काम नहीं हुआ तो रिश्वत के 30 हजार रुपए लौटाते एसीबी ने पकड़ा, बीकानेर का पहला मामला
बीकानेर। अब तक आपने रिश्वत की राशि लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किए जाने का मामला सुना होगा, मगर राजस्थान के बीकानेर में रिश्वत का अनूठा मामला सामने आया है। यहां रिश्वत की राशि लौटाते वक्त गिरफ्तार किया गया है। बीकानेर का संभवतया यह पहला मामला है।
नागौर का रहने वाला है परिवादी
बता दें कि बीकानेर शिक्षा निदेशालय में संयुक्त विधि परामर्शी बद्री नारायण व्यास को 30 हजार रुपए की ली गई रिश्वत राशि परिवादी को वापस देते हुए ACB ने पकड़ा है। एसीबी के ASP रजनीश पूनिया के नेतृत्व में पूरी कार्रवाई को अंजाम दिया गया। पूनिया ने बताया कि नागौर के मारवाड़ मुंडवा निवासी परिवादी अर्जुनराम जाट शिक्षा विभाग में पीटीआई के पद पर नियुक्त हुआ था।
पक्ष में रिपोर्ट देने को कहा
परिवादी अर्जुनराम जाट के खिलाफ चार आपराधिक प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण परिवादी का प्रकरण माध्यमिक शिक्षा निदेशालय में चल रहा था। परिवादी को नौकरी जाने का भय दिखाकर संयुक्त विधि परामर्श बद्रीनारायण व्यास ने परिवादी को रिपोर्ट पक्ष में देने के लिए 30 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। उसने रिश्वत के पैसे दे दिए थे, लेकिन उसके बाद परिवादी का प्रकरण नियुक्ति पत्र निदेशालय द्वारा खारिज हो गया।
रुपए लेने निदेशालय बुलाया
इसके बाद परिवादी ने शिकायत का हवाला देकर बद्रीनारायण व्यास से 30 हजार रुपए की रिश्वत की राशि वापस देने की मांग की थी। इस पर गुरुवार को संयुक्त विधि परामर्शी बद्रीनारायण व्यास ने परिवादी अर्जुनराम जाट को बीकानेर के शिक्षा निदेशालय में आकर रिश्वत के 30 हजार रुपए वापस लेने को कहा। इशारा पाकर एसीबी ने भी दबिश दी और बद्रीनारायण व्यास को रिश्वत की राशि देते हुए रंगों हाथों गिरफ्तार कर लिया। शिक्षा निदेशालय में एसीबी की कार्रवाई से कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। एसीबी बद्रीनारायण व्यास के घर व बैंक खाते तलाशने में जुट गई है।
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