बिहार: बंदर-बंदरिया की शादी और गोदभराई, चौंकिए नहीं, यह सच है!
बेतिया में बंदर और बंदरिया की अनोखी शादी काफी चर्चित रही। अब बंदरिया मां बननेवाली है और उसकी गोदभराई के जश्न की तैयारी चल रही है।
पटना। बिहार में बंदर और बंदर की एक अनोखी शादी हुई और मां बनने के बाद अब बंदरिया की गोदभराई की तैयारी चल रही है। इस शादी में दर्जनों वीआईपी के साथ सैकड़ों लोग बराती बने थे और बड़े ही धूमधाम से बेतिया में दोनों की शादी की गई। बिल्कुल इंसानों की तरह ही दोनों की शादी की गई। शादी के बाद बंदरिया मां बनी और एक बच्चे को भी जन्म दिया लेकिन वह जन्म लेते ही मर गया । पर एक बार फिर बंदरिया मां बनने वाली है और उसके मां बनने की खुशी में उसकी गोदभराई की रस्म पूरी की जा रही है जिसमें लोगों को आने का न्योता दिया गया है। इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले सभी लोगों को खाने का इंतजाम भी किया गया है।
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उदेश महतो उर्फ बाबा का जानवर-प्रेम
यह काल्पनिक कहानी नहीं बल्कि हकीकत है। आजकल की दुनिया में बहुत सारे ऐसे मनुष्य हैं जो जानवरों से काफी प्रेम करते हैं। ऐसे ही एक व्यक्ति हैं उदेश महतो जिनको लोग क्षेत्र में बाबा के नाम से जानते हैं । यह बाबा कोई ज्योतिष बाबा नहीं बल्कि एक साधारण सी जिंदगी व्यतीत करने वाले बिहार के बेतिया जिले के रहने वाले हैं। ये बेतिया के तीन लालटेन चौक पर एक छोटी सी झोपड़ी में चाय बेचने का काम करते हैं। उसी के सहारे अपने और अपने परिवार वालों के साथ साथ अपने बंदर (रामू ) और बंदरिया (रामदुलारी) की भी देख देख करते हैं।
धूमधाम से हुई थी बंदर-बंदरिया की शादी
आज से कई वर्ष पहले ये बाबा बेतिया रेलवे स्टेशन पर कुली का काम किया करते थे। जिला का शायद ही कोई ऐसा आदमी होगा जो इन्हें नहीं जानता होगा । सभी की जुबान पर इस बाबा की नाम रहता है । इनके पशु प्रेम के क्या कहने, जब तक उसे अपने हाथों से नहीं खिलाते हैं, खुद भी नहीं खाते हैं। उनका कहना है कि दोनों बंदर-बंदरिया को बचपन में ही इन्होंने अपने पास लाया था। तब से लेकर आज तक इसका ख्याल रखते हैं और बंदर बंदरिया भी उनसे इतना ही प्रेम करते हैं। इसी का नतीजा है कि जानवरों की शादी में इंसान शामिल हुए थे। यह शादी जिले की सबसे अनोखी शादी के नाम से जाना गया था ।
बंदर-बंदरिया की शादी का कार्ड भी छपा
आज से 2 साल पहले उमेश महतो उर्फ बाबा ने बेतिया जिले में बड़े ही धूमधाम से इन दोनों बंदर, बंदरिया को बैंड-बाजे के साथ शहर में घूमाते हुए सर पर सेहरा बांधकर शादी करवाई थी। यह शादी जिले के लिए एक ऐतिहासिक शादी थी जिसमें जानवरों की शादी में इंसान बराती बने हुए थे। इसकी शादी के लिए बाबा ने पहले कार्ड छापते हुए जिले के आला अधिकारियों तक पहुंचाया तथा उन्हें इस शादी में आने का न्योता दिया था। सभी तो नहीं पर कुछ अधिकारी इस शादी में शामिल हुए थे। कुल मिलाकर इस शादी है लगभग 200 लोग शामिल हुए तथा बंदर बंदरिया को आशीर्वाद भी दिए।
अब बंदरिया की होनेवाली है गोदभराई
उमेश महतो उर्फ बाबा ने जहां बंदरिया रामदुलारी का पिता बनते हुए कन्यादान किया ,वहीं रामू के पिता का फर्ज भी उन्होंने बखूबी निभाया। शादी के बाद बंदर बंदरिया को एक बच्चा भी हुआ लेकिन वह मरा हुआ था । पर एक बार फिर बंदरिया रामदुलारी गर्भवती है और वह बहुत जल्द मां बनने वाली है। इसी को देखते हुए बाबा ने उसकी गोदभराई रस्म मनाने की तैयारी की है । उनका कहना है कि रामदुलारी के बच्चे के जन्म होने पर एक बार फिर धूमधाम से उसका स्वागत किया जाएगा।
बाबा के चिड़ियाघर में हैं कई जानवर
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