बिहार: मिड डे मील मौत मामले में प्रिंसिपल को 17 साल की सजा
छपरा। बिहार के छपरा स्थित गंडामन प्राइमरी स्कूल में साल 2013 में मिड डे मील खाने से 23 बच्चों की मौत के मामले में स्थानीय अदालत ने सजा सुनाई है।
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अदालत ने स्कूल की प्रधानाचार्य मीना देवी को गैर इरादतन हत्या और आपराधिक लापरवाही के लिए सजा सुनाई है। अदालत ने मीना देवी को दो सजाएं सुनाई हैं। जो एक के बाद एक पूरी होंगी।
17 साल की सजा
कोर्ट ने मीना देवी को धारा 304 के तहत मीना देवी को जहां 10 साल की सजा और ढाई लाख रुपए का जुर्माने लगाया गया है।
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वहीं धारा 308 में सात साल की सजा और सवा लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। दोनों सजाए अलग-अलग चलेंगी।
एडिशनल जिला जज द्वितीय विजय आनंद तिवारी ने 24 अगस्त को ही मीना देवी को धारा 304 और धारा 308 के तहतदोषी ठहराया था।
हालांकि कोर्ट ने उन्हें आपराधिक साजिश, हत्या और हत्या की कोशिश के आरोपों से बरी कर दिया। वहीं मामले की जांच कर रही स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम का दावा था कि मीना देवी के खिलाफ मजबूत केस बना है।
मीना के पति बरी
आरोपी मीना देवी की फाइल फोटो।
कोर्ट ने मीना देवी के पति अर्जुन यादव उर्फ अर्जुन को राय को सभी आरोपों से बरी कर दिया। बता दें कि सारण जिला स्थित इस स्कूल में 16 जुलाई 2013 के दिन 23 बच्चों की मौत हो गई थी।
इस घटना में मृतक आशीष के पिता अखिलानंद मिश्रा मीना देवी सहित अन्य अज्ञात लोगों को अभियुक्त बनाया था।
ये धाराएं हटाई गईं
मीना देवी पर अदालत ने भारतीय दंड संहिता की धारा 302,3027 और 328 को हटाते हुए 304 और 308 के तहत दोषी मानकर सजा सुनाई है।
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हादसे के बाद यह स्कूल दूसरे गांव में शिफ्ट कर दिया गया जहां छात्रों ने कई महीनों तक मिड डे मील खाने से इनकार कर रहे थे।
बच्चों के अभिभावकों ने भी कई दिनों बाद बच्चों को स्कूल में लंच खाने की अनुमति दी थी।