शराबबंदी कानून को लेकर विरोध का दंश झेल रहे नीतीश सरकार के लिए ढाल बनकर आए सुशील मोदी
पटना। शराबबंदी के मुद्दे पर जहां सुप्रीम कोर्ट और विपक्ष सरकार के कानून बनाने पर सवाल खड़ा कर रही है। वहीं भाजपा नेता सुशील मोदी ढाल बनकर सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ हो रही घेराबंदी को फिर से ध्वस्त कर दिया है। विपक्ष में राजद, कांग्रेस, वाम दलों के साथ-साथ सरकार में शामिल हम पार्टी और भाजपा के कुछ नेताओं ने मोर्चा खोल रखा है।
हाल ही में नालंदा में कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से 13 लोगों की मौत के बाद नीतीश सरकार के खिलाफ मोर्चा फिर से खुल गया है। नीतीश सरकार में सहयोगी पार्टी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने भी शराबबंदी कानून को लेकर सवाल किया। इस बीच सुशील मोदी ने शराबबंदी कानून के पक्ष में एक के बाद एक कई ट्वीट किये।
सुशील मोदी ने ट्वीट कर लिखा कि झारखंड सहित बिहार के तीनों पड़ोसी राज्यों में शराबबंदी लागू न होना और नेपाल से खुली सीमा का होना शराबबंदी लागू करने की बड़ी चुनौतियाँ हैं। समाज सुधार और जनहित के काम क्या चुनौतियों के डर से बंद कर दिए जाने चाहिए?
इसके अलावा दूसरा ट्वीट करते हुए सुशील मोदी ने लिखा कि देश में बलात्कार, दहेज प्रथा और मादक पदार्थों के सेवन के विरुद्ध भी कड़े कानून हैं, लेकिन न ऐसे मामलों में अपराध खत्म हो गए, न कोई इन कानूनों को समाप्त करने की बात करता है।
सुशील मोदी ने ट्वीट कर लिखा कि भाजपा शासित गुजरात और बिहार में पूर्ण मद्यनिषेध लागू है, इसलिए जब हम यहां इस कानून की समीक्षा की बात करते हैं, तब इसका अर्थ कानून को समाप्त करना नहीं। हमारा मत है कि शराबबंदी कानून को बेहतर ढंग से लागू करने और कमजोरियों को दूर करने के उपाय खोजे जा सकते हैं।
इसके अलावा ट्वीट कर लिखा कि पूर्ण मद्यनिषेध कानून को बिहार की आम जनता, विशेष कर महिलाओं का व्यापक समर्थन प्राप्त है। यदि राजद और कांग्रेस में हिम्मत है, तो वे घोषणा करें कि उनकी सरकार गलती से भी बन गई, तो वे शराबबंदी कानून को खत्म कर देंगे ।