तेजस्वी ने सीएम नीतीश को दिया अल्टीमेटम, वहीं लालू प्रसाद ने जातीय जनगणना पर केंद्र सरकार को घेरा
पटना। जातिगत जनगणना के मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार के बयान के बाद बिहार की राजनीति में उबाल आ गया है। एक तरफ जहां बिहार एनडीए के अंदर जदयू और भाजपा में बयानबाजी जारी है। वहीं मुख्य विपक्षी दल राजद के नेता तेजस्वी यादव ने सीधे सीएम नीतीश कुमार को अल्टीमेटम दे दिया है। मीडिया से बातचीत करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि जातिगत जनगणना की लड़ाई हम जारी रखेंगे। तीन दिन का समय सीएम नीतीश कुमार जी के पास है। वह अपना स्टैंड तीन दिन में क्लीयर करें । इसके बाद हम लोग यह तय करेंगे कि इस लाई को आगे कैसे लेकर चलना है।
बता दें कि केंद्र सरकार की तरफ से आधिकारिता मंत्रालय द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में कहा गया है कि वह ऐसा कोई निर्देश न दे, जिसमें 2021 की जनगणना में ओबीसी को शामिल किया जाए। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी है कि पिछड़े वर्ग की जातिगत जनगणना कराना प्रशासनिक रूप से कठिन और जटिल काम है। इसके अलावा केंद्र सरकार ने कहा है कि सामाजिक आर्थि व जाति जनगणना 2011 अशुद्धियों से भरी हुई हैं।
वहीं इस मुद्दे पर राजद सुप्रीमो और बिहार के मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने ट्वीट कर लिखा कि जनगणना में सांप-बिच्छू, तोता-मैना, हाथी-घोड़ा, कुत्ता-बिल्ली, सुअर-सियार सहित सभी पशु-पक्षी, पेड़-पौधे गिन जाएंगे। पिछड़े-अतिपिछड़े वर्गों के इंसानों की गिनती नहीं होगी। वाह बीजेपी व आरएसएस को पिछड़ों से इतनी नफरत क्यों। जातीय जनगणना से सभी वर्गों का भला होगा। सबकी असलियत सामने आएगी।
लालू ने अगले ट्वीट में लिखा, BJP-RSS पिछड़ा व अतिपिछड़ा वर्ग के साथ बहुत बड़ा छल कर रहा है। अगर केंद्र सरकार जनगणना फॉर्म में एक अतिरिक्त कॉलम जोड़कर देश की कुल आबादी के 60 फीसदी से अधिक लोगों की जातीय गणना नहीं कर सकती तो ऐसी सरकार और इन वर्गों के चुने गए सांसदों व मंत्रियों पर धिक्कार है। इनका बहिष्कार हो।
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वहीं लालू प्रसाद यादव के बयान पर पलटवार करते हुए भाजपा विधायक और बिहार सरकार में मंत्री जनक राम ने कहा है कि लालू यादव सदैव परिवार के हित के लिये राजनीति किए हैं। जनता से कोई लेना देना नहीं। केंद्र के फैसले को देश की जनता को इशारों में समझ लेना चाहिए। फिल्म से पहले एक टीजर दिखाया जाता है यह याचिका वही है।