गजब! 6 साल तक अंतरिक्ष में फ्रीज करके रखा गया चूहे का स्पर्म, वापस धरती पर आया तो पैदा हुए स्वस्थ बच्चे
टोक्यो, 13 जून। पृथ्वी से बाहर जीवन की खोज में दुनियाभर के वैज्ञानिक लगातार रिसर्च करते रहते हैं। 21वीं सदी में जहां रोज ब्रह्मांड में नए ग्रहों की खोज हो रही है वहीं, जापान के वैज्ञानिकों ने पृथ्वी से बाहर बच्चे पैदा करने की संभावना को नई उम्मीद दी है। आपको जानकर हैरानी होगी कि अंतरिक्ष में करीब 6 साल तक रखे गए चूहों के स्पर्म को जब धरती पर वापस लाया गया तो उससे फिर से स्वस्थ्य चूहे पैदा हुए। इस रिसर्च के साथ कुछ वैज्ञानिकों ने यह भी दावा किया है कि लाल ग्रह यानी मंगल पर भी इंसान बच्चे पैदा कर सकता है।
पृथ्वी के बाहर पैदा हो सकते हैं बच्चे
दरअसल, विशेषज्ञों को अभी तक यह लगता था कि अंतरिक्ष में रहने से वहां के रेडिएशन से हमारा डीएनए खराब हो सकता है और प्रजनन नामुमकिन है। हालांकि सामने आई अब नई थ्योरी कुछ और ही कहानी बयां कर रही है। साल 2013 से ही इंटरनैशनल स्पेस स्टेशन पर चूहे का स्पर्म रखा रहने के बाद भी स्वस्थ पाया गया और उससे चूहे के बच्चे भी पैदा हुए। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 66 चूहों से लिए गए सैंपल्स को 2013 में 30 से ज्यादा ग्लास ऐंप्यूल्स में रखा गया था।
जापन के वैज्ञानिकों की बड़ी खोज
इतने सालों बाद अब वैज्ञानिकों ने उनमें से बेहतर स्पर्म के सैंपल से बच्चे पैदा करने का फैसला किया जिसमें उन्हें सफलता भी मिली। जानकारी के मुताबिक 4 अगस्त, 2013 को 3 सैंपल्स को ISS के लिए लॉन्च किया गया। इनमें से तीन सैंपल को जापान के सुकूबा में उसी परिस्थिति में रखा गया जहां कई प्रकार के रेडिएशन थे। अतरिक्ष से सैंपल का पहला बॉक्स 19 मई, 2014 को वापस लाया गया था। इस सैंपल की जांच के बाद भी प्रजेक्ट जारी रहा।
रेडिएशन का नहीं हुआ कोई असर
इसके बाद 11 मई, 2016 को दूसरा बॉक्स लाया गया जिसकी जांच के बाद तीसरे बॉक्स को 3 जून, 2019 को वापस धरती पर लाया गया। लैब में लाए जाने के बाद वैज्ञानिकों ने इस बात की जांच की कि स्पर्म को रेडिएशन से कितना नुकसान पहुंचा है। RNA सीक्वेंसिंग की मदद से हुई इस जांच में पाया गया कि ISS ट्रिप से स्पर्म के न्यूक्लियस पर फर्क नहीं होता है। इसके अलावा धरती पर रखे सैंपल के बॉक्स भी जापान की यामानाशी यूनिवर्सिटी के लैब में पहुंचाए गए।
मादा चुहिया ने पैदा किए स्वस्थ बच्चे
ड्राई-फ्रीज किए गए इन स्पर्म के सैंपल को फिर से रीहाइड्रेट किया गया और मादा चुहिया के ओवरी में डाला गया। रिसर्च से संबंधित प्रफेसर सयाका वकायमा ने बताया कि जेनेटिक रूप से चूहे के कई सामान्य बच्चे पैदा हुए, वह पूरी तरह स्वस्थ्य थे। मानव सभ्यता के लिए यह सबसे बड़ी खोज में से एक है। एक अन्य जीवविज्ञानी ने बताया कि अंतरिक्ष वाले स्पर्म और पृथ्वी पर रहे स्पर्म से हुए बच्चों में खास अंतर नहीं था।
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