों पर छपा था. और इसे, फ़ोर्ब्स बुल्गारिया को पैसे देकर विज्ञापन के तौर पर छपवाया गया था. लेकिन, जब असल कवर को फाड़ कर हटा दिया गया, तो ये बहुत असरदार दिखने लगा.

लेकिन, ऐसा लगता है कि केवल अमीर होने के सपने पर यक़ीन की वजह से ही लोगों ने निवेश नहीं किया. जब जेन मैकएडम ने वनकॉइन में अपने पैसे लगा दिए, तो उन्हें लगातार बताया जाने लगा कि वो वनकॉइन 'परिवार' का हिस्सा हैं. उन्हें एक व्हाट्सऐप ग्रुप से भी जोड़ लिया गया. इस का अपना ग्रुप लीडर था, जो सोफ़िया स्थित मुख्यालय से मिली जानकारी का प्रचार करता था. और, जेन मैकएडम के ग्रुप लीडर ने उन्हें बड़ी सावधानी से उन लोगों से बात करने के लिए तैयार किया, जिन्हें वनकॉइन की असलियत पर संदेह था.

वो याद करते हुए बताती हैं कि, 'आप को कहा जाता है कि आप 'बाहर की दुनिया' की किसी भी बात का यक़ीन न करें. वो ऐसे ही कहते हैं. वो बिटकॉइन वालों को नफ़रत करने वाले कहते थे. यहां तक कि गूगल को भी. गूगल की बात मत मानो.' कोई भी आलोचना या मुश्किल सवाल पूछने से लोगों को हमेशा हतोत्साहित किया जाता था. जेन को बताया जाता था कि, 'अगर आप के अंदर नकारात्मकता है तो आप को इस ग्रुप का हिस्सा नहीं होना चाहिए.'

लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स की प्रोफ़ेसर एईलीन बार्कर ने मूनीज़ और साइंटोलॉजिस्ट्स जैसे समूहों के बारे में अध्ययन करने में कई साल ख़र्च किए हैं. प्रोफ़ेसर बार्कर कहती हैं कि नए दौर के ऐसे मसीहाई समूहों और वनकॉइन में कई समानताएं हैं. ऐसे समूहों में शामिल लोगों को ये लगता है कि वो किसी ऐसी बड़ी चीज़ का हिस्सा हैं, जो दुनिया को बदल देगी. और भले ही सबूत चाहे जो कहें, एक बार वो ऐसे समूह का हिस्सा बन गए, तो उन के लिए ये बात मानना बहुत मुश्किल हो जाता है कि वो ग़लत हैं.

प्रोफ़ेसर एईलीन बार्कर कहती हैं कि, 'जब कोई भविष्यवाणी ग़लत हो जाती है, तो वो और मज़बूती से भरोसा करने लगते हैं. ख़ास तौर से अगर आप ने इस में कुछ निवेश किया है. सिर्फ़ पैसा नहीं, बल्कि अपना यक़ीन, प्रतिष्ठा और अक़्लमंदी. फिर आप को लगता है कि थोड़ा और इंतज़ार कर लेते हैं.'

Ruja Ignatova
Shutterstock / Paul Hampartsoumian
Ruja Ignatova

शुरुआत में भले ही लोग पैसे के लालच में निवेश करते हों, लेकिन फिर एक लगाव हो जाता है. लोग ये सोचते हैं कि वो कुछ ख़ास कर रहे हैं. बड़ी उपलब्धि हासिल करने की तरफ़ बढ़ रहे हैं. इसी वजह से लोग उस से जुड़े रहते हैं. प्रोफ़ेसर बार्कर कहती हैं कि, 'ये जज़्बात एक धार्मिक समुदाय की तरह होते हैं.'

एक आदर्श दुनिया में नियामक संस्थाएं ग्राहकों को वनकॉइन जैसे घोटालों से बचाने के लिए तुरंत कार्रवाई करेंगी. लेकिन, पूरी दुनिया में ऐसे घोटालों के प्रति अधिकारियों का रवैया ढिलाई वाला रहा है. इस की एक वजह ये भी है कि क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया अभी नई विकसित हुई है.

ब्रिटेन की फ़िनांशियल कंडक्ट अथॉरिटी (FCA) के पास ही देश में वित्तीय बाज़ार को नियंत्रित करने की ज़िम्मेदारी है. उस सितंबर 2016 में जा कर अपनी वेबसाइट पर एक चेतावनी जारी की, 'हमें लगता है कि ग्राहकों को वनकॉइन से लेन-देन करते वक़्त सावधान रहना चाहिए. हमें इस बात की फ़िक्र है कि ब्रिटेन के ग्राहकों को इस से ख़तरे हो सकते हैं.'

