चलते-चलते सो जाते हैं इस गांव के लोग, पता लगाना मुश्किल, कैसा है ये रोग
नई दिल्ली। कुछ लोग इतना आलसी होते हैं कि उनको कोई काम क्या दे दिया जाए बस नींद आ जाती है। कुछ ऐसे होते हैं कि जरा सा एयरकंडीशन या आराम मिल जाए तो उनकी आंख लग जाती है। लेकिन क्या आपने कभी ये सुना है कि किसी को बीच सड़क पर चलते -चलते नींद आ जाए? अगर नहीं तो हम आपको ऐसे एक-दो लोगों के बारे में नहीं बल्कि एक गांव की आधी आबीदी बारे में बताने जा रहे हैं। एक ऐसा गांव जहां के कई लोगों की सबसे बड़ी समस्या ये है कि वे सड़क पर चलते-चलते सो जाते हैं।
एक बार सो गए तो जागने का पता नहीं
कजाकिस्तान के कलाची गांव की आबादी 810 है, जिसमें से करीब 200 लोग ऐसे हैं जिन्हें चलते फिरते कहीं भी सो जाने की आदत है। ये समस्या इतनी गंभीर है कि एक बार सो जाने के बाद लोगों के ये नहीं मालूम होता कि वे कब जागेंगे या कभी जागेंगे भी या नहीं। इस गांव के इस अनोखे रहस्य के बारे में दशकों से कोई पता नहीं लगा पाया है। हद तो तब हो गई जब यहां एक शख्स रास्ते पर सो गया और सोते सोते ही उसकी मौत हो गई।
गांव में अधिक मात्रा में है कार्बन मोनो ऑक्साइड और हाइड्रो कार्बन
गांव की इस समस्या को लेकर लंबे समय से रिसर्च कर रहे वैज्ञानिकों ने कहा है कि इलाके में कार्बन मोनो ऑक्साइड और हाइड्रो कार्बन की मात्रा काफी ज्यादा है। इस वजह से यहां के लोगों को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाती। हालांकि इस दावे को खारिज कर दिया गया। क्योंकि अगर लोगों के सो जाने का कारण यह होता तो ये समस्या सारे गांव को होती न सिर्फ 200 लोगों को।
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दशकों से रहस्य बना हुआ है नींद में डूबा ये गांव
यहां के लोगों की नींद के रहस्य को आजतक नहीं सुलझाया जा सका है। वैज्ञानिक आज भी इस रहस्य को सुलझाने में लगे हुए हैं। दुख की बात ये है कि इस अजीबोगरीब बीमारी के चलते यहां के लोगों का जिंदगी बहुत धीमी चलती है और बाकी दुनिया से अलग है।
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