नासा ने पहली बार जारी की 'Hand Of God' की अद्भुत फोटो, इस वजह से अब हो रहे गायब
नई दिल्ली, 27 सितंबर: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के कई अहम प्रोजेक्ट चल रहे हैं, जिन मकसद ब्रह्मांड के रहस्य सुलझाना है। पहले तो इस एजेंसी के सभी प्रोजेक्ट सीक्रेट रखे जाते थे, लेकिन अब नासा सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव है। साथ ही उसकी ओर से आए दिन कोई ना कोई स्पेशल फोटो जरूर पोस्ट की जाती है। अब उसकी एक खास फोटो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही है। (पहली-दूसरी तस्वीर को छोड़कर बाकी तस्वीरें सांकेतिक)
तस्वीर पोस्ट कर दी पूरी जानकारी
नासा ने अंतरिक्ष की एक फोटो इंस्टाग्राम पर पोस्ट करते हुए लिखा कि इस तस्वीर में गोल्ड की तरह दिखने वाला आकार एनर्जी का एक नेब्युला है, जो स्टार के टूटने के बाद बचा रह गया है। पल्सर जिसे PSR B1509-58 नाम से जाना जाता है, ये उसी से फैले पार्टिकल्स हैं और इनका डायमीटर करीब 19 किलोमीटर है। साथ ही ये हर सेकंड 7 बार घूम रहा है। नासा के मुताबिक इसकी पृथ्वी से दूरी 17 हजार प्रकाश वर्ष है।
दो-तीन साल पहले की फोटो
नासा ने ये फोटो दो-तीन साल पहले ली थी। अब इस इलाके में बादल कम होने की वजह से इसका आकार घट रहा है, यानि ये एक तरीके से गायब हो रहा है। ऐसे ही चलता रहा तो ये आने वाले कुछ सालों में पूरी तरह से गायब हो जाएगा। इसे 'Hand Of God' यानि भगवान के हाथ के रूप में जाना जाता है।
1700 साल पहले आया प्रकाश
नासा से मुताबिक अंतरिक्ष में ये आकृति करीब 33 प्रकाश वर्ष के इलाके में फैली हुई है। 1700 साल पहले जब एक सुपरनोवा विस्फोट हुआ था, तो इस नेब्युला का प्रकाश पृथ्वी पर पहुंचा था। वहीं नासा पिछले 15 सालों से इस रहस्यमयी आकृति पर रिसर्च कर रही है। साथ ही इसकी कई तस्वीरें भी ली गईं, जिसमें पता चला कि ये धीरे-धीरे कम हो रहा है। वैज्ञानिकों के मुताबिक ये सब बादलों के घनत्व के लगातार कम होने की वजह से हो रहा है।
हाल ही में दिखे थे भूतिया छल्ले
कुछ दिनों पहले नासा ने भूतिया छल्लों की फोटो जारी की था। नासा के मुताबिक ब्लैक होल और उससे संबंधित तारा प्रणाली को वी404 सिग्नी (V404 Cygni) के नाम से जाना जाता है। हाल ही में चंद्रा एक्स-रे ऑब्जर्वेटरी और नील गेहरल्स स्विफ्ट ऑब्जर्वेटरी ने इसकी तस्वीर खींची है। ब्लैक होल सिस्टम तारे से दूर मैटेरियल खींच रहा, जिसमें सूर्य का लगभग आधा द्रव्यमान होता है। ऐसी घटनाएं आमतौर पर एक्स-रे में दिखाई देती हैं।
पृथ्वी से संबंध की देते हैं जानकारी
चंद्रा एक्स-रे ऑब्जर्वेटरी के शोधकर्ताओं के मुताबिक ये रिंग खगोलविदों को न केवल ब्लैक होल के व्यवहार के बारे में बताते हैं, बल्कि वी404 सिग्नी और पृथ्वी के बीच संबंध के बारे में भी जानकारी देते हैं। उदाहरण के तौर पर एक्स-रे में रिंगों का व्यास बीच में आने वाले धूल के बादलों से दूरियों को प्रकट करता है, जिससे प्रकाश रिसता है। अगर बादल पृथ्वी के करीब है, तो रिंग बड़ा प्रतीत होता है।
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