कोरोना वायरस से बचना है तो खान-पान में यूं रहें सतर्क
क्या आपको वो समय याद है, जिस समय आप बिना किसी रोक-टोक और प्रतिबंध के सुपर मार्केट में जाकर ख़रीदारी किया करते थे? जब आप हाथ में ट्रॉली लेकर पूरा सुपर मार्केट घूम लिया करते थे और ज़रूरत की हर चीज़ को अपनी ट्रॉली में डालकर घर लौट आते थे. लेकिन जब से कोरोना वायरस महामारी बना है तब से लगभग देश बंद हैं. दुनिया भर के देशों ने लॉकडाउन की घोषणा कर दी है
क्या आपको वो समय याद है, जिस समय आप बिना किसी रोक-टोक और प्रतिबंध के सुपर मार्केट में जाकर ख़रीदारी किया करते थे? जब आप हाथ में ट्रॉली लेकर पूरा सुपर मार्केट घूम लिया करते थे और ज़रूरत की हर चीज़ को अपनी ट्रॉली में डालकर घर लौट आते थे.
लेकिन जब से कोरोना वायरस महामारी बना है तब से लगभग देश बंद हैं. दुनिया भर के देशों ने लॉकडाउन की घोषणा कर दी है और कुछ देशों में कर्फ़्यू भी लगा दिया गया है. ऐसे में लोगों को सिर्फ़ तभी घर से बाहर निकलने की इजाज़त है जब कोई ज़रूरी काम हो. यानी किसी भी ग़ैर-ज़रूरी वजह से घर से बाहर निकलने पर मनाही है.
लेकिन ज़रूरी चीज़ों की दुकानें खुली हुई हैं.
लेकिन ख़रीदारी करने का सबसे सुरक्षित तरीक़ा क्या है? या फिर अगर आप इस महामारी के दौर में भी सामान ऑर्डर कर रहे हैं तो किन बातों का ध्यान रखें?
दुकान पर ख़तरा क्या है?
कोरोना वायरस का संक्रमण तब फैलता है जब कोई व्यक्ति संक्रमित शख़्स के संपर्क में आता है. जब कोई संक्रमित शख़्स खांसता है या छींकता है तो उसकी छींक-खांसी के साथ ही कई वायरस हवा में चले जाते हैं. जब कोई दूसरा आदमी इसके संपर्क में आता है तो उसके संक्रमित होने की आशंका बढ़ जाती है. यह ख़तरा संक्रमित सतह के संपर्क में आने पर भी होता है.
ऐसे में ख़रीदारी के लिए जाने से और दूसरे लोगों के साथ घुलने-मिलने से संक्रमित होने का ख़तरा बढ़ता है.
यही वजह है कि हर देश सोशल डिस्टेंसिंग की बात कर रहा है. लोगों से कहा गया है कि वो एक-दूसरे से कम से कम दो मीटर यानी छह फीट की दूरी पर रहें. स्वास्थ्य अधिकारियों का और विशेषज्ञों की कहना है कि ये ज़रूरी है. बहुत सी दुकानें इन नियमों का पालन भी कर रही हैं.
अगर कोरोना वायरस के संक्रमण और उसके लक्षणों के बारे में पढ़ें तो यह स्पष्ट हो जाता है कि सुपरमार्केट इस वायरस के प्रसार के लिए एक मुनासिब जगह है.
लंदन स्कूल ऑफ़ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसीन की प्रोफ़ेसर सैली ब्लूमफ़ील्ड का कहना है कि जब लोग सुपर मार्केट जाते हैं तो वो सामान उठाते है. रखते हैं. देखते हैं और दोबारा रख देते हैं. वो एक सामान को उठाकर दूसरी जगह रखते हैं और फिर कोई दूसरा आकर उन्हें वहां से हटाकर कहीं और रख देता है. लोग बिल की जांच कराते हैं, कैश का लेन-देन करते हैं, कार पार्क करते हैं, एटीएम मशीन पर नंबर प्लेट को छूते हैं, कार पार्किंग के दौरान टोल और दूसरी चीज़ों को छूते हैं. इसके साथ ही इस दौरान वो दर्जनों लोगों के संपर्क में आते हैं.
इन कुछ घंटों के दौरान संक्रमण की बहुत अधिक आशंका होती है. लेकिन कुछ उपायों को अपनाकर संक्रमित होने से बचा जा सकता है.
- अपने हाथों को साबुन से कम से कम बीस सेकंड तक धोएं. आप चाहें तो अल्कोहल बेस्ड सैनेटाइज़र का इस्तेमाल भी कर सकते हैं. लेकिन ख़रीदारी करने से पहले और बाद में दोनों ही वक़्त हाथों को साफ़ करना ज़रूरी है.
- एक बात जो पक्के तौर पर ध्यान रखनी है वो ये कि कोई भी सतह सुरक्षित नहीं है. कोई भी जगह असुरक्षित हो सकती है. ऐसे में अगर आप किसी चीज़ को हाथ में पकड़ें या फिर कहीं अगर हाथ रखें तो हाथों को बिना साफ़ किए चेहरे पर ना लगाएं.
- जहां तक संभव हो डिज़िटल पेमेंट करें क्योंकि कार्ड और कैश की पेमेंट के दौरान संपर्क में आने का ख़तरा बढ़ जाता है.
तो क्या खाने-पीने की चीज़ों से भी फैल सकता है कोविड-19
हालांकि अभी तक इस तरह का कोई मामला सामने तो नहीं आया है जिसमें ये पता चला हो कि कोरोना वायरस का संक्रमण खाने के माध्यम से भी फैलता है. और ना ही ये कि खाना पकाने से वायरस मर जाता है.