लेकिन, एक साल भी नहीं बीता था कि ये चेतावनी भी एफसीए की वेबसाइट से हटा ली गई. एफ़सीए का कहना था कि ये चेतावनी काफ़ी वक़्त तक वेबसाइट पर डाली गई थी, जो पर्याप्त थी. लेकिन, वनकॉइन के मालिकों ने इसे ये कह कर प्रचारित किया कि एफ़सीए भी ये मानता है कि वनकॉइन में निवेश क़ानूनी रूप से वैध है.

अल्बर्टा कनाडा के रहने वाले वनकॉइन के एक प्रमोटर ने ऑनलाइन वीडियो पोस्ट कर के एफ़सीए के इस क़दम के बारे में कहा कि, 'ये मिल गया जवाब. सीधे अधिकारियों की तरफ़ से. अगर आप अब भी ये सोचते हैं कि हम एक फ़र्ज़ी कंपनी हैं, तो सोचिए कि क्या वो चेतावनी हटाई जाती. नहीं ना. तो ख़ेल ख़त्म.'

वनकॉइन से जुड़े हुए कई आयोजन ब्रिटेन में तब हुए थे जो एफ़सीए ने अपनी वेबसाइट से इस के बारे में चेतावनी हटा ली थी. इस के बाद भी निवेश का सिलसिला जारी रहा. बीबीसी ने जब एफ़सीए से उस की प्रतिक्रिया जाननी चाही, तो, उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.

अधिकारियों को वनकॉइन के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने में इसलिए भी दिक़्क़त हुई क्योंकि वनकॉइन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम कर रहा था. अगस्त 2019 में लंदन पुलिस ने वनकॉइन से जुड़ी दो साल से चल रही जांच बंद कर दी थी. लंदन पुलिस ने इस बारे में एक बयान में कहा कि, 'वनकॉइन को चलाने वाली कंपनियां और लोग ब्रिटेन के न्यायिक अधिकार क्षेत्र से बाहर हैं. हम ब्रिटेन में उन की संपत्तियों की तलाश करने में नाकाम रहे हैं, जिन्हें ज़ब्त कर के ब्रिटेन के निवेशकों की भरपाई की जा सके.'

वनकॉइन घोटाले से प्रभावित लोगों के लिए ऐसी सफ़ाइयां कोई राहत नहीं मुहैया कराती हैं. जब जेन मैकएडम ने ये ख़बर सुनी तो उन्होंने मुझे बताया कि, 'मैं बर्बाद हो गई हूं. मुझे ब्रिटेन के सभी पीड़ितों से हमदर्दी है.' अब जेन, वनकॉइन के निवेशकों के लिए एक ऐसा व्हाट्सऐप ग्रुप चलाती हैं,जिन्हें ये एहसास हो गया है कि उन्हें बेवक़ूफ़ बनाया गया है. वो कहती हैं कि, 'हमारी कौन मदद कर रहा है. कौन हमें सहयोग दे रहा है. अब तो और ज़्यादा लोग इसे प्रचारित करेंगे. ये तो वनकॉइन के घोटालेबाज़ों को एक तरह से हरी झंडी है कि वो ब्रिटेन के मासूम लोगों से और पैसे ऐंठते रहें. इस के बारे में कुछ भी नहीं किया गया. उन्हें कोई फ़र्क़ ही नहीं पड़ता.'

लंदन पुलिस ने बीबीसी को बताया कि, 'ब्रिटेन में इस से संबंधित लोगों के ख़िलाफ़ आपराधिक प्रक्रिया शुरू करने के लिए सबूत अपर्याप्त थे. हालांकि हम ने कभी ये नहीं कहा कि वनकॉइन से फ़िक्र करने की कोई बात नहीं है. पुलिस ने इस मामले की जांच कर रही विदेशों की सहयोगी क़ानूनी एजेंसियों को इस बारे में मदद मुहैया कराई है और हम ऐसा आगे भी करते रहेंगे. अगर आप को लगता है कि आप वनकॉइन से जुड़े घोटाले के शिकार हैं या फिर आप को किसी पर शक है कि वो वनकॉइन का सरगर्मी से प्रचार कर रहा है, तो कृपया आगे बढ़ कर इस बात की सूचना एक्शन फ्रॉड ऑनलाइन को दीजिए.'

वनकॉइन का दफ़्तर अभी हाल के दिनों तक कारोबार के लिए खुला हुआ था. और बहुत से लोग इस डिजिटल करेंसी का प्रचार कर रहे थे.


