बिहार न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

जब शहाबुद्दीन के बयान से तिलमिला गए थे नीतीश, लालू से अलग होने का कर लिया था फैसला

Google Oneindia News
जब शहाबुद्दीन के बयान से तिलमिला गए थे नीतीश, लालू से अलग होने का कर लिया था फैसला

क्या नीतीश कुमार एक्सिडेंटल चीफ मिनिस्टर हैं ? क्या नीतीश कुमार जनाधार से नहीं बल्कि परिस्थितियों के कारण मुख्यमंत्री बने ? क्या कभी नीतीश कुमार इतने कमजोर मुख्यमंत्री थे कि उनकी शासन पर पकड़ ढीली पड़ गयी थी? 2015 में नीतीश कुमार जब मुख्यमंत्री बने थे तब उन्हें ऐसे ही सवालों से जूझना पड़ा था। 2016 में उनके साथ कुछ ऐसी घटनाएं हुईं जिसकी उन्होंने कभी कल्पना नहीं की थी। गुड गवर्नेंस नीतीश की पहचान थी और वहीं खतरे में पड़ गयी थी। तब नीतीश ने अपनी छवि को बचाने के लिए क्या किया था ? किस एक बयान से नीतीश कुमार इतने विचलित हो गये कि उन्होंने अपनी सरकार ही कुर्बान कर दी ?

नीतीश बनाम शहाबुद्दीन

नीतीश बनाम शहाबुद्दीन

2015 में नीतीश कुमार लालू के सहयोग से मुख्यमंत्री बने थे। लालू समय- समय पर नीतीश को यह अहसास दिलाते रहते थे कि उनकी वजह से ही वे मुख्यमंत्री बने हैं। कहा जाता है कि लालू तब एसपी, डीएम से लेकर दारोगा तक के ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए नीतीश कुमार पर दबाव डालते थे। नीतीश स्वतंत्र शासन करने के आदी थे। लेकिन उन्हें हर बड़े फैसले के पहले लालू से राय लेनी पड़ती थी। नीतीश किसी तरह सब कुछ झेल रहे थे। इसी बीच राजद के बाहुबली नेता शहाबुद्दीन को राजीव रोशन हत्याकांड मामले में पटना हाईकोर्ट से जमानत मिल गयी। सीवान के रहने वाले राजीव रोशन के दो भाइयों की 2004 में तेजाब से नहला कर हत्या कर दी गयी थी। इस हत्या का आरोप भी शहाबुद्दीन पर लगा था। राजीव रोशन अपने भाइयों की हत्या का गवाह था। 2014 में गवाह राजीव की हत्या कर दी गयी तो इस मामले में शहाबुद्दीन को आरोपी बनाया गया था। हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद 10 सितम्बर 2016 को शहाबुद्दीन 11 साल के बाद जेल से रिहा हुए। शहाबुद्दीन लालू के खासमखास थे और वे अपनी दुर्दशा के लिए नीतीश कुमार को जिम्मेवार मानते थे। एक समय शहाबुद्दीन के बाहुबल की न केवल सीवान में बल्कि पूरे बिहार में तूती बोलती थी। लेकिन जैसे ही 2005 में नीतीश कुमार सत्ता में आये शहाबुद्दीन के दुर्दिन शुरू हो गये। नीतीश ने कानून का शासन स्थापित किया तो शहाबुद्दीन गिरफ्तार कर लिये गये। जब वे गिरफ्तार हुए उस समय वे राजद के सांसद थे। लेकिन जेल जाते ही शहाहुद्दीन का किला ढह गया। उनकी पत्नी को लगातार दो लोकसभा चुनावों में हार झेलनी पड़ी। पुलिस ने ऐसी सख्ती दिखायी कि शहाबुद्दीन के आतंकराज का खात्मा हो गया।

नीतीश परिस्थितियों के सीएम- शहाबुद्दीन

नीतीश परिस्थितियों के सीएम- शहाबुद्दीन

10 सितम्बर 2016 को शहाबुद्दीन 11 साल के बाद जेल से रिहा हुए। उस समय बिहार में नीतीश, लालू और कांग्रेस की मिलीजुली सरकार थी। जेल से रिहा होने के बाद शहाबुद्दीन ने कहा था, नीतीश कुमार परिस्थितियों के सीएम हैं। वे जननेता नहीं हैं। जननेता तो लालू यादव हैं। नीतीश नहीं, लालू यादव उनके नेता हैं। इस बयान के बाद बिहार की राजनीति में भूचाल आ गया। नीतीश कुमार के लिए अपमानजनक स्थिति पैदा हो गयी। हत्या और अन्य गंभीर अपराधों का एक आरोपी राज्य के मुख्यमंत्री को खुलेआम चुनौती देता है और मुख्यमंत्री को खामोश रहना पड़ता है। जब इस मामले में लालू यादव ने शहाबुद्दीन के बचाने की कोशिश की तो नीतीश कुमार तिलमिला कर रहे गये। नीतीश को उम्मीद थी कि इस अशोभनीय बयान के लिए लालू यादव शहाबुद्दीन पर कोई एक्शन लेंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जब पत्रकारों ने लालू यादव से शहाबुद्दीन के बयान को लेकर प्रतिक्रिया मांगी तो उन्होंने कहा था, शहुद्दीन ने क्या गलत कहा, वे राजद में हैं और मैं उनका नेता हूं। ये सही बात तो है। जब उनसे पूछा गया कि क्या नीतीश परिस्थितियों के मुख्यमंत्री हैं ? तो उन्होंने कहा ये सब मीडिया का किया-धरा है।

