बिहार में अनोखा घोटाला: टीके आएं 28 हजार, लगाए गए 30 हजार बच्चों को
मुजफ्फरपुर। बिहार के मुजफ्फरपुर में एक अनोखा घोटाला सामने आया है। यहां बच्चों को टीका लगाने के लिए जिला मुख्यालय ने सभी पीएचसी को 28,323 डोज वैक्सीन दिया था। लेकिन हैरत की बात है कि 30,024 बच्चों के टीकाकरण की रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी गई। अब 1,701 अतिरिक्त बच्चों को टीका देने की बात स्वास्थ्य विभाग को पच नहीं रही है।
निमोनिया रोधी टीकाकरण में गड़बड़ी का खुलासा होने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने पूरे मामले के जांच के आदेश दिए थे। शुरूआती जांच में औराई, मुशहरी, गायघाट, मोतीपुर, मुशहरी पीएचसी में ज्यादा दुरुपयोग की बात सामने आ रही है। बता दें कि जुलाई में हुए टीकाकरण की जब अगस्त में ऑनलाइन जांच की गई तो यह गड़बड़ी पकड़ में आ सकी। इसके बाद जिला से लेकर पटना तक के अधिकारी हरकत में आए गए।
अब स्वास्थ्य विभाग टीका का दुरुपयोग होने के साथ अन्यत्र वैक्सीन को खपाने की भी आशंका जता रहा है। राज्य स्वास्थ्य समिति के निर्देश पर जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. आरपी सिंह ने जांच का आदेश दिया है। वहीं, ज्यादातर पीएचसी प्रभारी अपनी रिपोर्ट को सही बता रहे हैं, जबकि जिला मुख्यालय का कहना है कि कम वैक्सीन में अधिक बच्चों का टीकाकरण कैसे हो गया।
बाजार
में
15
सौ
का
मिलता
है
टीका
स्वास्थ्य
विभाग
के
डॉक्टरों
का
कहना
है
कि
निमोनिया
का
टीका
अस्पतालों
में
मुफ्त
मिलता
है।
बाजार
में
एक
डोज
की
कीमत
15
सौ
से
चार
हजार
तक
है।
इसलिए
टीकाकरण
की
स्वास्थ्य
विभाग
कड़ी
मॉनिटरिंग
कर
रहा
है।
जिला
प्रतिरक्षण
अधिकारी
डॉ.
आरपी
सिंह
ने
कहा
कि
टीकाकरण
के
आंकड़े
व
वैक्सीन
की
संख्या
में
अंतर
है।
प्रभारियों
से
स्पष्टीकरण
देने
को
कहा
गया
है।
टीके
का
दुरुपयोग
होने
की
आशंका
है।
यदि
बड़ी
लापरवाही
सामने
आयी
तो
कानूनी
कार्रवाई
होगी।
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