युगांडा की तबाही का क़िस्सा

अफ्रीकी देश युगांडा का एनटैनगामो इलाक़ा, पड़ोसी रवांडा की सीमा से ज़्यादा दूर नहीं है. यहां के ज़्यादातर बाशिंदे केले की खेती कर के अपनी रोज़ी कमाते हैं. कभी-कभार वो कसावा, शकरकंद, बीन्स या मूंगफली की भी खेती करते हैं. 22 बरस के डेनियल लिएनहार्ट 2016 में इसी इलाक़े में आए थे, जब वो 7 लाख युंगाडा शिलिंग (250 डॉलर) जुटा रहे थे, ताकि वनकॉइन का स्टार्टर पैकेज ख़रीद सकें. डेनियल के पास 4 लाख शिलिंग पहले ही जमा हो चुके थे. और बाक़ी की रक़म जुटाने के लिए वो युगांडा की राजधानी कंपाला से अपने पुश्तैनी गांव लौट गए थे. उन्होंने अपने छोटे भाइयों की तीन पालतू बकरियों को लिया और उन्हें बेच दिया.

Villagers in Daniels village in the Ntangamo region
BBC
Villagers in Daniels village in the Ntangamo region

डेनियल बड़े अफ़सोस के साथ कहते हैं, 'मेरे पास कोई और रास्ता नहीं था.'

डेनियल, युगांडा के उन हज़ारों लोगों में से एक हैं, जिन्होंने डॉक्टर रुजा की फ़र्ज़ी क्रिप्टोकरेंसी को ख़रीदा था. और, बीबीसी के हाथ लगे वनकॉइन के वित्तीय दस्तावेज़ों से ये राज़ खुलता है कि जैसे-जैसे समय बीतता गया, डेनियल जैसे निवेशक वनकॉइन के लिए और भी महत्वपूर्ण बनते गए.

यूरोप में साल 2017 के पहले छह महीनों में साल 2016 के मुक़ाबले कम पैसे वनकॉइन में निवेश किए गए थे. लेकिन, अफ्रीका, मध्य-पूर्व और भारतीय उप-महाद्वीप में स्थिति इस के उलट थी. यानी, इन इलाक़ों से वनकॉइन में इस दौरान ज़्यादा निवेश किया गया. जैसे जैसे यूरोपीय देशों से निवेश घटने लगा, तो वनकॉइन को चलाने वालों ने युगांडा जैसे नए देशों में निवेशक तलाशने शुरू कर दिए.

डेनियल, मुझे और जॉर्जिया को प्रुडेंस से मिलाने ले गया. प्रुडेंस ने ही पहली बार डेनियल का परिचय वनकॉइन से कराया था. वो अभी भी दोस्त हैं. हालांकि अब दोनों को ये एहसास हो गया है कि ये एक घोटाला है.

प्रुडेंस, युगांडा की राजधानी कम्पाला के स्लम में काम करने वाली नर्स है. उस ने ये सोचा था कि वो वनकॉइन बेच कर इस से ज़्यादा पैसे कमा लेगी. तो फिर प्रुडेंस ने नए निवेशकों को वनकॉइन से जोड़ना शुरू कर दिया. एक वरिष्ठ प्रमोटर ने उसे ग्राहकों को लुभाने के लिए अच्छी सी कार भी दी. और उसे निर्देश दिया कि वो किसानों के पास तब जाए, जब उनकी फ़सल कट गई हो, और उनकी जेब में पैसे हों.

Daniel and Prudence (centre) with Jamie (centre-right)
BBC
Daniel and Prudence (centre) with Jamie (centre-right)

प्रुडेंस ने हमें बताया कि गांवों के लोग अक्सर, शहर से आने वालों पर आसानी से विश्वास कर लेते हैं. कई लोगों ने तो वनकॉइन के पैकेज ख़रीदने के लिए अपने पालतू जानवर बेच दिए, ज़मीनें बेच दीं. यहां तक कि कई लोगों ने अपने मकान तक बेच दिए. इस का नतीजा तबाही की सूरत में सामने आया.

प्रुडेंस ने बताया कि, 'उन में से कई लोगों के बच्चों के स्कूल छूट गए और अब वो घरों में बैठे हैं. किसी के पास सोने तक का ठिकाना नहीं बचा. कुछ भाग रहे हैं, क्योंकि उन्होंने बैंकों से क़र्ज़ लिए थे. कुछ निवेशक छुप गए हैं. कइयों के तो तलाक़ हो चुके हैं.'

अब अगर कोई भी निवेशक प्रुडेंस से ये सवाल करता है कि उन के लगाए पैसों से धन की बारिश कब होगी, तो वो उन्हें इंतज़ार करने को कहती है. उस के पास इन लोगों को सच बताने की ताक़त नहीं है.

प्रुडेंस कहती है कि, 'मैं किसी तरह ख़ुद को छुपा रही हूं. मैं नहीं चाहती कि मैं उन लोगों की आंख के सामने पड़ूं, जिन से मैं ने वनकॉइन में पैसे लगवाए हैं. वो मुझे आसानी से मार देंगे. उन्हें लगता है कि उन के पैसे मैं खा गई.'

