बिहार के लाखों लोग ट्रेन से अब प्रदेश लौट सकेंगे वापस, नीतीश सरकार की मांग हुई पूरी
बिहार। लॉकडाउन के बाद देशभर में बिहार के लाखों लोग फंसे हैं जिनको प्रदेश में वापस लाने की कार्यवाही शुरू कर दी गई है। नीतीश सरकार के मुताबिक, करीब 25 लाख प्रदेश वासियों को सिर्फ बसों से लाना मुमकिन नहीं है इसलिए केंद्र सरकार से ट्रेन चलाने की मांग की गई। शुक्रवार को केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय ने स्पेशल ट्रेनों को चलाने की घोषणा कर दी जिसके जरिए श्रमिकों, पर्यटकों, विद्यार्थियों और अन्य फंसे लोगों को उनके गृह राज्य तक पहुंचाया जा सकेगा। अब प्रदेश के लोगों को ट्रेन के जरिए अपने घर तक पहुंचाया जा सकेगा।
सीएम
नीतीश
कुमार
ने
की
बैठक
प्रवासी
लोगों
को
वापस
प्रदेश
लाने
के
लिए
नीतीश
कुमार
ने
वीडियो
कॉन्फ्रेंसिंग
कर
सभी
जिलों
के
डीएम
और
एसपी
से
चर्चा
की।
इस
बैठक
में
प्रदेश
में
कोरोना
वायरस
के
संक्रमण
की
स्थिति
पर
भी
चर्चा
हुई।
प्रदेश
के
मंत्री
संजय
झा
ने
बड़ी
संख्या
में
श्रमिकों
और
विद्यार्थियों
को
लाने
के
लिए
स्पेशल
ट्रेन
चलाने
की
मांग
उठाई
थी।
उनका
कहना
था
कि
लोगों
को
सुरक्षित
लाना
सबसे
ज्यादा
अहम
है।
महाराष्ट्र,
तमिलनाडु
समेत
अन्य
राज्यों
में
फंसे
लोगों
को
लाने
के
लिए
बसें
अपर्याप्त
हैं
और
इससे
एक
तिहाई
लोगों
को
ही
लाना
संभव
है।
नोडल
अधिकारियों
के
नाम-नंबर
जारी
बिहार
आपदा
प्रबंधन
विभाग
ने
ऐसे
नोडल
अधिकारियों
की
सूची
जारी
कर
दी
है
जो
दूसरे
राज्यों
व
केंद्र
शासित
प्रदेशों
के
नोडल
अधिकारियों
से
सहयोग
कर
वहां
फंसे
प्रवासी
लोगों
को
वापस
लाने
की
कवायद
करेंगे।
इस
बारे
में
बिहार
सरकार
ने
जो
लेटर
जारी
किया
है
उसमें
लिखा
है
कि
प्रदेश
के
कई
विद्यार्थी,
श्रमिक
और
अन्य
लोग
देश
के
अलग-अलग
हिस्सों
में
फंसे
हुए
हैं।
इसी
प्रकार,
अन्य
प्रदेशों
के
भी
लोग
बिहार
में
फंसे
हैं
जो
अपने
गृह
राज्य
वापस
जाना
चाहते
हैं।
केंद्रीय
गृह
मंत्रालय
के
आदेशानुसार
लोगों
को
उनके
गृह
राज्य
भेजने
और
दूसरे
राज्यों
से
लोगों
को
बिहार
वापस
लाने
के
लिए
इन
अफसरों
को
जिम्मेदारी
दी
जा
रही
है।
इनके
मोबाइल
नंबर
भी
जारी
किए
गए
हैं।