बिहार चुनाव: तीन बड़े झटकों से हिले तेजस्वी राज्यपाल से मिले, नीतीश सरकार पर बरसे
पटना। मंगलवार राष्ट्रीय जनता दल के लिए झटकों से भरा दिन रहा। बिहार विधान परिषद चुनाव से ठीक पहले राजद के पांच एमएलसी जदयू में शामिल हो गए। वहीं पार्टी में लोजपा नेता रामा सिंह को दाखिल करने की सुगबुगाहट से आहत रघुवंश प्रसाद सिंह ने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। पांच एमएलसी के जदयू में शामिल होने के बाद विधान परिषद में विरोधी दल नेता के तौर पर राबड़ी देवी की कुर्सी को खतरा पैदा हो गया।झटकों से हिले राजद नेता तेजस्वी यादव ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल फागू चौहान से मिलकर उनसे नीतीश सरकार की शिकायत की।
पहला
झटका-
राजद
के
पांच
एमएलसी
जदयू
में
राजद
के
विधान
पार्षद
दिलीप
राय,
राधा
चरण
सेठ,
संजय
प्रसाद,
कमरे
आलम
और
रणविजय
सिंह
दलबदल
कर
जदयू
में
चले
गए।
विधान
परिषद
ने
भी
पार्टी
बदलकर
जदयू
में
पहुंचे
सभी
पार्षदों
को
मान्यता
दे
दी।
यह
तेजस्वी
यादव
के
लिए
मंगलवार
को
पहला
झटका
था।
बिहार
विधानसभा
चुनाव
में
अभी
कुछ
महीने
ही
बचे
हैं
और
अगले
महीने
विधान
परिषद
की
नौ
सीटों
पर
चुनाव
हैं।
इससे
पहले
राजद
से
पांच
पार्षद
के
निकलकर
जदयू
में
जाने
से
पार्टी
को
बड़ा
नुकसान
हुआ
है
जिससे
राबड़ी
देवी
की
कुर्सी
खतरे
में
पड़
गई
है।
दूसरा
झटका-
राबड़ी
देवी
की
कुर्सी
छिन
जाएगी
राजद
ने
विधान
परिषद
में
अपने
पांच
पार्षद
खो
दिए
हैं
इसके
बाद
कहा
जा
रहा
है
कि
नेता
विरोधी
दल
के
तौर
पर
राबड़ी
देवी
की
कुर्सी
अब
छिन
जाएगी।
विधान
परिषद
की
75
सीटों
में
से
किसी
भी
दल
के
पास
8
सीटें
होनी
चाहिए
तभी
उसके
पास
विरोध
दल
नेता
का
पद
रह
सकता
है।
अब
राजद
के
पास
सिर्फ
तीन
पार्षद
रह
गए
हैं
जिसके
बाद
राबड़ी
देवी
को
अब
विधान
परिषद
में
विरोधी
दल
नेता
पद
से
इस्तीफा
देना
पड़
सकता
है।
तीसरा
झटका-
रघुवंश
प्रसाद
सिंह
का
इस्तीफा
राजद
के
वरिष्ठ
नेता
और
राष्ट्रीय
उपाध्यक्ष
रघुवंश
प्रसाद
सिंह
ने
पद
से
इस्तीफा
दे
दिया।
चर्चा
है
कि
लोजपा
के
बाहुबली
नेता
और
पूर्व
सांसद
रामा
सिंह
राजद
में
शामिल
होने
जा
रहे
हैं
जिससे
नाराज
रघुवंश
प्रसाद
सिंह
ने
ऐसा
कदम
उठाया।
ऐसा
कहा
जा
रहा
है
कि
रामा
सिंह
के
पार्टी
में
आने
की
खबर
से
राजद
में
कई
नेताओं
में
नाराजगी
है।
रामा
सिंह
तेजस्वी
यादव
से
मिले
थे
जिसके
बाद
पार्टी
के
अंदर
हड़कंप
मचा
हुआ
है।
तीन
झटकों
से
हिले
तेजस्वी
ने
की
राज्यपाल
से
शिकायत
तेजस्वी
यादव
राज्यपाल
फागू
चौहान
से
मिलने
गए
और
उनको
एससी-एसटी
आरक्षण
लागू
करने
से
संबंधित
ज्ञापन
सौंपने
के
बाद
नीतीश
सरकार
के
बारे
में
उनसे
शिकायत
की।
उन्होंने
राज्यपाल
से
कहा
कि
प्रदेश
में
सरकार
विकास
काम
छोड़कर
असंवैधानिक
काम
कर
रही
है
और
पार्टियों
को
तोड़ने
में
लगी
हुई
है।
नीतीश
सरकार
घर
में
छुपकर
पार्टी
तोड़ने
और
विपक्ष
की
आवाज
को
दबाने
की
कोशिश
कर
रही
है।