बड़बोले नेताजी के बेतुके बोल, कहा 'बेटी की इज्जत से बढ़कर है वोट की इज्जत'
पटना। जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष शरद यादव राजनीति में बड़े ही गंभीर नेता माने जाते है। किसी भी मुद्दे पर गंभीरता से बोलने वाले शरद यादव को ना जाने क्या हो गया कि उन्होंने बेतुका बयान दे दिया। शरद यादव ने वोट की तुलना बेटी की इज्जत से कर दी। जबलपुर में राजा रघुनाथ और कुंवर शंकर शाह के बलिदान दिवस पर लोगों को वोट का महत्व समझाते हुए शरद यादव के बोल बहक गए।
शरद यादव ने वोट की महत्वता को बेटी की इज्जत से भी बढ़कर बता दिया और कहा कि बेटी से बढ़कर वोट की इज्जत है। बेटी की इज्जत जाती है तो परिवार और मोहल्ले की इज्जत जाती है लेकिन वोट की इज्जत जाने पर देश की इज्जत चली जाती है। इसलिए शराब और नोट के लिए गलत लोगों को वोट नहीं देना चाहिए।
देश में महिलाओं के साथ बढ़ती वारदातों से लोग सकते में है ऐसे में शरद यादव का वेटी की इज्जत की तुलना वोट से करना कहीं उनके लिए महंगा ना पड़े जाए। वोट की महत्वता पर जोर देते हुए शरद ने ये बेतुका बयान दे दिया। कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए यादव ने आदिवासी नेता की बात पर जोर देते हुए कहा कि रानी लक्ष्मीबाई, तात्या तोपे, भगत सिंह व चंद्रशेखर आजाद का शहादत दिवस मनाया जाता है। उनके लिए हमारे दिल में सम्मान है। राजा शंकर शाह और रघुनाथ शाह को अंग्रेजों ने तोप के मुंह में बांधकर उड़ा दिया था, लेकिन वो आदिवासी थे इसलिए उनकी शहादत को स्थान नहीं मिला।
आदिवासियों के मुद्दे पर भावुक होते हुए यादव ने कहा कि भारत में नौ करोड़ से ज्यादा आदिवासी हैं और देश के किसी भी समुदाय से अधिक हैं लेकिन अबतक देश को कोई भी आदिवासी प्रधानमंत्री नहीं मिला है। आदिवासियों की खस्ता हालत के लिए यादव ने सरकार को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि आदिवासी क्षेत्रों में खनिज सम्पदा का भंडार है बावजूद इसके आदिवासियों की आर्थिक स्थिति बहुत खराब है।