क्या सरकार के सहयोग से बाहर निकले थे शहाबुद्दीन ?

क्या सरकार के सहयोग से बाहर निकले थे शहाबुद्दीन ?

बिहार के मौजूदा डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी उस समय विपक्षी में थे। शहाबुद्दीन की रिहाई पर उन्होंने एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर नीतीश सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाये थे। तब मोदी ने सवाल उठाया था, राजेश रोशन हत्याकांड के सात माह बाद भी नीतीश सरकार ने ट्रायल क्यों नहीं शुरू कराया था ? कोर्ट ने ट्रायल की प्रगति नहीं होने के आधार पर शहाबुद्दीन को जमानत दी थी। सुशील मोदी ने तब नीतीश सरकार से पूछा था कि अगर कोई दिक्कत थी तो वीडियो कांफ्रेंसिग से क्यों नहीं ट्रायल कराया गया ? क्य़ा एक दिन के लिए शहाबुद्दीन को सीवान लाकर सेशन कोर्ट में पेश नहीं किया जा सकता था ? मोदी का आरोप था, शहाबुद्दीन को इस मामले में जमानत मिल जाए इसलिए एक रणनीति के तहत ट्रायल शुरू नहीं कराया गया। जब कि कोर्ट ने इसके लिए आदेश दिया था। मोदी ने विधायक अनंत सिंह का भी उदाहरण दिया था। उन्होंने कहा था, अनंत सिंह सजायाफ्ता नहीं है फिर भी उन पर यह कह कर सीसीए लगाया गया कि उनसे बाहर आने से शांति-व्यवस्था को खतरा है। लेकिन कई संगीन मामलों में सजायाफ्ता शहाबुद्दीन पर सीसीए क्यों नहीं लगाया ? जब कि शहाबुद्दीन के बाहर रहने से तीन बेटों को गंवा चुके चंद्रकेश्वर प्रसाद और पत्रकार राजदेव रंजन हत्या मामले के अपीलकर्ता डरे हुए हैं। तब नीतीश सरकार पर य़े आरोप लगा था कि उसने लालू यादव के दबाव में ऐसा किया।

अब मुख्तार अंसारी की पत्नी और बेटों समेत 12 पर केस दर्ज, जानें क्या है मामला?अब मुख्तार अंसारी की पत्नी और बेटों समेत 12 पर केस दर्ज, जानें क्या है मामला?

शहाबुद्दीन मुद्दे पर हुई थी नीतीश की फजीहत

शहाबुद्दीन मुद्दे पर हुई थी नीतीश की फजीहत

इन आरोपों से नीतीश कुमार के सुशासन की छवि तार-तार हो गयी। उन्हें एक कमजोर मुख्यमंत्री के रूप में प्रचारित किया जाने लगा। कानून के राज का ढिंढ़ोरा पीटने वाले नीतीश कुमार हालात से समझौता करते हुए दिखने लगे। मीडिया में नीतीश की फजीहत होने लगी। तब विचलित नीतीश कुमार ने शहाबुद्दीन की जमानत को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का फैसला किया। चंद्रकेश्वर प्रसाद की तरफ से मशहूर वकील प्रशांत भूषण ने भी शहाबुद्दीन की जमानत रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। आखिरकार 30 सितम्बर 2016 को सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के उस फैसले को रद्द कर दिया जिसके तहत शहाबुद्दीन की जमानत दी गयी थी। जेल से बाहर आने के 20 दिन के बाद ही शहाबुद्दीन को फिर सीवान कोर्ट में सरेंडर करना पड़ा। यही वो घटना थी जिसकी वजह से नीतीश ने लालू से अलग होने का फैसला किया था। वे मुनासिब मौके की तलाश में थे। जुलाई 2017 में तेजस्वी पर भ्रष्टाचार के लगे आरोपों ने नीतीश को ये मौका दे दिया। नीतीश ने तभी ये तय कर लिया था कि भले नरेन्द्र मोदी को अपना नेता मानना पड़े लेकिन अब लालू का साथ मंजूर नहीं।

Comments
English summary
When Nitish kumar amazed to Shabuddin's statement and decided to separate from Lalu yadav: Bihar
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X