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निवाले की खातिर अपने 'जिगर का टुकड़ा' बेच रहा था बाप

'बच्चे की देखभाल करने को लेकर काफी कर्ज भी हो गया जिसे वापस करने के लिए हमारे पास पैसे नहीं थे। भूख से तड़प रहे बच्चे को खिलाने के लिए मैं कई लोगों के दरवाजे पर गया।'

By Gaurav Dwivedi
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पटना। गरीबी से लाचार पिता अपने मासूम बेटे को भरे बाजार बेचने के लिए बोली लगा रहा था। मजबूर पिता के द्वारा अपने जिगर के टुकड़े को बेचे जाने की बात जब बाजार में समान खरीद रहे लोगों ने सुनी तो वो भी चौंक गए। आखिरकार जिस बच्चे के लिए लोग भगवान से तरह-तरह की मन्नतें मांगते हैं उसे ये युवक क्यों बेच रहा है। मजबूर पिता बाजार में घूम-घूमकर अपने बेटे को बेचने के लिए जोर-जोर से चिल्ला रहा था तभी किसी ने इस बात की जानकारी नजदीकी थाने को दी और मौके पर पहुंची पुलिस ने मासूम बच्चे के साथ पिता को गिरफ्तार कर लिया और थाने ले गई। जहां मासूम के पिता ने अपनी गरीबी की वो दास्तान सुनाई जिसे सुनने के बाद पुलिस वाले का भी कलेजा कांप गया। तो दूसरी तरफ सरकार के द्वारा गरीबों को दी जाने वाली सभी सुविधाओं की पोल खुल गई। जिसके जरिए सरकार गरीबी दूर करने का दवा करती है।

निवाले की खातिर 'जिगर का टुकड़ा' बेच रहा था बाप

जानकारी के मुताबिक ये नजारा बिहार के जहानाबाद जिले में देखने को मिला जहां भूख से तड़प रहे एक बाप के द्वारा भरे बाजार में अपने बेटे का सौदा किया जा रहा था। पुलिस के द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद पिता सलीम माझी ने बताया कि पिछले 3 दिनों से हमारे बच्चे ने कुछ भी नहीं खाया है। गरीबी इस कदर हमारे पीछे पड़ी है कि बच्चे को छोड़कर कहीं कमाने भी नहीं जा सकते। क्योंकि मेरी पत्नी की मौत साल भर पहले गंभीर बीमारी के कारण हो गई थी। जिसके बाद से बच्चे का पालन पोषण वो कर रहे थे।

निवाले की खातिर अपने 'जिगर का टुकड़ा' बेच रहा था बाप

बच्चे की देखभाल करने को लेकर काफी कर्ज भी हो गया जिसे वापस करने के लिए हमारे पास पैसे नहीं थे। भूख से तड़प रहे बच्चे को खिलाने के लिए मैं कई लोगों के दरवाजे पर गया लेकिन किसी ने भी खाना नहीं दिया और पहले का दिया हुआ कर्ज का पैसा मांगने लगा फिर भी जिसके बाद मैं बच्चे को लेकर शहर पहुंचा जहां भीख मांगने की भी कोशिश की लेकिन भीख भी नहीं मिली। तब जाकर मैंने ये फैसला किया कि बच्चे को अगर किसी के हवाले कर दिया गया तो बच्चा भूख से तड़पकर नहीं मरेगा और बच्चे की जान बचाने के लिए ही मैंने ऐसा किया।

निवाले की खातिर अपने 'जिगर का टुकड़ा' बेच रहा था बाप
निवाले की खातिर अपने 'जिगर का टुकड़ा' बेच रहा था बाप

मासूम बच्चे के पिता सलीम माझी ने कहा कि नेर गांव से भूख मिटाने के लिए मैं जहानाबाद शहर पहुंचा पर वहां भी हमारी भूख नहीं मिटी। फिर हमने अपने जिगर के टुकड़े का सौदा करना शुरू कर दिया। इसी दौरान मौके पर पुलिस पहुंच गई और हमे हमारे बच्चे के साथ गिरफ्तार कर थाने ले आई। वहीं मामले की जानकारी देते हुए पुलिस पदाधिकारी राकेश कुमार ने बताया कि जब सलीम माझी को अपने बच्चे को बेचने के लिए बोली लगाते हुए गिरफ्तार किया गया तो दोनों भूख से तड़प रहा थे। फिर दोनों को खाना खिलाया गया और बच्चे को अस्पताल कर्मी के हवाले कर दिया गया। वहीं उसके पिता को गिरफ्तार कर पूछताछ की जा रही है। पुलिस ये भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि ये बच्चा सलीम माझी का ही है या किसी और का! मामले की सही जानकारी मिलने के बाद उसकी मदद की जाएगी।

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English summary
Poor father was selling his son
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