जज बनकर बेटी ने किया कर्मचारी पिता का सपना साकार, अब रुतबे से ले जाएगी कोर्ट
अब वो उस कुर्सी पर बैठेंगी जहां उसके पिता चपरासी की नौकरी किया करते थे। हालांकि परीक्षा पास होने के बाद इस खुशखबरी को सुनाने से पहले जूली के पिता गंभीर रूप से बीमार हैं और उसका इलाज डॉक्टरों की देख रेख में चल रहा है।
पटना। सपना देखना और उसे पूरा करना दोनों में जमीन-आसमान का फर्क होता है लेकिन जब हौसले मजबूत होते हैं तो मंजिल दूर नहीं होती। कुछ इसी तरह एक चपरासी की बेटी ने अपने सपने पूरे किए हैं। जिसकी उपलब्धि सुनने के बाद पिता के आंखों से आंसू छलक पड़े और उन्होंने कहा कि हमारी लाडली ने हमारे वो सपने पूरे कर दिए, जिसे हम बंद आंखों से देखा करते थे। दरअसल, भागलपुर सिविल कोर्ट में चपरासी जगदीश शाह जज के रुतबे और प्रतिष्ठा को देखकर हमेशा से ही ये सपना देखा करते थे कि उनके घर से भी कोई जज बने और उनके इस सपने को उनकी लाडली बेटी जूली नें अपनी दिन-रात की मेहनत से पूरा कर दिया।
आपको बता दें की सिविल कोर्ट के चपरासी जगदीश शाह की बेटी जूली ने 29वीं बिहार न्यायिक सेवा परीक्षा में पास होकर अपने पिता के सपने को सच कर दिखाया। 194 लोगों की सफलता के बीच वो 251 अंकों के साथ ओबीसी कोटे में 24वें स्थान पर रहीं। उसे असैनिक न्यायाधीश का पद मिला है। अब वो उस कुर्सी पर बैठेंगी जहां उसके पिता चपरासी की नौकरी किया करते थे। हालांकि परीक्षा पास होने के बाद इस खुशखबरी को सुनाने से पहले जूली के पिता गंभीर रूप से बीमार हैं और उसका इलाज डॉक्टरों की देख रेख में चल रहा है।
आपको बता दें कि बरारी थाना क्षेत्र के मायगंज इलाके की रहने वाली जूली 2011 में टीएनबी लॉ कॉलेज से परीक्षा पास की थी। जिसके बाद वो दो बार बीपीएससी की मुख्य परीक्षा भी पास कर चुकी है। दोनों परीक्षा में उसने विधि शास्त्र को ही मुख्य विषय के रूप में रखा था। जूली के साथ पढ़ने वाले मनीष का कहना है कि उनके साथ लॉ करने वाली जूली हमेशा से ही ये कहा करती थीं कि उन्हें एडवोकेट की नौकरी नहीं बल्कि अपने पिता के सपनों को पूरा करना है। क्योंकि उनके पिता हमेशा से ही जज बनने का सपना देखते थे और आज जज बनने के बाद जूली का कहना है कि पिता के ठीक होने के बाद वो कोर्ट जाएंगे।
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