कंगना के लिए करणी सेना का 1,000 गाड़ियों का क़ाफ़िला? जानिए सच- फ़ैक्ट चेक
करणी सेना कंगना रनौत के समर्थन में उतरी है लेकिन 1,000 गाड़ियों के क़ाफ़िले का क्या है सच.
भारत के अधिकतर मीडिया चैनलों पर बुधवार को अभिनेत्री कंगना रनौत का मुंबई लौटना चर्चा का विषय था.
उनके मंडी से मोहाली इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचने और फिर मुंबई एयरपोर्ट उतरने तक पल-पल की ख़बरें टीवी और सोशल मीडिया पर आ रही थीं. इसी बीच मुंबई एयरपोर्ट पर करणी सेना के कुछ कार्यकर्ता भी कंगना रनौत का समर्थन करने पहुंचे.
करणी सेना पहले ही कह चुकी है कि कंगना रनौत को उनका पूरा समर्थन है. लेकिन इसी बीच सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें तेज़ी से वायरल होने लगीं कि करणी सेना का 1,000 गाड़ियों का क़ाफ़िला मुंबई उन्हें समर्थन देने जा रहा है.
फ़ेसबुक, ट्विटर और व्हाट्सऐप पर इससे जुड़ी तस्वीरें, वीडियो और संदेश अभी तक आना जारी हैं.
इन पोस्ट्स में सब जगह एक ही बात लिखी है, "कंगना रनौत के सम्मान में, 1000 गाड़ियों के साथ करणी सेना महाराष्ट्र रवाना. जय भवानी जय राजपुताना. अब देखो हमारी ताकत. जय श्री राम."
इसके अलावा अब इसी कैप्शन से एक वीडियो भी वायरल हो रहा है जिसमें भगवा साफ़ा बांधे, हाथ में तलवार और देसी कट्टे लहराते हुए लोग 'जय राजपुताना' के नारे लगा रहे हैं.
क्या कहती है करणी सेना?
बीबीसी हिंदी की फ़ैक्ट चेक टीम ने इन दावों के बाद सबसे पहले करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुंवर सूरजपाल सिंह अमू से बात की.
उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण विभिन्न राज्यों में अलग-अलग नियम लागू हैं जिसकी वजह से एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने के भी कई नियम हैं, इस कारण करणी सेना के अन्य राज्यों के कार्यकर्ता महाराष्ट्र नहीं जा पाए.
उन्होंने कहा, "बुधवार को जब कंगना मुंबई पहुंचीं तो पूरे महाराष्ट्र के करणी सेना के 2,000 सदस्य 600 गाड़ियों में उन्हें समर्थन देने के लिए एयरपोर्ट और फिर घर पहुंचे. अब हम पूरे देश के हर ज़िले के थानों में शिव सेना नेता संजय राउत के ख़िलाफ़ कंगना रनौत के लिए अपशब्द इस्तेमाल करने पर तहरीर देंगे और अयोध्या से इसकी शुरुआत हो चुकी है."
हालांकि सूरजपाल सिंह के दावे के उलट बुधवार 9 सितंबर को मुंबई एयरपोर्ट और कंगना के घर के बाहर इतने करणी सेना समर्थक नहीं थे जितना उनका कहना है. ट्विटर पर शेयर कई लोगों ने मुंबई एयरपोर्ट पर पहुँचे करणी सेना के लोगों की तस्वीरे और वीडियो शेयर किए हैं.
क्या है सच?
करणी सेना के अध्यक्ष सूरजपाल सिंह की टिप्पणी के बाद यह तो साफ़ हो जाता है कि कोई 1,000 गाड़ियों का क़ाफ़िला कंगना को समर्थन देने नहीं पहुंचा था लेकिन अब सवाल यह उठता है कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरें और वीडियो आख़िर कहां की हैं? क्या यह महाराष्ट्र के ही करणी सेना के सदस्य हैं और वहीं का क़ाफ़िला है?
बीबीसी हिंदी की फ़ैक्ट चेक टीम ने ट्वीट से जुड़ी तस्वीरों को गूगल रिवर्स इमेज टूल से सर्च करना शुरू किया.
