बिहार न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

हाथ ने छोड़ा साथ तो बेटी ने पैर से लिखना किया शुरू, दे रही मैट्रिक की परीक्षा

लड़की को इस अवस्था में परीक्षा देते देख परीक्षा केंद्र पर तैनात सभी अधिकारियों से लेकर आसपास के लोगों द्वारा इसके हौसले को सलाम किया जा रहा है।

By Gaurav Dwivedi
Google Oneindia News

पटना। ये कहावत 'जब मानव जोर लगाता है तो पत्थर पानी हो जाता है' उस वक्त चरितार्थ हो गई जब एक दिव्यांग लड़की ने अपने हौसले और कामयाब होने के सपने को पूरा करने के लिए पैरों से लिखना शुरू कर दिया और पैरों को ही अपना हाथ बनाते हुए अब मैट्रिक की परीक्षा दे रही है। परीक्षा पास करने के बाद भी लड़की की इच्छा है कि वो कुछ बड़ा करे!

<strong>Read more: जानिए सुबह उठने से लेकर रात में सोने तक क्‍या-क्‍या करता था मारा गया ISIS आतंकी सैफुल्‍ला</strong>Read more: जानिए सुबह उठने से लेकर रात में सोने तक क्‍या-क्‍या करता था मारा गया ISIS आतंकी सैफुल्‍ला

हाथ ने छोड़ा साथ तो बेटी ने पैर से लिखना किया शुरू, मेट्रिक की दे रही है परीक्षा

लड़की को इस अवस्था में परीक्षा देते देख परीक्षा केंद्र पर तैनात सभी अधिकारियों से लेकर आसपास के लोगों द्वारा इसके हौसले को सलाम किया जा रहा है। जन्म के बाद इसके गले की आवाज चली गई लेकिन इसके बावजूद इसने अपने जीवन में हार नहीं मानी और आगे की कल्पना जारी रखा। तो एक बार फिर उसके ऊपर मुसीबत बनकर दुखों का पहाड़ टूटा और वो पोलियो की बीमारी से ग्रसित हो गई। इसके चलते इस बेटी के हाथ ने भी काम करना बंद कर दिया। हाथ और गले दोनों की परेशानियों से जूझते हुए भी इसने जिंदगी का हौसला नहीं हारा और पैरों का सहारा लिया। फिर पैर को ही अपना हाथ मानकर इसने लिखना शुरू कर दिया। इस वक्त लड़की छपरा जिले के गांधी उच्च विद्यालय में मेट्रिक की परीक्षा दे रही है।

हाथ ने छोड़ा साथ तो बेटी ने पैर से लिखना किया शुरू, मेट्रिक की दे रही है परीक्षा

बता दें कि दिव्यांग होते हुए भी अपने सपने को पूरा करने वाली ये लड़की छपरा जिले के बनियापुर हरपुर बाजार की रहने वाली है। इसका नाम अंकिता है और इसके पिता का नाम अशोक कुमार है। अंकिता की बीमारी का इलाज उसके घर वालों ने कई जगह कराया लेकिन अंकिता पहले जैसी नहीं हो सकी। इसके बाद उसके परिवार वाले उसे लेकर काफी दुखी रहते थे। लेकिन अंकिता बचपन से ही पढ़ने-लिखने में काफी तेज थी। पोलियो से ग्रसित होने के बाद दोनों हाथ गंवाने वाली अंकिता लिखने के लिए अपने पैर का सहारा ले रही है। पैर से पढ़ाई-लिखाई के साथ-साथ वो और भी काम करती थी। अंकिता दूसरों के हाथों में अपने पैरों से ही मेंहदी तक लगा देती है। वहीं अंकिता की लिखावट देखने के बाद लोग यकीन ही नहीं करते कि ये पैर से लिखी गई है।

हाथ ने छोड़ा साथ तो बेटी ने पैर से लिखना किया शुरू, मेट्रिक की दे रही है परीक्षा

गांधी उच्च विद्यालय में सभी छात्राओं से अलग अंकिता जमीन पर बैठकर पैर से जवाब लिख रही है। जिसे देख परीक्षा केंद्र के शिक्षकों, उसके सहपाठियों और आसपास के लोग उसके हौसले को सलाम कर रहे हैं। तो परीक्षा केंद्र के शिक्षकों ने बताया कि 'इस छात्रा के परीक्षा देने का अंदाज बिल्कुल अनोखा है। 3 घंटे की परीक्षा में जब वो एक बार लिखना शुरू कर देती है तो उसका पैर रुकने का नाम नहीं लेता। जब समय पूरा हो जाता है तो कॉपी जमा कर अंकिता अपनी दादी के साथ घर चली जाती है। इस बच्ची को देखकर ऐसा लगता है कि ये आगे चलकर ये जरूर कुछ बड़ा करेगी।

हाथ ने छोड़ा साथ तो बेटी ने पैर से लिखना किया शुरू, मेट्रिक की दे रही है परीक्षा

वहीं छात्रा से जब उसके बारे में पूछा गया तो बंद जुबान से पैरों से लिखकर उसने अपने भविष्य के बारे में बताया। छात्रा ने बताया कि वो अपने परिवार वालों का नाम रोशन करना चाहती है। पढ़ाई-लिखाई के महत्व को समझाते हुए अंकिता ने कहा कि लोगों को हार नहीं माननी चाहिए अगर हौसला हो तो कुछ भी मुश्किल नहीं है।

<strong>Read more: मुरादाबाद: अब मोबाइल से लाइव देख सकेंगे वोटों की गिनती, प्रशासन ने जारी किया निशुल्क 'परिणाम' ऐप</strong>Read more: मुरादाबाद: अब मोबाइल से लाइव देख सकेंगे वोटों की गिनती, प्रशासन ने जारी किया निशुल्क 'परिणाम' ऐप

Comments
English summary
Positive story a divyang girl give inspiration to all her hard work writes from her leg when hand got paralyse in Patna Bihar
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X