हिप रिप्लेसमेंट के बाद इतनी भी मुश्किल नहीं ज़िंदगी
यही सवाल हमने ईशान से पूछा और डॉक्टरों से भी.
ईशान के मुताबिक़ कुछ बातें हैं जिनका ख़ास ख्याल रखना पड़ता है. जैसे स्कवैट करना (एक तरह की जांघों की कसरत), क्रॉस लेग करके बैठना, कमर के सहारे झुकना आदि. इन सब बातों के आलावा ईशान मानते हैं कि उनकी ज़िंदगी अब ज़्यादा आसान है.
"अपनी शादी में मैं घोड़ी पर नहीं चढ़ा, मुझे बग्गी में बैठना पड़ा. शादी की सारी रस्में मैंने ज़मीन के बजाए सोफे पर बैठ कर ही पूरी की. मुझे इस बात का बहुत दुख हुआ. शादी तो जीवन में एक ही बार होती है, लेकिन मैं उसे पूरी तरह इंजॉय भी नहीं कर पाया."
ये दर्द है दिल्ली में रहने वाले 30 साल के ईशान शर्मा का. ढाई साल पहले ईशान की शादी हुई. शादी की तारीख तय हो गई और उसके बाद उन्हें पता चला कि उन्हें हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी करानी पड़ेगी.
उन दिनों को याद करते हुए ईशान कहते हैं, "सब कुछ नॉर्मल चल रहा था. एक दिन मैं अपने एक दोस्त को छोड़ने रेलवे स्टेशन गया."
"वापस लौटते हुए सीढ़ियों पर झटका लगा और मैं लंगड़ा कर चलने लगा. मुझे लगा कोई नस खिंच गई है. पहले तो मैंने पेन किलर खा कर सोने की कोशिश की. लेकिन इससे कुछ फ़र्क नहीं पड़ा."
दर्द बढ़ता देख परिवारवालों ने मुझे डॉक्टर से मिलने की सलाह दी. डॉक्टर के पास गया तो उन्होंने सबसे पहले एमआरआई कराने के लिए कहा. एमआरआई में पता चला की मेरी नसों में ख़ून पहुंचने में दिक्कत है, और ये दिक्कत अपने एडवांस स्टेज में है.
दवाईयों से ठीक होने का वक्त निकल चुका था, इसलिए मेरे पास हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी कराने के अलावा कोई और रास्ता नहीं था.
कम उम्र में नहीं होती हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी?
ईशान ने दो साल पहले ये सर्जरी कराई थी. उस वक्त उनकी उम्र केवल 28 साल थी.
हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी के बारे में दिल्ली में अपोलो अस्पताल मे कंसल्टेंट ऑर्थोसर्जन रह चुके डॉ हिमांशु त्यागी कहते हैं, "हम केवल 55 साल की उम्र के बाद ही हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी कराने की सलाह देते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि इसकी लाइफ़ 20 से 25 साल तक ही होती है."
"55 साल के बाद सर्जरी कराने पर अमूमन 75-80 साल की उम्र तक काम चल जाता है. और इस उम्र में हिप रिप्लेसमेंट के बाद उसमें ख़राबी आने की संभावना कम ही होती है, क्योंकि जवानी के दिनों के मुक़ाबले काम कम होता है."
आम तौर पर ये सर्जरी इतनी कम उम्र में कराई नहीं जाती. लेकिन ईशान कहते हैं कि मैंने ये सर्जरी कराई क्योंकि मेरे सामने कोई दूसरा विकल्प नहीं था.
दरअसल हिप रिप्लेसमेंट के पहले ईशान ने बोन डिकम्प्रेशन सर्जरी कराई थी. उससे उन्हें पूरा आराम नहीं मिला था और फिर डॉक्टरों के मुताबिक ईशान के पास हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी ही एकमात्र उपाए बचा था.
हिप रिप्लेसमेंट की ज़रूरत क्यों पड़ती है?
डॉ. हिमांशु के मुताबिक़, "आम तौर पर तीन सूरत में इस सर्जरी को कराने की ज़रूरत पड़ती है. और किसी को कमर का आर्थराइटिस हो, या फिर कमर में ख़ून सप्लाई में दिक्कत हो या फिर बहुत भयानक चोट लगी हो."
"इसके अलावा कभी-कभी हड्डियों में इंफेक्शन के बाद भी इसकी ज़रूरत पड़ सकती है. लेकिन ऐसे मामले बहुत कम होते हैं."