पहली तस्वीर जिसमें गाड़ी से बाहर हाथ हिलाते पुरुष दिख रहे हैं, जब हमने इसे रिवर्स सर्च किया तो इसमें हमें कई फ़ेसबुक पेज मिले. इनमें से एक फ़ेसबुक पेज ब्राह्मण ग्रुप यमुना नगर से है जिसमें यह तस्वीर अप्रैल 2018 में इस्तेमाल हो चुकी है.
फ़ेसबुक पर ही गुज्जर बॉय नामक पेज पर यह तस्वीर मिली जो जनवरी 2018 में अपलोड की गई थी.
इसके अलावा यही तस्वीर एक ट्विटर हैंडल पर मिली जहां पर इसे 2017 में अपलोड किया गया था.
यह तस्वीर किस मक़सद से खींची गई थी यह साफ़ नहीं हो पाया है लेकिन यह साफ़ है कि यह तस्वीर कम से कम तीन साल पहले की है और इसका कंगना के समर्थन में बताए जा रहे क़ाफ़िले से कोई लेना-देना नहीं है.
इसके बाद आते हैं दूसरी तस्वीर पर. रिवर्स इमेज सर्च करने पर यह हमें एक ट्विटर हैंडल पर मिली जहां पर इसे राजस्थान के कांग्रेस नेता सचिन पायलट का क़ाफ़िला बताकर सितंबर 2018 में ट्वीट किया गया था.
इसके अलावा एक फ़ेसबुक पेज पर सचिन पायलट के समर्थन में लिखी गई एक पोस्ट में इसी तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था, यह पोस्ट इसी साल जुलाई की है.
इससे यह साफ़ हो जाता है कि इस तस्वीर का करणी सेना से कोई संबंध नहीं है.
वीडियो का सच
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो की भी सत्यता हमने जाननी चाही.
इसके लिए हमने इनविड टूल्स से इसके अलग-अलग फ्रेम से जांच की लेकिन कोई इससे संबंधित पोस्ट, ट्वीट या तस्वीर हमें नहीं मिली लेकिन हमने वीडियो में दिख रहे जम्मू-कश्मीर नैशनल पेंथर्स पार्टी के एक बैनर को देखकर यूट्यूब पर सर्च किया.
यूट्यूब पर हमें इस वीडियो के दृश्यों से मिलते-जुलते और उसी जगह के कई वीडियो मिले जिसमें फ़्लाईओवर, एक मूर्ति और बस स्टॉप दिख रहा है.
इनमें से एक वीडियो में हमें कंगना रनौत के समर्थन में बताए जा रहे वीडियो से मिलता-जुलता जम्मू-कश्मीर नैशनल पेंथर्स पार्टी का पोस्टर दिखा. साल 2018 के इस वीडियो में भी वही नारे और वैसे ही हथियार लहराते लोग दिख रहे थे जो कंगना के समर्थन वाले क़ाफ़िले के बताए जा रहे हैं.
इसके बाद हमने पड़ताल की तो पता चला कि लगभग हर साल 23 सितंबर को जम्मू-कश्मीर के शासक रहे महाराज हरि सिंह की जयंती पर राजपूत समाज जम्मू में रैली निकालता है और साल 2017 से इससे जुड़े कई वीडियो यूट्यूब पर मौजूद हैं.
कंगना रनौत के समर्थन में बताए जा रहे वीडियो के अंत में लोग 'महाराजा हरि सिंह की जय' बोल रहे हैं. इससे पता चलता है कि यह वीडियो भी लगभग 3 साल पुराना है जिसका कंगना रनौत से कोई संबंध नहीं है.
बीबीसी हिंदी की फ़ैक्ट चेक की पड़ताल में साफ़ है कि कंगना रनौत के समर्थन में करणी सेना के कार्यकर्ता मुंबई एयरपोर्ट ज़रूर पहुंचे लेकिन 1,000 गाड़ियों के क़ाफ़िले वाली बात झूठ है.