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मगन बिस्सा : नहीं रहे राजस्थान के 'एडवेंचर मैन', पुणे हादसे में निधन से बीकानेर में शोक की लहर

By आनंद आचार्य
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बीकानेर। अपने हैरत अंगेज कारनामों से हर किसी को आश्चर्यचकित करने वाले बीकानेर के 'एडवेंचर मैन' पर्वतारोही मगन बिस्सा नहीं रहे। 14 फरवरी शुक्रवार को पुणे में एक हादसे में उनका निधन हो गया। बिस्सा के निधन से बीकानेर में शोक की लहर दौड़ गई। बिस्सा शुक्रवार को पुणे में एक एडवेंचर इवेंट में बच्चों को मंकी क्रालिंग का डेमो दे रहे थे तो उसी दौरान उनकी रस्सी टूट गई। इस हादसे के कारण उनका आकस्मिक निधन हो गया।

एनएएफ के राजस्थान और गुजरात के डायरेक्टर रहे थे बिस्सा

एनएएफ के राजस्थान और गुजरात के डायरेक्टर रहे थे बिस्सा

बता दें कि पर्वतारोहण और एडवेंचर को जीवन का हिस्सा बना चुके मगन बिस्सा नेशनल एडवेंचर फाउंडेशन (एनएएफ) के राजस्थान और गुजरात के डायरेक्टर रहे थे। वे भारतीय पर्वतारोहण संघ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य भी रहे। उन्होंने शादी के कुछ माह बाद ही पत्नी डॉ. सुषमा बिस्सा को भी इस एडवेंचर का हिस्सा बना लिया था। वे विश्व के प्रथम पर्वतारोही तेंजिंग नोरगे से प्रभावित होकर पर्वतारोही बने थे। बिस्सा ने एवरेस्ट शिखर से 300 मीटर नीचे एक साथी की जान बचाने के लिए खुद का ऑक्सीजन सिलेंडर उसे दे दिया जिसके कारण उसकी जान बच गई थी।

 पहले भी हादसे के शिकार हो चुके थे

पहले भी हादसे के शिकार हो चुके थे

1985 में भारतीय सैन्य एवरेस्ट अभियान दल में शामिल होकर एवरेस्ट के सबसे मुश्किल रास्ते दक्षिण-पश्चिम से ऊपर चढ़ चुके बिस्सा का उस समय संतुलन बिगड़ गया था, जिससे वे 700 मीटर की ऊंचाई से नीचे गिर गए थे। नीचे गिरने से मगन बिस्सा का पैर टूट गया था, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। 2009 में पत्नी डॉ. सुषमा के साथ नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी का हिस्सा बने। पांच दिन के रेस्ट के लिए नीचे आते समय हिमस्खलन की चपेट में आने से उनकी आंतों में गेगरीन हो गया। नाजुक हालत में उन्हें रेस्क्यू कर काठमांडू लाया गया। वहां उन्हें इंस्टीट्यूट ऑफ लीवर एंड वाइलरी साइंस अस्पताल में एक साल तक भर्ती रखा गया। जान बचाने के लिए उनकी छोटी आंत तक काटनी पड़ी थी।

 कई बड़े अवार्ड भी अपने नाम कर चुके थे बिस्सा

कई बड़े अवार्ड भी अपने नाम कर चुके थे बिस्सा

मगन बिस्सा ने कई बड़े अवार्ड भी अपने नाम किए थे। बिस्सा राजस्थान के महाराणा प्रताप खेल अवार्ड, नेशनल एडवेंचर क्लब के भारत गौरव मेडल, भारतीय पर्वतारोहण संघ के गोल्ड मेडल, सेना मेडल वीरता पुरस्कार और पंडित किशनसिंह नैन अवार्ड से सम्मानित हो चुके थे। बिस्सा ने 1978 में एम. कॉम करने के बाद हिमालयन पर्वतारोहण संस्थान दार्जिलिंग से तेंजिंग नोरगे की ही देखरेख में पर्वतारोहण का बेसिक कोर्स किया। वे 1984 में पहली बार उस राष्ट्रीय एवरेस्ट अभियान के सदस्य बने जिसमें बछेंद्री पाल शामिल थी। वहीं, मगन बिस्सा के निधन पर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री डॉक्टर बी डी कल्ला ने शोक व्यक्त किया है।

 आज शाम तक पहुंचेगा शव

आज शाम तक पहुंचेगा शव

बीकानेर के जवाहर नगर में मगन बिस्सा का मकान है। वहीं, उनका पूरा परिवार रहता है। मगन बिस्सा की पत्नी सुषमा बिस्सा भी अपने पति के कार्यों से काफी प्रभावित थी। शुक्रवार देर रात उनका शव बीकानेर पहुंच सकता है। शनिवार को अंतिम संस्कार होगा।

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English summary
Magan Bissa died in accident in Pune Rajasthan Adventure Man No More
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