बिहार: हाय रे इलाज ! सदर अस्पताल में क्या ऐसे सेवा देते हैं स्वास्थ्यकर्मी, तस्वीरें बयां कर रही दर्द
नालंदा, 25 जून 2022। बिहार में बदहाल स्वास्थ सेवा की आए दिन खबर देखने को मिलत रहती है। कहीं गॉर्ड इलाज करते हुए नज़र आते हैं, तो कहीं इलाज के दौरान प्रसूता के पेट में कपड़ा छोड़ दिया जाता है। स्वास्थ्यकर्मियों की लापरवाही से अकसर मरीज़ के मौत की खबर भी सामने आते रहती है। बिहार शरीफ़ का सदर अस्पताल हमेशा अपने नए कारनामों की वजह से सुर्खियों में रहता है। ताज़ा मामला सामने आया है जिसमें मरीज़ को पानी चढ़ाने के लिए स्टैंड नहीं मिला तो परिजन को ही आधे घंटे तक पानी की बॉटल लिए स्टैंड की तरह खड़ा करवा दिया।

परिजन को ही बना दिया स्लाइन स्टैंड
बिहार में स्वास्थ सुविधाओं को लेकर सरकार और उनके मंत्री के साथ-साथ स्वास्थकर्मी भी बड़े-बड़े दावे करते हैं। लेकिन जब आप उसकी ज़मीनी हक़ीक़त देखेंगे तो हैरान रह जाएंगे। स्वास्थ्य सेवाओं के सारे दावे खोखले साबित हो रहे हैं। बिहार शरीफ सदर अस्पताल में एक मरीज़ इलाज के लिए पहुंचा तो उसे स्ट्रैचर नहीं मिला। फिर जब डॉक्टर ने मरीज़ को देखा तो उसे पानी पानी चढ़ाया जाने लगा। स्लाइन चढ़ाने के लिए स्टैंड नहीं मिला तो मरीज़ के परिजन को ही स्टैंड बनाकर क़रीब आधे घंटे तक खड़ा करवा कर पानी चढ़ाया गया।

मीडिया कर्मी की नज़र पड़ने पर खोजने लगे स्टैंड
मीडिया कर्मी की नज़र जब परिजन पर पड़ी कि वह स्टैंड की तरह खड़ा होकर मरीज़ को पानी चढ़वा रहा है तो वहां मौजूद स्वास्थकर्मी स्टैंड की तलाश करने लगे। बिहार शरीफ़ सदर अस्पताल का ये कोई नया मामला नहीं है। इससे पहले भी सिक्योरिटी गार्ड के द्वारा मरीज़ का इमरजेंसी वार्ड में इलाज करने का वीडियो वायरल हुआ था। वैक्सीनेशन गलत किया गया था, एचआईवी पॉजिटिव मरीज़ का ब्लड दूसरे को मरीज़ को चढ़ाया गया था। इस तरह की कई तस्वीर सदर असपताल से सामने आते रहती है।

अस्पताल प्रबंधन को नहीं थी मामले की जानकारी
बिहार शरीफ़ सदर अस्पताल से इस तरह की लापरवाही के कई मामले सामने आते रहते हैं, लेकिन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ़ कागज़ी खानापूर्ति की जाती है और मामले को ठंडे बस्ते में दबा दिया जाता है। आज के घटना की जब सदर अस्पताल के डीएस आर एन प्रसाद से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मुझे मामले की जानकारी नहीं है, आपके ज़रिए इसकी सूचना मिली है। मामले की जांच की जाएगी, जो भी दोषी पाए जाएंगे उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। अब देखना यह होगा कि दोषियों के खिलाफ़ कार्रवाई होती है या फिर पहले की तरह की खानापूर्ति कर मामले को ठंडे बस्ते में दबा दिया जाता है।
ये भी पढ़ें: बिहार: जातीय जनगणना की तैयारी ज़ोरों पर, 25 जून से प्रदेश भर में निकाली जाएगी ये यात्रा