जिसे देखने के लिए दुनिया भर के वैज्ञानिक रहते हैं परेशान, उत्तराखंड में दिखा वो दुलर्भ जीव
देहरादून। वन्य जीवों से प्यार करने वाले लोगों के लिए एक अच्छी खबर है। उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित नंदा देवी बायोस्फीयर रिजर्व में हिम तेंदुए देखे गए हैं। वो भी एक दो नहीं बल्कि पूरे 12 स्नो लेपर्ड। इनमें से दो या तीन हिम तेंदुए फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में हैं। वन विभाग के कर्मचारियों को घाटी के गेट के पास बर्फ के उपर दो हिम तेंदुओं के पैरों के निशान मिले हैं। जिले में समुद्रतल से 11480 फीट की ऊंचाई पर 630.3 वर्ग किमी क्षेत्रफल में 12 हिम तेंदुओं की मौजूदगी होना, हिमालयी जैव विविधता के लिए अच्छा संकेत है। बता दें कि 4 साल पहले भी फूलों की घाटी में हिम तेंदुओं की मौजूदगी देखी गई थी। तब वह कैमरे में कैद हुए थे। अब घाटी के गेट के पास दो हिम तेंदुओं के फुट प्रिंट मिले हैं। आपको बता दें कि ये बड़ा दुर्लभ बात है क्योंकि दुनियाभर में हिम तेंदुए की एक झलक पाने के लिए लोग महीनों-महीनों इंतजार करते हैं, इसके बावजूद सफलता हाथ नहीं लगती।
वन कर्मियों ने हिम तेंदुओं की दहाड़ भी सुनी
वन कर्मियों का कहना है कि गश्त के दौरान उन्होंने हिम तेंदुओं को न सिर्फ दूर से देखा, बल्कि उनकी दहाड़ भी सुनी। इसके बाद ही नंदा देवी बायोस्फीयर रिजर्व प्रशासन ने यह जानकारी सार्वजनिक की है। इधर, फूलों की घाटी रेंज के वन क्षेत्राधिकारी बृजमोहन भारती का कहना है जल्द घाटी में लगे ट्रैप कैमरों में हिम तेंदुए की मौजूदगी देखी जाएगी। अभी बर्फ अधिक होने के कारण ट्रैप कैमरों से चिप नही निकाली जा सकी है।
पहले भी देखी गई है हिम तेंदुओं की मौजूदगी
फूलों की घाटी में चार वर्ष पूर्व भी हिम तेंदुओं की मौजूदगी देखी गई थी। तब वह ट्रैप कैमरे में कैद हुए थे। अब एक बार फिर घाटी के गेट के पास दो हिम तेंदुओं के फुट मार्क मिले हैं। आस-पास मिले मल-मूत्र से भी इस बात की पुष्टि हुई है हिम तेंदुओं की संख्या दो है। नंदा देवी बायोस्फीयर रिजर्व के उप वन संरक्षक किशन चंद्र का कहना है कि अभी तक उपलब्ध जानकारी के अनुसार पार्क क्षेत्र में 12 हिम तेंदुए मौजूद हैं। इनमें से दो फूलों की घाटी, चार मलारी, दो गोरसों, दो अलकनंदा वन प्रभाग और दो फूलों की घाटी के बाहरी क्षेत्र में हैं।
हिम तेंदुए के बारे में कुछ खास बातें
हिम तेंदुआ मध्य एशिया के पर्वत शृंखलाओं में रहने वाला जानवर है, जो आईयूसीएन के रेड लिस्ट में शामिल संकटग्रस्त और संरक्षित प्राणी है। यह पाकिस्तान का राष्ट्रीय धरोहर पशु है। हिम तेंदुआ मध्य एशिया के बर्फीले इलाकों में समुद्र तल से 3,350 से 6,700 मीटर की ऊंचाई पर पाया जाता है। यह ‘बिग कैट' प्रजाति (जिसमें बाघ, सिंह, जगुआर एवं तेंदुआ आते हैं) के अन्य जीवों से आकार में कुछ छोटा होता है और सिर से पूंछ के आधार तक इसकी लंबाई 75 से 130 सेंटीमीटर तक होती है। मादा हिम तेंदुआ की लंबाई नर के मुकाबले कुछ कम होती है। सामान्यतः इसका वजन 27 से 55 किलोग्राम के बीच होता है। इनका रंग हल्का भूरा होता है और वातावरण के अनुसार इसके शरीर पर स्लेटी व काले धब्बे होते हैं। हिम तेंदुए वर्तमान में अफगानिस्तान, भूटान, चीन, भारत, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, नेपाल, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान, उजबेकिस्तान में एशिया तक ही सीमित है और संभवतः भी म्यांमार है।
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