CAA protest: 7 महीने के बेटे के लिए दूध लेने निकला था 21 साल का अनस, पुलिस की गोली ने ले ली जान
बिजनौर। नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान बिजनौर के नहटौर में 21 साल के अनस की मौत हो गई। अनस अपने सात महीने के मासूम बेटे के लिए दूध लाने के लिए घर से निकला था। परिजनों का दावा है कि पुलिस की गोली से उसकी मौत हुई है। बता दें, बिजनौर के नटहौर में बीते शुक्रवार को जुमे के नमाज के बाद अचानक से हालात बिगड़ गए। प्रदर्शन में दो लोगों की मौत हो गई थी।
अचानक से बेकाबू हुए हालात, 21 साल के अनस की मौत
इलाके में रहने वाले हामिद सलमानी ने इंडिया टुडे टीवी को बताया, ''जुमे की नजाम के बाद लोग मस्जिद से निकले, पुलिस ने अपील करते हुए लोगों से कहा कि वे अपने-अपने घर लौट जाएं। पुलिस की बात मानकर सभी अपने-अपने घर जा रहे थे, अचानक एक स्थानीय युवक और पुलिस के बीच किसी बात को लेकर बहस हो गई और देखते-देखते ही हालात बेकाबू हो गए।'' उन्होंने बताया, पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प शुरू हो गई, इसी दौरान पुलिस की गोली से 21 साल के अनस और 20 साल के सुलेमान घायल हो गए। दोनों को पास के अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने अनस को मृत घोषित कर दिया। वहीं, सुलेमान की इलाज के दौरान मौत हो गई।
पिता ने कहा- प्रदर्शनकारी बता पुलिसवाले ने मार दी बेटे को गोली
मृतक अनस के पिता के अरशद हुसैन ने कहा, ''अनस की पत्नी ने उसे बच्चे के लिए दूध लाने के लिए कहा था, अनस घर से 50 मीटर की दूरी पर अपने चाचा के घर जाने के लिए निकला ही था कि पुलिस ने कहना शुरू कर दिया कि काले कोट में प्रदर्शनकारी है और उसे गोली मार दी। मैं मौके पर पहुंचा तो अनस सड़क पर पड़ा था। उसे उठा तुरंत अस्पताल ले गया, लेकिन तक तक बहुत देर हो चुकी थी।
नहीं करने दिया ठीक से अंतिम संस्कार
उन्होंने बताया कि पुलिसवालों ने ये कहते हुए बॉडी देने से इनकार कर दिया कि वह शव को गांव में नहीं दफना सकते हैं। हमने उनसे कहा कि वह अनस के शव को 15 किलोमीटर दूर उसकी नानी के घर पर पास दफना देंगे, जिसके बाद उन्हें बेटे की बॉडी मिल सकी। इसके बाद पुलिस ने तुरंत शव को दफन करने का दबाव बनाया। उनके काफी कहने पर कि शव को दफनाने से पहले कुछ जरूरी प्रक्रिया पूरी करनी पड़ेगी, जिसके बाद उन्होंने शव को दफना दिया।
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