प्रुडेंस कहती है कि हालांकि, अब ख़ुद उस ने नए लोगों को जोड़ना बंद कर दिया है. लेकिन, अभी भी कई ऐसे लोग हैं, जो भोले-भाले लोगों को वनकॉइन में पैसे लगाने के लिए बहका रहे हैं.

कम्पाला में वनकॉइन के तमाम दफ़्तरों में से एक का संबंध एक चर्च से है. एक वीडियो जो ऑनलाइन मौजूद है, उस में चर्च का मंत्री, जिसका नाम बिशप फ्रेड है, वो लोगों को प्रार्थना करा रहा है. इस के बाद वो कहता है-वन लाइफ़, और जनता जवाब देती है-वनकॉइन. हमें पता चला कि बिशप फ्रेड अब युगांडा में वनकॉइन के सब से बड़े प्रमोटरों में से एक है. हालांकि अब वो चर्च में प्रार्थना के दौरान इस का प्रचार नहीं करता है.

जैसा कि दूसरे देशों में हुआ, युगांडा में भी वनकॉइन का प्रसार नेटवर्क मार्केटिंग के ज़रिए हुआ. जिस में लोगों ने दोस्तों और परिजनों को इस के साथ जोड़ा. डेनियल और जॉर्जिया के साथ मैं डेनियल की मां से मिलने दक्षिणी युगांडा गया. वो कंक्रीट के एक मकान में रहती है जिस की छत टिन की है. इस घर में पांच कमरे हैं. एक छोटा टीवी है और खाना पकाने की छोटी सी जगह है. बाहर के दरवाज़े पर एक तौलिया लटका हुआ है. मकान से कुछ ही मीटर की दूरी पर डेनियल की मां के खेत हैं. इन्ही खेतों में डेनियल की मां अपने खाने के लिए फ़सल उगाती हैं. और, जो उन की ज़रूरत से बच जाता है, उसे स्थानीय बाज़ार में बेच देती हैं.

परिवार ने बड़ी मशक़्क़त से क़रीब तीन हज़ार पाउंड जोड़े थे. इस से वो मक्के की दुकान ख़रीदना चाहती थीं, ताकि डेनियल की मां को रोज़-रोज़ खेतों में काम न करना पड़े. लेकिन, जब डेनियल को वनकॉइन के बारे में पता चला, तो उसे लगा कि ये उस से काफ़ी बेहतर विकल्प है. हालांकि, डेनियल की मां के ज़हन में सवाल थे. पर, डेनियल ने मां को वनकॉइन में पैसे लगाने के लिए राज़ी कर लिया. उन के पास कोई कम्पूयटर नहीं था. न ही स्मार्टफ़ोन था कि वो ख़ुद से इस बारे में पड़ताल कर सकें.

Daniel with his mother
BBC
Daniel with his mother

डेनियल की मां भी अंग्रेज़ी नहीं बोल पाती हैं, तो मुझे ये जान कर बहुत हैरानी हुई कि डेनियल ने अपनी मां को कभी ये नहीं बताया कि उन के पैसे डूब गए हैं.

डेनियल कहते हैं कि, 'मैं ने उन्हें कभी सीधे तौर पर नहीं बताया कि ये नुस्खा काम नहीं करने जा रहा है. ये नहीं बताया कि कोई पैसे नहीं हैं. अब कोई उम्मीद भी नहीं है. मैं बस उन्हें ये बताता रहता हूं कि ये बदल रहा है. वो उसे टालते जा रहे हैं. मैं, कहता हूं कि वो पता नहीं क्या सोच रहे हैं. हो सकता है कि बस कुछ दिनों की देर हो. मैं ने उन्हें पूरी तरह से कभी नहीं बताया कि ऐसा अब नहीं होगा.'

मैं ने डेनियल से पूछा कि आख़िर उस ने अपनी मां को ये बात क्यों नहीं बताई, तो उस ने जवाब दिया, 'ये बहुत मुश्किल है. उन्हें बताना कठिन काम है.'

इस के बाद डेनियल की मां ने मुझे बताया कि जब उन्होंने मुझे और जॉर्जिया को देखा तो इसे एक शुभ संकेत माना. शायद अब उस के कमाए हुए पैसे आने वाले हैं. वो मुझ से पूछती हैं कि मैं वनकॉइन के बारे में क्या ख़बर लाया हूं? में डेनियल की तरफ़ देखता हूं. वो कहता है, 'शायद तुम उन्हें बता सकते हो….शायद.'

डेनियल को इस बात का भरोसा नहीं है कि शायद ये अच्छा आइडिया, है. शायद इस की वजह से वो मुश्किल में पड़ जाएगा. मैं वो इंसान नहीं बनना चाहता था, जिस ने डेनियल की मां को बुरी ख़बर दी.