यूके फ़ूड स्टैंडर्ड्स एजेंसी वेबसाइट के मुताबिक़, बेहतर होगा कि घर पर पका खाना खाया जाए. लेकिन अब भी बहुत से ऐसे लोग हैं जो टेक-अवे और फूड डिलीवरी पर निर्भर हैं.
प्रोफ़ेसर ब्लूमफ़ील्ड के मुताबिक़, इस मामले में 'ज़ीरो रिस्क' जैसी कोई चीज़ ही नहीं है. जब खाना पैक किया जाता है तो वो एक हाथ से दूसरे हाथ में जाता है और यह एक बहुत बड़ी चिंता है.
प्रोफ़ेसर ब्लूमफ़ील्ड कहते हैं, अगर आप पैकिंग वाला खाना इस्तेमाल करने वाले हैं तो उसे इस्तेमाल करने से 72 घंटे पहले या तो स्टोर कर लें या फिर उसे स्प्रे कर लें. इसके अलावा जिस प्लास्टिक या ग्लास के कंटेनर में खाना पैक करके आया है उसे सैनेटाइज़्ड वाइप से पोछ लें.
अगर आप फल या सब्ज़ी मंगा रहे हैं तो ध्यान रखें वो एक हाथ से दूसरे हाथ में गई होंगी. इन चीज़ों को रखने से पहले बहते पानी में अच्छी तरह धोएं. जब पानी निकल जाए तो इन्हें सुरक्षित रख दें.
होम डिलिवरी कितनी सुरक्षित है?
इस बात से तो इनकार नहीं किया जा सकता है कि किसी शॉपिंग स्टोर पर जाकर सामान ख़रीदने से कहीं अधिक सुरक्षित है कि आप घर पर ही सामान लें.
लेकिन ऐसा नहीं है कि इसमें ख़तरा नहीं है.
जब कोई चीज़ आप तक पहुंचती है तो वो कई हाथों से होकर आती है उसके बाद जिस गाड़ी में उसे रखकर लाया गया वो कितनी साफ़ और सुरक्षित थी ये भी एक मुद्दा है.
फ़ूड सेफ़्टी एक्सपर्ट और ब्लॉगर डॉ. लीसा एकर्ले की सलाह के अनुसार, अगर आप डिलीवरी सिस्टम से काम चला रहे हैं तो अपने घर के मुख्य दरवाज़े पर एक नोट लगा दें. इस पर लिखा हो कि कृपया घंटी बजाकर थोड़ा पीछे खड़े हो जाएं. ऐसा करने से आप उस शख़्स के सीधे संपर्क में ना आकर संक्रमित होने से बच सकते हैं.
लेकिन उन लोगों का क्या जो कोरोना वायरस से परेशान और तंगी में चल रहे लोगों की मदद कर रहे हैं?
किसी सतह पर मौजूद वायरस के संक्रमण से बचने के बारे में वारविक मेडिकल स्कूल के डॉ. जेम्स गिल कहते हैं, "किसी भी जगह पर बैठने या हाथ रखने से पहले सोचें कि वहां वायरस हो सकता है. सावधानी बरतते हुए उस जगह को घर में इस्तेमाल होने वाले ब्लीच को हल्का करके साफ़ कर लें. इससे एक मिनट के भीतर वायरस निष्क्रिय हो जाता है."
यूनिवर्सिटी ऑफ ससेक्स के वायरोलॉजी एक्सपर्ट प्रोफ़ेसर एलिसन सिनक्लेयर कहते हैं, "किसी दोस्त या फिर किसी और के हाथों घर का सामान मंगाते हैं तो उसकी तुलना में ऑनलाइन डिलिवरी अधिक सुरक्षित होनी चाहिए."
कुछ विशेषज्ञ यह भी सलाह देते हैं कि प्लास्टिक बैग इस महामारी के दौरान एक बार से ज़्यादा बार इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
पार्सल ले जाना कितना सुरक्षित?
इस दौर में कई रेस्तरां खाना पार्सल के तौर पर ले जाने पर ज़ोर दे रहे हैं. जो बड़े और अच्छे रेस्तरां हैं, वो खाना बनाने में स्वच्छता का ध्यान किसी अन्य की तुलना में ज्यादा रखते हैं इसलिए ताजा बने खाने को पार्सल के तौर पर ले जाने में ख़तरा कम है.
पैकेजिंग के वक़्त के ख़तरे को भी कुछ बातों का ख्याल रखकर कम किया जा सकता है.
प्रोफ़ेसर ब्लूमफ़ील्ड इस बारे में सलाह देते हैं, "खाने को पहले साफ़ बर्तन में उड़ेल दें और फिर खाने के पैकेट को फेंक दें. खाने से पहले अपने हाथ ज़रूर धोएं."
वो कहते हैं, "खाना भी चम्मच की मदद से निकालें और छुरी-कांटे की मदद से खाएं ना कि हाथों से."
मौजूदा हालात में ठंडा खाना खाने के बजाए गर्म और ताज़ा पका खाना मंगाए. फूड स्टैंडर्ड एजेंसी इस बात पर ज़ोर देती है कि खाने से ख़तरा बहुत कम है और अगर खाना सही तरीक़े से बनाया गया हो तो उसे खाने में कोई समस्या नहीं.
हालांकि ब्लूमफ़ील्ड कहते हैं कि आप निश्चिंत होने के लिए खाने पकाने और खाने में अतिरिक्त सावधानी बरत सकते हैं. मसलन अगर आपको पिज़्ज़ा खाना है तो एक बार उसे माइक्रोवेव में दो मिनट गर्म कर लें.