VIDEO: 'जय किशोर अमर रहें' के नारों से गूंज उठा जिला वैशाली, नम आंखों से दी विदाई
वैशाली। बीते 15 व 16 जून की रात को भारत-चीन के बीच गलवान घाटी में हुई झड़प में शहादत देने वाले सिपाही जय किशोर सिंह को शुक्रवार को गार्ड ऑफ ऑनर देते हुए उन्हें आखिरी विदाई दी गई। भारत-चीन के सैनिकों के बीच सोमवार रात लद्दाख की गलवान वैली में हुई हिंसक झड़प में वैशाली जिले के जवान जय किशोर सिंह शहीद हुए थे। जंदाहा थाना क्षेत्र के चकफतेह गांव के रहने वाले जय किशोर दो साल पहले ही सेना में भर्ती हुए थे। शहीद जवान जय किशोर की अभी शादी नहीं हुई थी।
जय किशोर चार भाइयों में दूसरे नंबर के थे। उनके बड़े भाई नंद किशोर भी सेना के जवान हैं। जय किशोर के पिता राज कपूर सिंह किसान हैं। जय किशोर 2018 में सेना में भर्ती हुए थे। जय किशोर की शहादत की खबर मिलने के बाद से गांव में मातम है। उनके घर पर गांव के लोग जुटे हुए हैं। गुरुवार को जवान जय किशोर का पार्थिव शरीर राजधानी पटना पहुंचा। इस दौरान, सरकार और विपक्ष के सभी नेता एयरपोर्ट पर मौजूद रहे और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
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इसके बाद, शुक्रवार को जय किशोर का शव उनके गांव चक फतेह पहुंचा। यहां जय किशोर का शव देख उनके परिजनों का बुरा हाल हो गया। वहीं, जय किशोर की अंतिम यात्रा के दौरान, उनके गांव में भारी भीड़ देखी गई और इस दौरान लोगों ने, 'भारत माता की जय', 'जय किशोर अमर रहें' के नारे लगाए। वीर जवान जय किशोर की अंतिम यात्रा के दौरान, सब की आंखें नम थी और सभी को शहीद जवान पर गर्व महसूस हो रहा था।
जानकारी के मुताबिक, जय किशोर साल 2018 में भारतीय थल सेना के लिए चुने गए थे। उनका चयन बिहार रेजिमेंट-12वीं बटालियन में हुआ था। इसके बाद, बिहार रेजीमेंट दानापुर कैंप में ट्रेनिंग पूरी करने के बाद उनकी पहली पोस्टिंग साल 2019 में भारत-चीन सीमा पर पूर्वी लद्दाख में हुई थी। जय किशोर के पिता पेशे से किसान हैं, जबकि उनके बड़े भाई नंद किशोर सिंह थल सेना में सिक्किम में तैनात हैं। वह चार भाईयों में से दूसरे नंबर थे।