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गरीबी से तंग आकर बाजार में जिगर का टुकड़ा बेचने निकले मां-बाप

मां का कहना है कि भूख के मारे दोनों बच्चे मेरी गोद में ही मर जाएंगे, इससे अच्छा है कि वो किसी और के पास चले जाएं, जहां उसकी अच्छी से परवरिश हो सके और मिलने वाले पैसे से हमारा भी पेट भरे...

By Gaurav Dwivedi
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पटना। सड़कों पर उस वक्त लोगों की भीड़ जमा हो गई जब दो नवजात बच्चों को गोद में लिए उसने मां-बाप उसकी बोली लगा रहे थे। रास्ते से आने जाने-वाले लोगों से दोनों अपने बच्चे को खरीदने की गुहार लगा रहे थे। मामला बिहार के कटिहार जिले का है जहां गरीबी से लाचार मां बाप अपने बच्चे की परवरिश सही ढंग से न करने और पेट की आग बुझाने के लिए अपने दोनों नवजात बच्चों को बेचने निकला था। उनका कहना था कि गरीबी के चलते वो पिछले कई दिनों से खाना तक नहीं खा पाए हैं।

जिगर के टुकड़े की बोली, गरीबी की ऐसी सजा!

जिगर के टुकड़े की बोली, गरीबी की ऐसी सजा!

मां का कहना है कि भूख के मारे दोनों बच्चे मेरी गोद में ही मर जाएंगे, इससे अच्छा है कि वो किसी और के पास चले जाएं, जहां उसकी अच्छी से परवरिश हो सके और बच्चे को बेचने के बाद जो पैसा मिलेगा उस से हमारा भी पेट भर जाएगा। बच्चे के मां-बाप अपनी गरीबी से तंग आकर जहां जिगर के टुकड़े का सौदा करने निकले थे वहीं इस घटना ने एक बार फिर सरकार की सरकारी सुविधाओं पर सवाल खड़ा कर दिया है। सरकार के द्वारा गरीबों को दी जाने वाली सुविधा की कितनी राशि गरीबों तक पहुंचती है और इसका उपयोग कितने गरीब करते हैं ये इस घटना ये बड़ा सवाल सामने आ रहा है।

क्या अब भी कुछ सहयोग कर पाएगी सरकार?

क्या अब भी कुछ सहयोग कर पाएगी सरकार?

सरकार के द्वारा दिया जाने वाला राशन सही समय पर मिलता तो शायद ये मां-बाप अपने जिगर के टुकड़े को बेचने नहीं निकलते। जानकारी के मुताबिक भागलपुर जिले के दंडखोरा में भट्ट टोला के रहने वाले सुरेश और उसकी पत्नी गुंजा देवी गांव से निकलते हुए कटिहार पहुंचे और अपने बच्चे को बेचने के लिए बीच बजार बोली लगाने लगे।

बच्चों को सीने से लगाने आए कई लोग आगे

बच्चों को सीने से लगाने आए कई लोग आगे

मामले की जानकारी पुलिस को हुई तो मौके पर पहुंची। पुलिस दोनों मां-बाप को गिरफ्तार कर थाने ले गई है। वहीं पूछताछ के दौरान दोनों ने कबूला की अपनी गरीबी और भुखमरी से परेशान होकर दोनों जुड़वा नवजात बच्चे को बेचने के लिए बजार गए थे। उनका कहना था कि पिछले कई दिनों से घर में खाने के लिए एक दाना तक नहीं है। हम लोगों ने कई दिनों से खाना भी नहीं खाया था, वहीं बच्चे भूख के मारे तड़प रहे थे। ये सब हम लोगों से देखा नहीं जाता और इसकी परवरिश अच्छे ढंग से हो इसलिए हम लोग इसे बेचने को तैयार हुए। वहीं बच्चा बेचने का मामला धीरे-धीरे पूरे गांव में फैल गया। लोग उसे देखने के लिए थाने पहुंचने लगे तो कुछ लोग बच्चे को खरीदने के लिए भी तैयार थे। फिलहाल इस मामले को पुलिस अपने स्तर से सुलझाने की कोशिश कर रही हैं।

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English summary
Poverty helplessness make family to sell their children
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