तब, जॉर्जिया ने सुझा दिया कि हम डेनियल की मां को ये बताएं कि हम पत्रकार हैं और हम इस बात की पड़ताल कर रहे हैं कि आख़िर बहुत से लोगों को वनकॉइन के पैसे क्यों नहीं मिल पा रहे हैं.

डेनियल ने इस का अनुवाद अपनी मां को बताया, तो उन्होंने फ़ौरन जवाब दिया, 'अगर आप के पास ख़ुद का पैसा है और उसे ले लिया जाता है. तो, ज़िंदगी बहुत तनाव भरी हो जाती है. आप किसी चीज़ की योजना लंबे समय से बना रहे हैं. अगर वैसा नहीं होता है, तो ज़िंदगी दूभर हो जाती है.'

डॉक्टर रुजा, आप कहां हैं?

जब हम ने 2018 के आख़िरी दिनों में मिसिंग क्रिप्टोक्वीन पॉडकास्ट बनाने की योजना पर काम करना शुरू किया. तो, किसी को भी इस बात का इल्म नहीं था कि डॉक्टर रुजा को क्या हुआ? वो कहां लापता हो गईं? ये तो 2019 के शुरुआती दिनों में अमरीकी अधिकारियों ने ये राज़ खोला कि रुजा ने 25 अक्टूबर 2017, को एथेंस से फ्लाइट पकड़ी थी. फिर भी, ये सवाल बना हुआ था कि डॉक्टर रुजा आख़िर एथेंस से कहां गईं?

इस बारे में बहुत सी अफ़वाहें भी फैल रही थीं. कई तरह की अफ़वाहें. मल्टीलेवल मार्केटिंग के बादशाह, इगोर अल्बर्ट्स ने कहा कि उन्होंने सुना है कि रुजा के पास रूस और यूक्रेन के भी पासपोर्ट थे. वो अक्सर रूस से दुबई आती-जाती रहती हैं. ये भी कहा जा रहा है कि ऐसे बहुत से ताक़तवर लोग हैं, जो डॉक्टर रुजा की हिफ़ाज़त उन के देश बुल्गारिया में कर रहे हैं. और वो आराम से वहीं छुप कर रह सकती हैं, क्योंकि रुजा ने प्लास्टिक सर्जरी करा ली है. जिस की वजह से उन का चेहरा पहचान में नहीं आएगा. मैं ने तो यहां तक सुना है कि वो लंदन में भी हो सकती हैं. कुछ और लोग बताते हैं कि डॉक्टर रुजा मर चुकी है. एक संभावना ये भी है ही.

हालांकि, इस सवाल का जवाब तलाशना एक पेशेवर का काम है. यही वजह है कि मैं और जॉर्जिया एक निजी अन्वेषक एलन मैक्लीन से मिलने गए. लोगों को तलाशना ही उन की विशेषता है. एलन कहते हैं कि हमें सब बातों से इतर एक बात पर ख़ास तौर से ध्यान देना चाहिए.

वो कहते हैं कि, 'उस का रहन-सहन क्या था? ये सब से अहम बात है. आप वनकॉइन से पहले की उस की ज़िंदगी तलाशिए. पता लगाइए कि उस के दोस्त कौन थे. उस की लाइफ़स्टाइल कैसी थी. उसका परिवार कैसा था.'

वो हमें एक और टिप देते हैं कि जब रुजा अपनी याट पर होती थी, तो वो कहां आती-जाती थी. एलन कहते हैं कि रुजा की उस नौका का ट्रैकर निकालिए, तो आप को अच्छी जानकारी मिलेगी. और वो मज़ाक़ नहीं कर रहे हैं. मैं एलन को बताता हूं कि ये पता लगाना शायद मेरी क़ाबिलियत के दायरे से परे हैं (और ये अवैध तो है ही). तब वो कहते हैं कि मुझे ये पता लगाना चाहिए कि जब रुजा, सोफ़िया से एथेंस पहुंची, तो कौन सी याट ख़रीदी गई थीं.

एलन कहते हैं कि, 'अगर आप मेरी राय जानना चाहें, तो मेरे हिसाब से रुजा इस वक़्त भूमध्य सागर के आस-पास ही कहीं रह रही हैं.'

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हमारी मुलाक़ात के कुछ हफ़्तों बाद एलन ने हम से दोबारा संपर्क किया. उन्होंने हमें कुछ मज़ेदार जानकारियां दीं. उनके कुछ और निजी अन्वेषकों ने रुजा की तस्वीर लेकर एथेंस के महंगे-महंगे रेस्तरां का दौरा किया था. और उन में से एक में कई वेटरों ने दावा किया कि उन्हें अच्छी तरह से याद है कि वो 2019 की शुरुआत में वहां कई बार खाना खाने आई थीं.

