बिहार में गठबंधन में आ रही दरार, बीजेपी-जेडीयू में जुबानी जंग तेज
पटना, 17 जनवरी: बिहार में इन दिनों सत्ताधारी दल बीजेपी-जेडीयू के बीच कुछ ठीक नहीं चल रहा है। दोनों दल के नेताओं के बीच जुबानी तेज हो रही है, जिसके बाद सियासी पारा चढ़ा हुआ है। एक तरफ विपक्ष के सवालों से जूझ रही जेडीयू पर बीजेपी भी लगातार निशाना साध रही है, जिसके बाद बीजेपी और जदयू के बीच दरार बढ़ती जा रही है। सोशल मीडिया पर एक दूसरे पर निशाना साध रहे नेताओं से गठबंधन के रिश्तों में दिन पर दिन खटास बढ़ रही है। यहां तक की नेता अब अलग होने की धमकी दे रहे हैं।

बीजेपी ओबीसी विंग के राष्ट्रीय महासचिव निखिल आनंद ने नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू पर कटाक्ष करते हुए ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने लिखा कि दूसरों के कंधे पर बैठकर राजनीति में खुद को ऊंचा देखने वाले अपना कद नाप ले, अपने गिरेबान में झांकें। भारत के अधिकतर क्षेत्रीय दल परिवार- जाति आधारित है या निजी पॉकेट की दुकान हैं, जिनको राष्ट्र की अस्मिता-गौरव से मतलब नहीं है। देश की जनता को जागरूक होने की जरूरत है। इसी के साथ उन्होंने कहा कि क्षेत्रिय दल बड़ी पार्टियों की कार्यशैली को नहीं समझ सकते हैं। वे अपनी खुद की पहचान के बारे में स्पष्ट नहीं हैं कि वे एक छोटे हैं या एक बड़ा दल है। साथ ही कहा था कि खुद तीन में हैं कि तेरह में, जहाम है वहीं के लोगों से पूछ लें! वह दिन दूर नहीं कि अगला जगह ढूंढ़ना पड़ेगा।
आनंद के बयान का साफ मतलब था कि बिहार में 74 सीटों वाली बीजेपी ने नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जदयू को प्रदेश में सरकार चलाने के लिए नियुक्त किया है, जबकि बाद में उसके पास सिर्फ 45 सीटें हैं। हालांकि उन्होंने अपने ट्वीट में किसी नेता का नाम नहीं लिया है, लेकिन इशारा साफ था। उनके ट्वीट पर जदयू के प्रवक्ता अभिषेक झा ने तुरंत जवाब देते हुए कहा कि निखिल आनंद जी, लोगों को अपने कद के अनुसार बयान देना चाहिए। अगर आप आसमान में थूकते हैं, तो यह आप पर पड़ता है। कृपया इसे साफ करें।
जदयू प्रवक्ता झा ने इससे पहले 12 जनवरी को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय अग्रवाल पर भी निशाना साधा था, जब उन्होंने जहरीली शराब की त्रासदी में मृतकों के परिवार के सदस्यों को सांत्वना देने के लिए पश्चिम चंपारण के एक गांव में गए थे। बता दें कि मुख्यमंत्री के जिले नालंदा में 15 जनवरी को शराब त्रासदी के बाद 13 लोगों की जान चली गई थी, जिस पर संजय जायसवाल ने शराब प्रतिबंध की विफलता के लिए नीतीश कुमार सरकार को फटकार लगाई थी।