बिहार न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

सुशील मोदी से पहले लालू के फोन पर क्यों चुप्पी साधे रहे मांझी-सहनी?

Google Oneindia News

पटना। परिस्थितियां, तथ्य और प्रभाव को देख कर यह कहा जा सकता है कि सुशील कुमार मोदी बिहार एनडीए के सबसे साहसी और खोजपरक नेता हैं। उनके जैसा न कोई भाजपा में है और न कोई जदयू में। सुशील मोदी से पहले किसी ने लालू यादव के जेल से फोन करने का खुलासा नहीं किया। सुशील मोदी ने भंडाफोड़ किया तो अब जीतन राम मांझी और मुकेश सहनी भी कह रहे हैं कि उन्हें लालू यादव का फोन आया था। अगर ऐसा है तो इन दोनों नेताओं ने पहले क्यों नहीं ये बात बतायी ? क्या उनके मन में राजद से कोई डर था ? लेकिन सुशील मोदी तो नहीं डरे। जब लालू यादव की उनसे फोन पर बात हुई तो उसी समय उन्होंने वो मोबाइल नम्बर सार्वजनिक कर दिया। जीतन राम मांझी और मुकेश सहनी ने ऐसा क्यों नहीं किया ? अगर राजद ने स्पीकर के चुनाव में एनडीए को हराने की योजना बनायी थी तो उन्होंने केवल एक विधायक से बात नहीं की होगी। और लोगों से भी बात हुई होगी। किसी ने कुछ नहीं कहा। लेकिन ये सुशील मोदी की ही हिम्मत थी कि उन्होंने सीधे सीधे लालू यादव को कठघरे में खड़ा कर दिया। जदयू नेताओं को इसकी भनक तक नहीं लगी कि नीतीश सरकार को गिराने का कोई खेल भी चल रहा है।

Sushil Modi disclosed audio call of Lalu Yadav, why not Jitanram Manjhi and Mukesh Sahni

Recommended Video

Bihar: Lalu Yadav के फोन पर BJP MLA Lalan Yadav बोले- गरीब हूं लेकिन बिकाऊ नहीं | वनइंडिया हिंदी

क्यों खामोश रहे मांझी और सहनी ?
25 नवम्बर को विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होना था। इसके पहले ही सुशील मोदी ने 24 नवम्बर की रात में ट्वीट कर आरोप लगाया था कि लालू यादव फोन कर एनडीए विधायकों को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने वो मोबाइल नम्बर भी ट्वीट किया था जिससे कथित रूप से लालू यादव ने बात की थी। इस खुलासे के बाद हंगामा मच गया। अगर स्पीकर के चुनाव में एनडीए को हराने की कोई योजना रही भी होगी तो वह परवान चढ़ने के पहले दम तोड़ गयी। नीतीश सरकार बच गयी। विजय कुमार सिन्हा स्पीकर चुन लिये गये। इतना कुछ होने के बाद जीतन राम मांझी और मुकेश सहनी कह रहे हैं लालू यादव ने उनको भी फोन किया था। जीतन राम मांझी कह रहे हैं कि लालू यादव ने उन्हें जेल से दर्जनों बार फोन किये थे। लालू ने उन्हें मुख्यमंत्री तक का ऑफर दिया था। मांझी के मुताबिक, उन्होंने मेरे परिवार के लोगों को भी फोन कर दबाव बनाने की कोशिश की, लेकिन मैं नहीं माना। मुकेश सहनी ने भी लालू यादव के फोन आने के बारे में जानकारी दी। अब सवाल ये है कि इन्होंने सुशील मोदी की तरह 24 नवम्बर या उससे भी पहले क्यों नहीं इस बात का रहस्योद्घाटन किया ?

Sushil Modi disclosed audio call of Lalu Yadav, why not Jitanram Manjhi and Mukesh Sahni

सुशील मोदी जैसा साहसी कोई और नहीं !

