विलुप्ति की कगार पर 100 किलो की ये अनोखी मछली, बिहार में शायद आखिरी बार देखने को मिली है!
पटना। बिहार के खगरिया जिला स्थित बागमती नदी में नदियों से विलुप्त हो रही दुर्लभ बघार मछली मिली है। यह मछली पिछले कई वर्षों से विलुप्त होती जा रही थी लेकिन इस बार अचानक इसके मिलने से मत्स्य संसाधन विभाग काफी उत्साहित है और वह यह कल्पना कर रहा है कि इस मछली का पिर से उत्पादन हो सकता है। दुर्लभ बघार मछली करीब एक क्विंटल वजन वाली मछली होती है। दरअसल नदी में मछुआरे मछली मार रहे थे तभी अचानक विशाल आकार की एक मछली उसे दिखी जिसे देखने के बाद पहले तो मछुआरे डर गए फिर अन्य मछुआरों के मदद से उसे काफी मशक्कत के बाद बाहर निकाला गया जिसके बाद उसकी पहचान बघार मछली के रूप में हुई। बाहर निकालने के कुछ ही देर बाद 100 वजन वाली मछली की मौत हो गई।
खगरिया जिले के चौथम प्रखंड के बागमती नदी में मिली मछली
मिली जानकारी के अनुसार बिहार के खगरिया जिले के चौथम प्रखंड के बागमती नदी में मछुआरे मछली मारने का काम कर रहे थे। इसी बीच अचानक उनके सामने एक बड़े आकार की मछली दिखी। इसे देखने के बाद पहले तो सभी डर गए लेकिन आस-पास के मछुआरे के मदद से उसे बाहर निकाला गया जिसका वजन लगभग 1 क्विंटल से भी अधिक था। फिर उसकी पहचान बघार मछली के रूप में की गई। विलुप्त दुर्लभ मछली की मिलने की खबर मत्स्य पदाधिकारी को दी गई जिसके बाद सभी मौके पर पहुंचे और मछली को देखने के बाद नदी मुआयना किया और यह अनुमान लगाया कि इस नदी में और भी बघार मछली हो सकती है।
विलुप्ति की कगार पर है मछली
वहीं मामले की जानकारी देते हुए मत्स्य पदाधिकारी अंजनी कुमार ने बताया कि बागमती नदी में दुर्लभ बघार मछली के मिलने की खबर काफी अच्छी है। नदियों में लगातार प्रदूषण बढ़ने व भौतिक परिवर्तन के कारण इनकी संख्या लगातार कम हो रही थी और यह विलुप्त होने के कगार पर पहुंच गए थे लेकिन फिर इसके अचानक मिलने से आशा की किरण जगी है। अब इसके संरक्षण की दिशा में काम होगा और इस बात की जानकारी विभाग को भी दे दिया जाएगा। खगड़िया के बागमती में एक क्विंटल की बघार मछली का मिलना यह साबित करता है कि यहां इस प्रजाति की और भी मछलियां हो सकती हैं। अब इस मछली को संरक्षित व संवर्द्धित करने की जरूरत है। बघार मछली का वैज्ञानिक नाम बैगेरियस है।
हिमालय से निकलने वाली नदियों में यह मछली पाई जाती है
इस मछली के बारे में विशेषज्ञों की अगर मानें तो उनका कहना है कि हिमालय से निकलने वाली नदियों में यह मछली पाई जाती है। जिसे ज्वाइंट केट फिश के नाम से जाना जाता है। इसका वजन 1 क्विंटल से लेकर ढाई क्विंटल तक होता है। नदी में आए भौतिक परिवर्तन के कारण इसकी संख्या में भारी गिरावट आई थी अब यह कहीं कहीं ही देखने को मिलता है वह भी छोटे आकार में दो 3 किलो तक की ही होती है।
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