एलन के इस दावे की पड़ताल के लिए जब मैंने और जॉर्जिया ने ख़ुद उन वेटरों को फ़ोन किया, तो उन्होंने इस बात की तस्दीक़ की. तो ऐसा लगता है कि रुजा अभी भी ज़िंदा हैं और गिरफ़्तार होने से बेख़ौफ़ वो यूरोप के एक देश की राजधानी में घूमने में सक्षम हैं.

रुजा के बारे में हमें एक और जानकारी तब मिली, जब हम पूर्वी यूरोपीय देश रोमानिया की राजधानी बुख़ारेस्ट में वनकॉइन की तरफ़ से आयोजित एक अजीब तरह की सौंदर्य प्रतियोगिता देखने गए. ये आयोजन उतनी ही तड़क-भड़क वाला था, जिस की आप उम्मीद कर सकते हैं. मर्द वहां बोतल से ही शैम्पेन पी रहे थे. और जब हम अंदर जाने लगे, तो लोग हमें अजीब नज़रों से घूर रहे थे.

इस वजह से हमें असहज भी महसूस हुआ. हम माहौल में घुले-मिले. हम ने ब्रितानी प्रतियोगी का हौसला भी बढ़ाया और फिर वहां से चले गए. लेकिन, बाद में हमें पता चला कि जब हम वहां थे, तो शायद रुजा भी वहीं पर थी. वो उसी कमरे में मौजूद थी. ठीक हमारी आंखों के सामने. लेकिन, प्लास्टिक सर्जरी की वजह से अब उन्हें पहचान पाना बेहद मुश्किल था.

या तो यूनान, या रोमानिया से डॉक्टर रुजा को अमरीका प्रत्यर्पित किया जा सकता है. अगर ये सच है कि वो पिछले साल इन में से किसी देश में मौजूद थी, तो शायद वो एक फ़र्ज़ी पहचान के साथ वहां गई थी.

हमने वनकॉइन की शोहरत से पहले की डॉक्टर रुजा की ज़िंदगी के बारे में पता करने की एलन मैक्लीन की सलाह को गंभीरता से लिया था. जॉर्जिया और मैं ने इंटरनेट खंगालना शुरू किया. ख़ुशक़िस्मती से इंटरनेट को कभी कोई भी बात नहीं बिसरती.

कोई भी अस्पष्ट एंट्री हो या सहज भाव से किया गया कमेंट, इंटरनेट पर वो कहीं न कहीं, सहेज दिया जाता है. और गहराई से पड़ताल करने पर उसे खोजा जा सकता है. आप ने गूगल के बारे में सुना है. लेकिन, गूगल के अलावा भी कई और सर्च इंजिन हैं, जो ऐसी तलाश करने में माहिर हैं. तो, हम ने रुजा के पुराने पते खंगालने शुरू किए. उन के जाने-माने दोस्तों के बारे में खोजा. पुराने फ़ोन नंबरों का पता लगाया. हम वो हर चीज़ तलाश रहे थे, जिस से हमें रुजा के बारे में पता लगाने में मदद मिल सके.

हमें ये बात पहले से ही पता थी कि डॉक्टर रुजा ने अपने बचपन का कुछ हिस्सा दक्षिणी जर्मनी के श्रैमबर्ग में बिताया था. हम ने जर्मनी के बावरिया सूबे के वाल्टेनहॉफ़ेन का भी दौरा किया था, जो श्रैमबर्ग से कुछ ही दूरी पर स्थित है. वहां पर रुजा और उन के पिता ने क़रीब एक दशक पहले स्टील का एक कारखाना ख़रीदा था. ये एक ऐसी घटना थी, जिस की वजह से रुजा पर फ़र्ज़ीवाड़े का केस भी चला था. (इस मुक़दमे में 2016 में रुजा पर जुर्माना लगाया गया था और सज़ा भी सुनाई गई थी, जिसे मुल्तवी रखा गया था.) वाल्टेनहॉफ़ेन में हमें पता चला था कि रुजा का एक जर्मन पति भी था. वो एक मशहूर लॉ फ़र्म लिंकलेटर्स से जुड़ा हुआ था.

इन सभी जानकारियों के बावजूद हम तब हैरान रह गए, जब रुजा के बारे में इंटरनेट में खोज के दौरान हमारे सामने बार-बार जर्मनी के शहर फ्रैंकफ़र्ट का ज़िक्र आने लगा. हम ने पहले ये कभी नहीं सोचा था कि हमें फ्रैंकफ़र्ट शहर में भी रुजा के बारे में पड़ताल करनी चाहिए.

