UPSC: असफलताओं से नहीं डिगे बिजनौर के जुनैद, बताया कि कैसे हासिल हुई तीसरी रैंक
बिजनौर। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने शुक्रवार शाम सिविल सेवा परीक्षा-2018 का फाइनल रिजल्ट घोषित कर दिया। यूपीएससी की परीक्षा में उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के नगीना इलाके में रहने वाले जुनैद अहमद ने तीसरी रैंक हासिल की है। शाम को जैसे ही जुनैद का रिजल्ट आया और उसके चयन होने की सूचना मिली तो परिवार में खुशियों की लहर दौड़ गई। हर कोई इनके घर बधाई देने पहुंचने लगा।
असफलताओं के बाद मिली सफलता
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) से पढ़ाई करने के बाद जुनैद अहमद ने यूपीएससी की तैयारियां शुरू कर दी। पेश से वकील जुनैद के पिता जावेद हुसैन की मानें तो जुनैद के सीनियर्स की ओर से सजेस्ट की गई किताबों ने उनकी पढ़ाई में काफी मदद की। उन्होंने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि, 'जुनैद को पांचवीं कोशिश में यह सफलता हाथ लगी है। पिछले साल 352 वीं रैंक आने पर जुनैद को रेवेन्यू सर्विस मिली थी। उन्होंने बताया कि जुनैद 2014 से सिविल परीक्षा की तैयारी में जुटे थे और शुरुआती असफलता से वे डिगें नहीं।
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इंटरनेट ने की पढ़ाई में मदद
जुनैद अहमद ने बताया कि इंटरनेट ने भी मेरे काफी मदद की। आजकल सब कुछ ऑनलाइन उपलब्ध है। जुनैद ने कहा, 'मुझे इस बात की उम्मीद थी कि मेरा नाम लिस्ट में होंगा, लेकिन कभी भी तीसरी रैंक की उम्मीद नहीं थी।
8 से 10 करते थे लगातार पढ़ाई
जुनैद अहमद ने नगीना के सेंट मेरी स्कूल से इंटर तक कि पढ़ाई की है। इसके बाद उन्होंने नोएडा के शारदा विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इनजिनियरिंग में स्नातक किया है। जुनैद ने दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया के रेजिडेंशियल कोचिंग आकदमी से मार्गदर्शन लिया है। वह 2015 से यहां से जुड़े हैं। इस संस्था की ओर से सिविल सेवा की परीक्षा की तैयारी के लिये यहां मुफ्त कोचिंग दी जाती है। जुनैद ने बताया कि सिविल सर्विसेज की तैयारी के लिए वह लगातार आठ से 10 घंटे तक पढ़ाई करते थे। जब उन्हें सिविल सर्विस परीक्षा का बेसिक समझ आ गया तो उन्होंने अपनी पढ़ाई का समय 4 घंटे कर दिया था।
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