स्पीकर के चुनाव के पहले जीतन राम मांझी और मुकेश सहनी ने क्यों नहीं लालू के फोन आने की बात कही ? क्या इन दोनों नेताओं को किसी बात का डर था ? या किसी बात का इंतजार कर रहे थे ? सुशील मोदी वक्त का इंतजार नहीं करते। गर्म लोहे पर हथौड़ा मारने से नहीं चूकते। यही उनका ट्रैक रिकॉर्ड है। कागजी या इलेक्ट्रॉनिक सबूतों के आधार पर अपनी बात कहते हैं। डरते बिल्कुल नहीं। अप्रैल 2017 में लालू यादव की पार्टी नीतीश कुमार के साथ सरकार चला रही थी। सुशील मोदी विपक्ष में थे। इसके बाद भी उन्होंने एक के बाद एक, 44 प्रेस कांफ्रेस कर के लालू परिवार पर बेनामी सम्पत्ति अर्जित के आरोप लगाये थे। उन्होंने अपने आरोपों के साथ कागजी सबूत भी पेश किये थे। लालू परिवार पर अवैध रूप से जमीन और फ्लैट लेने के आरोप ने बिहार की राजनीति ही बदल दी थी।

Sushil Modi disclosed audio call of Lalu Yadav, why not Jitanram Manjhi and Mukesh Sahni

बदल गयी सरकार
सुशील मोदी ने बिना किसी डर भय के तत्कालीन नीतीश सरकार को हिला कर रख दिया था। नीतीश कुमार पर भ्रष्टाचार के आरोपियों को संरक्षण देने का आरोप लगने लगा। आखिरकार नीतीश कुमार ने राजद का साथ छोड़ कर भाजपा के साथ सरकार बना ली। यह करिश्मा सुशील मोदी की मुहिम से ही मुमकिन हुआ था। तेजस्वी यादव के तथाकथित मॉल की मिट्टी से खुलासों का जो सिलसिला शुरू हुआ तो बात सरकार के बिखरने और बनने तक पहुंच गयी। 2017 में सुशील मोदी के कागजी रहस्योद्घाटन ने लालू यादव को सत्ता से बाहर कर दिया था। तीन साल बाद उन्होंने फिर लालू यादव के लिए कानूनी मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। वैसे तो यह फोन कांड जांच का विषय है लेकिन इससे राजद की छवि खराब हुई। राजद पर आरोप लगा है कि वह एक निर्वाचित सरकार को तिकड़म से गिराने की कोशिश में है।

Sushil Modi disclosed audio call of Lalu Yadav, why not Jitanram Manjhi and Mukesh Sahni

सुशील मोदी की उपयोगिता
भाजपा का केन्द्रीय नेतृत्व सुशील मोदी को पटना से दिल्ली भेजने की तैयारी में है। लेकिन अगर वे दिल्ली चले गये तो बिहार में विरोधियों को मुंहतोड़ जवाब कौन देगा ? बिहार भाजपा का तारणहार कौन बनेगा ? नीतीश सरकार केवल चार मतों से बहुमत के पार है। जरा सी ऊंच-नीच हुई तो स्थिति बदल सकती है। आगे भी जोड़तोड़ से इंकार नहीं किया जा सकता। ऐसे में सुशील मोदी जैसे सेनापति की जरूरत महसूस होगी। वैसे तो शीर्ष नेतृत्व ने सुशील मोदी को साइडलाइन कर दिया था। लेकिन इसके बावजूद उन्होंने आगे बढ़ कर मोर्चा संभाला और विरोधी चाल को बेअसर कर दिया। सुशील मोदी ने अपनी उपयोगिता से नीति-निर्माताओं को चिंता में डाल दिया है।

'स्पीकर के चुनाव में साथ दो, बोल दो कोरोना हो गया', सुशील मोदी ने जारी किया लालू का कथित ऑडियो'स्पीकर के चुनाव में साथ दो, बोल दो कोरोना हो गया', सुशील मोदी ने जारी किया लालू का कथित ऑडियो

English summary
Sushil Modi disclosed audio call of Lalu Yadav, why not Jitanram Manjhi and Mukesh Sahni
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X