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नरक का दरवाज़ा या भविष्य की खिड़की

आपने ऐसे गड्ढे के बारे में सुना है जो एक किलोमीटर लंबा, 85 मीटर चौड़ा और 282 फुट गहरा है.

By BBC News हिन्दी
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बाटागिका क्रेटर.
ALEXANDER GABYSHEV
बाटागिका क्रेटर.

सर्बिया में याना नदी घाटी के पास जंगलों में ज़मीन में एक गड्ढा है. इसे बाटागिका क्रेटर के नाम से जाना जाता है.

यह क़रीब एक किलोमीटर लंबा, 85 मीटर चौड़ा और 282 फुट गहरा है. हालांकि यह आंकड़ा जल्द ही बदल भी सकता है क्योंकि यह तेज़ी से बढ़ रहा है.

कुछ स्थानीय लोग यहां जाने से बचते हैं. वो इसे नर्क का द्वार कहते हैं. लेकिन वैज्ञानिक इसे अतीत में जाने की खिड़की बता रहे हैं. यहां पृथ्वी के दो लाख साल का विस्तृत इतिहास है.

किसी विशालकाय जानवर की तरह इसका सिर ही पहले नज़र आता है. बाटागिका क्रेटर नाटकीय तौर पर सामने आया.

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बाटागिका क्रेटर
JULIAN MURTON
बाटागिका क्रेटर

माना जा रहा है कि यह गड्ढा वहां स्थाई रूप से जमी हुई बर्फ़ के पिघलने के बाद नज़र आना शुरू हुआ.

भूत, भविष्य और वर्तमान

जर्मनी के अल्फ़्रेड वेग़नर इंस्टीट्यूट के फ़्रैंक गुंटर और उनके साथियों के अध्ययन के मुताबिक़ इस गड्ढे की दीवार हर साल औसतन 10 मीटर बढ़ रही है. लेकिन जिस साल तापमान बहुत अधिक होता है, उस साल यह 30 मीटर तक बढ़ जाती है.

गुंटर और उनके साथियों ने इस जगह का क़रीब एक दशक तक अध्ययन किया है.

यह गड्ढा एक ही समय में भूत, भविष्य और वर्तमान के बारे में जानने का अवसर देता है.

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बाटागिका क्रेटर की सतह.
JULIAN MURTON
बाटागिका क्रेटर की सतह.

यहां नज़र आई गाद के परतों से यह पता चला है कि दो लाख साल पहले इस इलाक़े का वातावरण कैसा था. पेड़ों के अवशेष, पराग और जानवरों के अवशेषों से पता चलता है कि एक समय यह इलाका एक घना जंगल रहा होगा.

जलवायु परिवर्तन

यहां की भूगर्भीय जानकारी हमें यह समझने में मदद कर सकती है कि भविष्य में यह इलाक़ा ग्लोबल वॉर्मिंग को किस रूप में लेगा.

इस गड्ढे में हो रहा विकास इस बात का संकेत है कि स्थाई रूप से जमी हुई बर्फ़ पर जलवायु परिवर्तन का क्या प्रभाव पड़ रहा है.

इंग्लैंड के ससेक्स विश्वविद्यालय के प्रेमाफ़्रोस्ट साइंस के प्रोफ़ेसर जुलियन मुर्टन कहते हैं, ''इस गड्ढे के सामने आने की प्रक्रिया की शुरुआत 1960 के दशक में हुई.''

इस इलाक़े में बड़े पैमाने पर जंगलों का कटान हुआ. इसका मतलब यह हुआ कि गर्मी के दिनों में इस इलाक़े में पेड़ों की छाया नहीं रही.

सूर्य की रोशनी ने पेड़-पौधों की ग़ैर मौज़ूदगी में इस इलाक़े को गर्म कर दिया.

बाटागिका क्रेटर.
JULIAN MURTON
बाटागिका क्रेटर.

मुर्टन कहते हैं, ''कम छाया और नमी के इस गठजोड़ ने सतह पर गर्मी बढ़ाने में मदद की.''

जमी हुई ज़मीन के पिघलने से हमें यहां भविष्य में केवल गड्ढे ही नहीं बल्कि झरने और झीलें भी दिखाई देंगी.

वैज्ञानिक अभी भी गाद का विश्लेषण कर इस गड्ढे के बनने के कालक्रम के बारे में पता लगा रहे हैं. यह पता करना इसलिए भी ज़रूरी है कि सर्बिया का जलवायु इतिहास अभी भी एक रहस्य बना हुआ है.

अतीत में हुए जलवायु परिवर्तन का पुननिर्माण कर वैज्ञानिक भविष्य में होने वाली उसी तरह के परिवर्तन की उम्मीद जता रहे हैं.

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English summary
A crater in serbia forest people say it's heaven door
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