फ्रैंकफर्ट इलाक़े में रुजा से जुड़े हुए कई पुराने पते थे. ये वो पते थे जो रुजा ने इंटरनेट पर बरसों डाले थे. या फिर उन का रुजा के पुराने फ़ोन नंबरों से किसी न किसी तरह का ताल्लुक़ था. फिर हम रुजा की कुछ पुरानी तस्वीरों को तलाशने लगे. उन तस्वीरों में से एक में, रुजा एक दोस्त के साथ नज़र आई. ये फ़ोटो 2011 की थी. वही, दोस्त 2019 की गर्मियों में फ्रैंकफ़र्ट के सब से महंगे इलाक़े में गया था. एक टेनिस टूर्नामेंट का प्रचार करने वाले पोस्टर के एक टुकड़े की पड़ताल के बाद एक जानकार ने हमें बताया कि वो तस्वीर फ्रैंकफ़र्ट के किस पार्क में ली गई थी.

हमें ये भी पता चला कि 2016 के आख़िरी दिनों में डॉक्टर रुजा के एक बेटी भी पैदा हुई थी, जो उन के बेहद क़रीब रहती थी. हमें सूचना दी गई कि हो सकता है कि रुजा की वो बेटी फ्रैंकफ़र्ट में हो. ये शायद वही जगह है जहां रुजा के पति, या शायद पूर्व पति रहते हैं और काम करते हैं.

Dr Ruja posted a video of herself with her baby on social media
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Dr Ruja posted a video of herself with her baby on social media

हमें रुजा की कई तस्वीरों के साथ एक माइक्रोफ़ोन लेकर फ्रैंकफर्ट गए. और उन बंद इलाक़ों और पुराने पतों को खंगाला, जिन्हें जर्मनी के सब से महंगे मुहल्लों में शुमार किया जाता है. कई लोगों ने उन तस्वीरों को देखा और काफ़ी देर तक सोच में पड़ गए. जब वो सोच रहे थे, तो हमारी उम्मीदें परवान चढ़ रही थीं.

लेकिन, फिर उन्होंने कहा कि वो उस तस्वीर वाली महिला को नहीं जानते. एक डाकिए ने सोचा कि उस ने रुजा का नाम तो सुना है. लेकिन, वो अगर-मगर में था. उसे अपनी ही याददाश्त पर यक़ीन नहीं था. हम ने उस वक़ील को भी फ़ोन किया, जिस की शादी रुजा से हुई थी. लेकिन, वो हम से बात करने को राज़ी नहीं था.

क्या हम रुजा के बेहद क़रीब तक पहुंच गए थे? क्या वो वाक़ई यूरोपीय यूनियन के बीचो-बीच रह रही थी? हमें नहीं मालूम. फ्रैंकफ़र्ट वो अकेली जगह नहीं है, जहां रूजा का आना-जाना है. ये उन तमाम जगहों में से एक थी, जहां उनकी आमद-ओ-रफ़्त है. और शायद इन ठिकानों में रूस और दुबई भी शामिल हैं.

फिर, कई दिनों बाद हमें अपने एक भरोसेमंद सूत्र से ख़बर मिली. हम इस सूत्र की पहचान उजागर नहीं करना चाहते. उस सूत्र ने हमें बताया कि हम सही थे. फ्रैंकफ़र्ट ही वो जगह है, जहां रुजा अपना काफ़ी समय बिताती हैं. लेकिन, हमें उस की तलाश जारी रखनी होगी. उस सूत्र ने हमारा हौसला बढ़ाते हुए कहा कि, 'आप उन्हें खोज लेंगे. आप को और भी गहराई से तलाशना चाहिए.'

उस सूत्र ने ये भी कहा कि, डॉक्टर रुजा को भी पता चल गया होगा कि हम उन की तलाश कर रहे हैं. और वो हम पर हंसी होगी.

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5 नवंबर 2019 को, द मिसिंग क्रिप्टोक्वीन पॉडकास्ट के आख़िरी एपिसोड के प्रसारण के बाद, डॉक्टर रुजा के भाई कॉन्सटैन्टिन इग्नातोव को न्यूयॉर्क की एक अदालत में पेश किया गया. इस मुक़दमे में कॉन्सटैन्टिन ने सरकारी गवाह बन कर बयान दिया. ये मुक़दमा एक वक़ील के ख़िलाफ़ था. जिस पर ये आरोप था कि उस ने वनकॉइन की अमरीका में कमाई के 40 करोड़ डॉलर की मनी लॉन्डरिंग की थी.

