राजस्थान : करोड़ों की सम्पत्ति का मालिक निकला 3.65 लाख की रिश्वत लेते पकड़ा गया अफसर लक्ष्मण सिंह
बीकानेर। राजस्थान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम द्वारा आरएसआरडीसी परियोजना निदेशक लक्ष्मण सिंह को जयपुर में 3.65 लाख रुपए की रिश्वत लेते पकड़े जाने के बाद बीकानेर स्थित उनके आवास की तलाशी ली गई, जिसमें वे करोड़ों की सम्पत्ति के मालिक निकले हैं।
400 ग्राम सोना, डेढ़ किलो चांदी मिली
एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रजनीश पूनिया और डीवाईएसपी शिव रतन गोदारा के नेतृत्व में लक्ष्मण सिंह के बीकानेर के गांधी नगर स्थित आवास पर तलाशी लिए जाने पर वहां से 400 ग्राम सोना, डेढ़ किलो चांदी, 8 प्लॉट के कागजात मिले हैं। इसमें 6 प्लॉट बीकानेर और जयपुर में हैं। किलचु गांव में 7 बीघा कृषि भूमि है।
ठेकेदारों से की मिलीभगत
रजनीश पूनिया ने बताया कि आरोपी के घर से मिली बेनामी सम्पत्ति की जांच होगी। गौरतलब है कि आरएसआरडीसी ( राजस्थान राज्य सड़क विकास निगम ) परियोजना निदेशक लक्ष्मण सिंह तंवर जयपुर में ठेकेदारों से मिलीभगत करके 3.65 लाख रूपए की रिश्वत लेते गुरुवार को पकड़े गए थे।
इसके बदले ली थी रिश्वत
बता दें कि रिश्वत की यह राशि सड़क निर्माण के ठेकेदार राजेश वाधवा से आरओबी बिल भुगतान और अन्य रियायतों के बदले ली गई थी। इस प्रकरण में एसीबी जयपुर के अधिकारियों ने षड़यंत्र में शामिल पर्यवेक्षक अधिकारी नरेंद्र मोहन शर्मा, और बीकानेर के ठेकेदार रामसिंह सहारण को भी गिरफ्तार किया है।
रिश्वत देने व लेने वाले दोनों गिरफतार
आरएसआरडीसी परियोजना अधिकारी लक्ष्मण सिंह गुरुवार को जयपुर में मीटिंग में गए थे। वहां मीटिंग के बाद ठेकेदार से यह रिश्वत की राशि लेनी तय की थी। जैसे ही लक्ष्मण सिंह ने रिश्वत के राशि आदान-प्रदान हुई। उसी एसीबी ने दबिश देकर दोनों को पकड़कर रिश्वत की राशि जब्त की थी। एसीबी ने यह पूरी कार्रवाई किसी सूत्र के सूचना के आधार पर की थी। ऐसे में रिश्वत देने और लेने वाले दोनों को गिरफ्तार कर लिया।
बैक डेट में किए थे कार्य मंजूर
गौरतलब है कि आरएसआरडीसी परियोजना अधिकारी लक्ष्मण सिंह पहले भी राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 के दौरान बैक डेट में करोड़ों रुपए के वर्क आर्डर जारी करने के मामले में विवादों में रहे थे। इसको लेकर खाजूवाला विधायक गोविंद राम मेघवाल ने निर्वाचन आयोग को आचार संहिता लागू होने के बाद बैक डेट में सड़कों की मरमत आदि कार्यों के लिए कोरोड़ों के वर्क आर्डर जारी करने की शिकायत की थी।
जब छापा मारकर कार्यालय से रिकॉर्ड किया जब्त
इसके बाद बीकानेर के तत्कालीन जिला कलक्टर के आदेश पर आदर्श आचार सहिता सेल प्रभारी नरेंद्र सिंह पुरोहित ने PWD डिवीजन फर्स्ट के दफ्तर पर छापा मारकर रिकॉर्ड जब्त किया था। प्रारंभिक जांच में यह अचार सहिता का उल्लंधन माना गया था। उसके बाद उप जिला निर्वाचन अधिकारी एचए गौरी और वित्त नियंत्रक संजय धवन ने विस्तृति रिपार्ट निर्वाचन आयोग को भेजी थी। अब ये ठेकेदार से रिश्वत की राशि लेते गिरफ्तार हुए है।
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