2000 साल पहले हमसे हाईटेक थे इंसान? धातु की मदद से किया था सिर का ऑपरेशन, मिला सबूत
नई दिल्ली: मौजूदा वक्त में इंसानों ने काफी तरक्की कर ली है। जब भी इंसान के शरीर में कोई बीमारी होती है, तो दवाओं या ऑपरेशन के जरिए उसका इलाज कर दिया जाता है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि हजारों साल पहले इंसान कैसे बीमारियों को मात देते थे? अब इससे जुड़े कई अहम सबूत हाथ लगे हैं, जिसे देखने पर पता चलता है कि हजारों साल पहले भी इंसानों के पास उन्नत चिकित्सा तकनीकी थी। (तस्वीरें- SKELETONS म्यूजियम से साभार)
म्यूजियम में रखी है खोपड़ी
अमेरिका के ओक्लाहोमा में SKELETONS नाम का एक म्यूजियम है, जहां पर बहुत बड़ी संख्या में इंसानों के कंकाल रखे हैं। इसमें से कुछ तो हजारों साल पुराने हैं, जिन पर अध्ययन किया जा रहा है। हाल ही में म्यूजियम में रखी एक खोपड़ी ने वैज्ञानिकों का ध्यान खींचा, उस पर विशेष धातु की प्लेट लगी थी। जिसकी जांच करने पर पता चला कि वो किसी सैनिक की खोपड़ी है और जब युद्ध के दौरान उसके सिर में चोट लगी थी तो उस वक्त के डॉक्टरों ने सर्जरी की थी।
पेरू के सर्जनों ने किया था ऑपरेशन
डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक ये खोपड़ी 2000 साल पहले की है। उसकी जांच से पता चला कि उस इंसान को गहरी चोट लगी थी। इसके परिणामस्वरूप वो विकलांग या फिर उसकी मौत हो सकती थी। इसी वजह से पेरू के सर्जनों ने ऑपरेशन किया। साथ ही क्षतिग्रस्त क्षेत्र को सील करने के लिए धातु का इस्तेमाल किया। ऑस्टियोलॉजी के म्यूजियम (SKELETONS) का भी मानना है कि आदमी इस प्रक्रिया से बच गया लेकिन खोपड़ी के इतिहास के आसपास अभी भी बहुत सारे रहस्य हैं।
धातु की पहचान नहीं
मामले में म्यूजियम के एक एक्सपर्ट ने कहा कि हम धातु को नहीं पहचान पा रहे है, लेकिन उस वक्त इस प्रकार की प्रक्रिया के लिए चांदी और सोने का उपयोग किया जाता था। वैसे तो म्यूजियम में इसे लोगों को नहीं दिखाया जाता था, लेकिन जब इसकी सर्जरी की बातें सामने आईं, तो 2020 में इस लोगों को दिखाया जाने लगा। उन्होंने आगे कहा कि ये एक पेरूवियन लंबी खोपड़ी है, जिसमें धातु के जरिए ऑपरेशन को अंजाम दिया गया। जांच में ये बात साफ हो गई कि ये सफल सर्जरी थी, क्योंकि आसपास का हिस्सा पूरा सुरक्षित है।
आज भी होता है धातुओं का इस्तेमाल
मौजूदा वक्त में अगर किसी शख्स की हड्डी टूट जाए, तो प्लास्टर के जरिए उसको फिर से जोड़ा जाता है। अगर उसके बाद भी हड्डी ना जुड़ी तो विशेष धातुओं से बनी रॉड या प्लेट के जरिए जोड़ा जाता है। हालांकि इस तरह के ऑपरेशन के लिए हाईटेक मशीनों की जरूरत पड़ती है। ऐसे में ये नहीं समझ आ रहा कि उस वक्त कैसे दिमागी हिस्से में हुए ऑपरेशन को अंजाम दिया गया होगा।
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