'2019 में मोदी की जीत' वाले बयान पर नीतीश को शरद यादव का जवाब
नई दिल्ली। बिहार में हुए राजनीतिक उलटफेर पर जनता दल यूनाइटेड के पूर्व अध्यक्ष और मौजूदा राज्यसभा सांसद शरद यादव अब अपनी बात मीडिया के सामने रखना शुरू कर रहे हैं। शरद ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के उस बयान पर भी टिप्पणी की है जिसमे उन्होंने कहा था कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने कोई चुनौती नहीं है।
'2019 अभी बहुत दूर है'
नीतीश के इस बयान पर शरद ने कहा कि '2019 अभी बहुत दूर है।' शरद ने यह भी संकेत दिया कि जैसा कि व्यापक रूप से अनुमान लगाया जा रहा था, वे केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने में दिलचस्पी नहीं रखते। केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने के सवाल पर शरद ने कहा कि 'मैंने कभी सत्ता और ताकत को ध्यान में रख कर कोई निर्णय नहीं लिया। सत्ता और ताकत मेरे निर्णय को डिगा नहीं सकते।
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शरद ने की थी बैठक
बिहार में महागठबंधन टूटने के बाद इस बात के अनुमान लगाए जा रहे थे कि शरद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार में बतौर मंत्री शामिल हो सकते हैं, हालांकि ऐसा नहीं हुआ। 26 जुलाई को जब नीतीश ने लालू प्रसाद यादव की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस से गठबंधन तोड़ा था उसके बाद शरद ने विपक्ष के साथ बैठक की थी।
हो सकती है कांफ्रेंस
मंगलवार को शरद ने आप नेताओं से मुलाकात की। इससे पहले वो सीताराम येचुरी, डी राजा, गुलाम नबी आजाद और अजीत सिंह से मुलाकात कर चुके हैं। संकेत है कि शरद अगले महीने राजधानी में विपक्षी दलों के एक दल के एक सम्मेलन में शामिल हो सकते हैं।
राजद में नहीं होंगे शामिल
शरद के करीब के सूत्रों ने अटकलों को खारिज कर दिया कि वे राजद में शामिल हो सकते हैं, उन्होंने कहा, 'लालू प्रसाद ने उन्हें राजद में शामिल होने के लिए नहीं कहा, लेकिन देश को बचाने और बिहार से अभियान शुरू करने के लिए कदम उठाने को कहा है।'
शरद ने निभाई थी महत्वपूर्ण भूमिका
जेडी (यू) के महासचिव के सी त्यागी ने कहा, 'गठबंधन को मजबूत करने में शरदजी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उनके लिए उदास होना स्वाभाविक है। उन्होंने कहा, भाजपा के साथ गठबंधन करने पर शरद जी के नीतीश के साथ मतभेद हैं मुझे पूरा भरोसा है कि जब 18 और 19 अगस्त को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के लिए दोनों नेता पटना में आएंगे हैं, तो बर्फ पिघल जाएगी।'
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