बिहार: जातीय जनगणना की तैयारी ज़ोरों पर, 25 जून से प्रदेश भर में निकाली जाएगी ये यात्रा
पटना, 23 जून 2023। बिहार में जातीय जनगणना के लिए राज्य सरकार पूरी तरह से कमर कस चुकी है। बिहार सरकार ने जातीय जनगणना के लिए 8 स्तरीय की टीम का गठन किया गया है। अधिकारियो और कर्मचारियों की टीम में शिक्षक, लिपिक, मनरेगा कर्मी, आंगनवाड़ी सेविका और जीविका समूह के सदस्यों को लिया गया है। जिलाधिकारी इस बात का फ़ैसला करेंगे की उन्हें टीम के किन सदस्यों से जातीय जनगणना करवाना है। इसके साथ ही जनगणना की निगरानी 7 स्तर से संचालित की जाएगी।

पूरे प्रदेश में आभार यात्रा निकालने की तैयारी
बिहार में जाति आधारित जनगणना को लेकर 25 जून से पूरे प्रदेश में आभार यात्रा निकालने की तैयारी की जा रही है। बिहार शरीफ़ पार्टी कार्यालय में इस संबंध में बैठक आयोजित की गई थी जिसमें प्रदेश सरकार के ग्रामीण विकास कार्य मंत्री श्रवण कुमार, नालंदा सांसद कौशलेंद्र कुमार और एमएलसी रीना देवी समेत कई कार्यकर्ताओं ने शिरकत किया। सभी ने आभार यात्रा पर सहमति दर्ज करते हुए इसे सफ़ल बनाने का भरोसा दिया। बैठक में मौजूद नेताओं और कार्यकर्ताओं ने कहा कि पूरे प्रदेश में जनगणना करने का मक़सद समाज के शोषित, वांचित, पिछड़ा एवं अतिपिछड़ा वर्गों को सरकार से उसका हक़ दिलाना है।

केंद्र मैदान से होगी आभार यात्रा की शुरुआत
ग्रामीण विकास कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि इस आभार यात्रा की शुरुआत नालंदा ज़िला मुख्यालय बिहार शरीफ़ के श्रम कल्याण केंद्र मैदान से शुरू होगी। श्रम कल्याण से लेकर भरावपर, पोस्ट ऑफिस मोड, पुलपर, अंबेर मोड़ होते हुए वापस श्रम कल्याण में आकर पैदल मार्च समाप्त हो जाएगा। इसके बाद हिलसा और राजगीर तीनों जगह कार्यक्रम होगा। आपको बता दें कि जातिगत जनगणना के आंकड़ो को डिजिटल मोड में स्टोर किया जाएगा। इस बाबत मोबाइल ऐप का इस्तेमाल किया जाएगा। मोबाइल एप में दिए गए डाटा के मुताबिक जनगणना की जाएगी और किसी भी तरह की सूचना किसी दूसरे शेयर करने की इजाज़त नहीं होगी।

ग़लत जानकारी देने पर होगी कार्रवाई
जनगणना के वक़्त अगर कोई व्यक्ति ग़लत जानकारी देता है या फिर जानकारी देने से मना करता है तो जनगणना कर्मी इसकी जानकारी संबंधित चार्ज अधिकारी को देंगे। इसके बाद चार्ज अधिकारी द्वारा इस मामले में कार्रवाई की जाएगी। ग़ौरतलब है कि जनगणा कर्मी को दी गई जानकारी में किसी तरह का बदलाव नहीं किया जाएगा। सुपरवाइज़र को यह सख़्त निर्देश दिय गया है कि गांवों की गलियों से लेकर शहरों की सड़कों हर व्यक्ति की गणना सुनिश्चित किया जाए।
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