डॉक्टरों की मानें तो सिगरेट पीने वालों, शराब पीने वालों, स्टेरॉयड या ड्रग्स लेने वालों में हिप रिप्लेस्मेंट की ज़्यादा ज़रूरत पड़ सकती है.
ऐसा इसलिए क्योंकि इन सभी चीज़ों की लत वक्त के साथ ख़ून की धमनियों को सिकोड़ देती है जिससे ख़ून के बहाव में दिक्कत आती है.
हिप रिप्लेसमेंट के प्रकार
हिप रिप्लेसमेंट कई प्रकार के होते हैं. कुछ मामलों में मेटल का इस्तेमाल किया जाता है, कुछ मामलों में सेरामिक का और कुछ मामलों में ख़ास तरह के प्लास्टिक मेटेरियल का इस्तेमाल किया जाता है.
लेकिन इन तीनों में सबसे सही कौन-सा होता है ये साफ़ तौर पर नहीं कहा जा सकता.
डॉक्टर हिमांशु के मुताबिक़ किस मरीज़ में कौन सा हिप रिप्लेसमेंट लगना है ये मरीज़ की दिक्कतें, उसकी उम्र, ज़रूरत और हड्डियों की क्वालिटी के हिसाब से तय होता है.
कई मामलों में डॉक्टर चाहें तो मेटल और सेरामिक के हाइब्रिड का भी इस्तेमाल करते हैं.
लेकिन यहां यह ध्यान देने वाली बात यह है कि यदि शरीर में मेटल की तयशुदा मात्रा अधिक पाई जाती है तो ऐसी स्थिति में मेटल हिप ट्रांसप्लांट करने में समस्या हो सकती है.
क्या सर्जरी के बाद सब ठीक हो जाता है?
यही सवाल हमने ईशान से पूछा और डॉक्टरों से भी.
ईशान के मुताबिक़ कुछ बातें हैं जिनका ख़ास ख्याल रखना पड़ता है. जैसे स्कवैट करना (एक तरह की जांघों की कसरत), क्रॉस लेग करके बैठना, कमर के सहारे झुकना आदि. इन सब बातों के आलावा ईशान मानते हैं कि उनकी ज़िंदगी अब ज़्यादा आसान है.
आम तौर पर इस सर्जरी के बाद डॉक्टर मरीज़ को पांच दिन तक अस्पताल में रखते हैं. दूसरे दिन से फिजियोथेरेपी के सहारे चलने फिरने की सलाह दी जाती है.
लेकिन ता-उम्र मरीज़ को अपने वजन का ख़ास ख्याल रखना पड़ता है.
डॉ. हिमांशु के मुताबिक़ ज़्यादा वजन होने से हिप पर वजन अधिक पड़ता है, इसलिए इसका ख़ास ख्याल रखना पड़ता है.
हिप रिप्लेसमेंट का सेक्स लाइफ़ पर असर?
ईशान की मानें तो उनकी सेक्स लाइफ़ पर इस सर्जरी के बाद कोई असर नहीं पड़ा है. उनके मुताबिक़ बिना सर्जरी के सेक्स लाइफ़ ज़्यादा दिक्कत भरी हो सकती थी.
लेकिन ईशान खुशनसीब थे कि उन्होंने शादी के पहले ही सर्जरी करा ली थी. आज ईशान का एक बेटा भी है.
डॉक्टर हिमांशु कहते हैं कि जिनकी हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी होती है उनको सेक्स के समय कुछ बातों का ख्याल रखना पड़ता है. सर्जरी के दो हफ्ते बाद ही सेक्स दोबारा शुरू कर सकते हैं. पुरुषों और महिलाओं को अलग-अलग तरह के एहतियात रखने होते हैं.
सेक्स के दौरान ज़रूरी है कि कुछ ख़ास तरह के पोज़ से बचें जैसे महिलाओं के दोनों पैर बहुत पास न हो. हालांकि साइड पोज़िशन पर लेटा जा सकता है, लेकिन ध्यान रहे कि घुटनों के बीच में तकिया लगा हो.
डॉ हिमांशु के मुताबिक हिप रिप्लेसमेंट करने से पहले भी कुछ बातों का ख़ास ख्याल रखें.
मरीज़ को चाहिए कि कुछ दिनों पहले से अच्छे से एक्सरसाइज़ करें, ताकि मांसपेशियों में तनाव न हो. अपना शुगर पहले कंट्रोल करें. अगर आप शराब पीते हों या स्मोकिंग करते हों तो पहले ये लत छोड़ें और फिर हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी कराएं.
इस पूरी प्रक्रिया में 2 से 5 लाख रुपये तक का खर्च आ सकता है.
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