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लापता बच्चों की तलाश में भटक रही बाघिन, लोगों में दहशत

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बिजनौर। यूपी उत्तराखंड की सीमा से सटे कालागढ़ वन रेंज में हनुमान मंदिर के इर्द गिर्द एक बाघिन कई दिनों से दिखाई दे रही है, जिसे लेकर इलाके के लोगो में दहशत का माहौल है।इतना ही नहीं वन विभाग में भी हड़कंप मच गया। कॉर्बेट नेशनल पार्क के वन कर्मचारी लगातार हाथी के जरिए गश्त करते नजर आ रहे है तो कही ड्रोन कैमरे उड़ा कर बाघिन पर नजर रखे हुए हैं। इलाके के लोगों को बाघिन से जान माल का खतरा बना हुआ है और यही वजह है इलाके के लोग ज़रूरी काम के लिए घर से निकलते हुए घबरा रहे हैं।

बाघिन के दो बच्चे हुए लापता

बाघिन के दो बच्चे हुए लापता

दरअसल, यूपी उत्तराखंड की सीमा से सटे कालागढ़ वन रेंज में कुछ दिन से बाघिन के दो बच्चे लापता हो गए हैं। जिनकी तलाश में बाघिन हनुमान मंदिर व रिहायशी इलाकों में घूम रही है। कॉर्बेट नेशनल पार्क के वन कर्मचारी लगातार हाथी के जरिए गश्त करते नजर आ रहे है तो कही ड्रोन कैमरे उड़ा कर बाघिन पर नजर रखे हुए हैं। वन विभाग के अफसरों को डर है कि बाघिन कही यूपी की तरफ रुख ना कर ले, जिससे बड़ा हादसा होने से इनकार नहीं किया जा सकता। इलाके के लोगों को बाघिन से जान माल का खतरा बना हुआ है और यही वजह है इलाके के लोग ज़रूरी काम के लिए घर से निकलते हुए घबरा रहे हैं।

लखीमपुर में मिला शावक का शव

लखीमपुर में मिला शावक का शव

उधर, लखीमपुर में मंगलवार को थाना व गोला क्षेत्र के ग्राम बक्खारी के पास वनबसा से सीतापुर तक निकली खीरी ब्रांच नहर में बाघिन के एक नवजात शावक का शव मिला। ग्रामीणोें ने किसी तरह बाघिन के शावक के शव को पानी से बाहर निकाला। शव बरामदगी होने की खबर से इलाके में खलबली मच गई। आननफानन में बडी संख्या में लोगों का जमावड़ा लग गया। ग्रामीणों ने पुलिस और वन विभाग को सूचना दी। इसके बाद मौके पर पुलिस और वनक्षेत्राधिकारी बनारसीदास ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। सूचना पर डीएफओ समीर कुमार दलबल के साथ मौके पहुंचे। अधिकारियों ने बाघिन के नवजात शावक के परीक्षण व पोस्टमार्टम के लिए भेजने की बात कही।

कॉर्बेट नेशनल पार्क का इस सत्र पर्यटकों के लिए खुलना मुश्किल

कॉर्बेट नेशनल पार्क का इस सत्र पर्यटकों के लिए खुलना मुश्किल

कॉर्बेट नेशनल पार्क का इस सत्र में पर्यटकों के लिए खुल पाना बहुत मुश्किल लग रहा है। कोरोना वारयस के चलते यह पार्क 17 मार्च से पर्यटकों के लिए बंद है, जबकि इस पार्क के अधिकतम पर्यटन जोन 30 जून को मानसून सीजन के लिए बंद कर दिए जाते हैं। यहां ढिकाला, बिजरानी, लोहचौड़, ढेला, झिरना, पांखरो और सोना नदी वन्यजीव विहार हैं, जहां पर्यटन होता है। इसमें ढेला और झिरना जोन साल भर पर्यटकों के लिए खुले रहते हैं। बशर्ते कि बारिश से मार्ग खराब ना हो जाए। पार्क का सबसे लोकप्रिय जोन ढिकाला 15 जून को पर्यटकों के लिए बंद कर दिया जाता है। ढिकाला के साथ ही पार्क में पर्यटकों के रात्रि विश्राम की सुविधा बंद कर दी जाती हैं।

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English summary
tigress wandering in search of missing children at Kalagarh Forest Range
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