कोर्ट में ये राज़ भी खुला कि कॉन्सटैन्टिन इग्नातोव ने 4 अक्टूबर 2019 को सरकारी गवाह बनने के समझौते पर दस्तख़त किए थे. इस समझौते में उस ने फ़र्ज़ीवाड़े के कई गुनाह क़ुबूल किए थे. अदालत की रिपोर्टिंग करने वाला एक पत्रकार भी कॉन्सटैन्टिन की गवाही सुनने के लिए अदालत में मौजूद था. इस पत्रकार ने अदालती कार्यवाही की जो जानकारी दी, उस के मुताबिक़, कॉन्सटैन्टिन के बयान का मतलब ये था कि उस की बहन ने उसे भी उसी तरह धोखा दिया था, जिस तरह रुजा के संगठन ने दूसरे निवेशकों को छला था. मतलब ये कि वनकॉइन की आलोचना करने वाले असल में 'नफ़रत करने वाले लोग' थे, जिन पर यक़ीन नहीं किया जा सकता.

कॉन्सटैन्टिन ने अदालत में अपने बयान में कहा कि डॉक्टर रुजा इसलिए लापता हो गई, क्योंकि रुजा को डर था कि उन का कोई क़रीबी, एफ़बीआई को उन के बारे में बता देगा. कॉन्सटैन्टिन ने अपने बयान में कहा कि, उसकी बहन के पास एक 'बड़ा पासपोर्ट' है. और रुजा ने ही उसे पहले वियना और फिर एथेंस का हवाई टिकट ख़रीदने को कहा था.

वनकॉइन ने हमेशा ही कोई गड़बड़ी करने से इनकार किया है. वनकॉइन ने बीसीसी को बताया कि, 'वनकॉइन एक क्रिप्टोकरेंसी के सभी पैमानों को पूरा करना है. इस बात की तस्दीक़ भी की जा सकती है.' वनकॉइन ने अपने बयान में ये भी कहा कि, 'द मिसिंग क्रिप्टोक्वीन पॉडकास्ट, कोई भी सच्ची जानकारी नहीं देगा और उस से निष्पक्ष और निरपेक्ष होने की कोई उम्मीद नहीं की जा सकती है.' वनकॉइन ने ये भी कहा कि पूरी दुनिया में इस पर जो आरोप लगाए जा रहे हैं, उन्हें चुनौती दी जा रही है. वनकॉइन ने कहा कि, 'हमारे साझीदार, हमारे ग्राहक और हमारे वक़ील कामयाबी से हमें बदनाम करने के अभियान का मुक़ाबला पूरी दुनिया में कर रहे हैं. और हमें यक़ीन है कि वित्तीय क्रांति पर आधारित विज़न वाली ये नयी व्यवस्था जल्द ही साकार होगी.'


वनकॉइन एक ऐसा घोटाला था जिस से हम भलीभांति परिचित हैं. बस, इस में एक डिजिटल पेंच था. ये पुरानी पिरामिड योजना का नया और बेहद कामयाब मॉडल था.

लेकिन, मेरे लिए ये एक और बात का भी प्रतीक है.

ये, तेज़ी से बदलती हुई तकनीक की दुनिया के स्याह चेहरे की भी नुमाइंदगी करता है. जिस तरह हर नई तकनीक आश्चर्यजनक रूप से उन लोगों के लिए नए अवसर और संभावनाएं पैदा करती है, जो तकनीक के पेंच-ओ-ख़म को समझते हैं. उसी तरह ये ऐसे मौक़े भी पैदा करती है, जिस से उन लोगों का शोषण हो सके, जो किसी नई तकनीक से परिचित नहीं हैं.

डॉक्टर रुजा ने समाज के कई कमज़ोर पहलुओं को पहचान कर उन का दुरुपयोग किया. उन्हें पता था कि ऐसे बहुत से लोग होंगे, जो या तो बहुत बेसब्र होंगे, या फिर बेहद लालची, या इतने चकराए हुए होंगे, जो वनकॉइन के लालच में फंस कर दांव लगाने को तैयार हो जाएंगे.

रुजा ने इस बात को अच्छे से समझ लिया था कि आज सच और झूठ के बीच फ़र्क़ करना बेहद मुश्किल होता जा रहा है. क्योंकि ऑनलाइन दुनिया में परस्पर विरोधाभासी जानकारियों की भरमार है. रुजा ने ये भी ताड़ लिया था कि वनकॉइन के फ़र्ज़ीवाड़े से निपटने की समाज की व्यवस्था, यानी क़ानून बनाने वाले, पुलिस और हम जैसे मीडिया के लोगों को भी ये समझने में मशक़्क़त करनी पड़ेगी कि असल में हो क्या रहा है.

और, इन सबसे भी ज़्यादा खीझ दिलाने वाली बात ये है कि रुजा ने ये अंदाज़ा बिल्कुल सही लगाया था कि जब तक हमें इस बात का एहसास होगा, वो सारे पैसे समेट कर जा चुकी होगी.

BBC Hindi
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