Nitish Kumar Profile: लगातार चौथी बार बिहार की कमान नीतीश कुमार के हाथ, जानिए घर का 'मुन्ना' कैसे बना 'सुशासन बाबू'
Nitish Kumar Profile: नीतीश कुमार ने आज शाम सातवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली, बता दें कि रविवार को बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने 125 सीट हासिल करने के बाद जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को अपना नेता चुना था, जिसके बाद ये तय हो गया था कि एक बार फिर 'सुशासन बाबू' के ही सिर पर बिहार का ताज सजेगा और आज शपथ लेकर उन्होंने लगातार चौथी बार सीएम की कुर्सी संभाल ली है।
नीतीश कुमार का जन्म 1 मार्च 1951 को बिहार के कविराज राम लखन सिंह और परमेश्वरी देवी के यहां हुआ। नीतीश कुमार पटना की एनआईटी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजूएट हैं। उन्होंने अपने सियासी जीवन की शिक्षा जयप्रकाश नारायण, राममनोहर लोहिया, एस एन सिन्हा, करपुरी ठाकुर और वी पी सिंह से ली। नीतीश कुमार के राजनतिक जीवन की बात की जाए तो आपको बता दें कि 1974 और 1977 में वो जयप्रकाश नारायण के सम्पूर्ण क्रांति आंदोलन में शामिल रहे थे , नीतीश पहली बार बिहार विधानसभा के लिए 1985 में चुने गये थे, 1987 में वे युवा लोकदल के अध्यक्ष बने, 1989 में उन्हें बिहार में जनता दल का सचिव चुना गया और उसी वर्ष वे नौंवी लोकसभा के सदस्य भी बने, साल 1990 में वो पहली बार केंद्रीय मंत्रीमंडल में बतौर कृषि राज्यमंत्री शामिल हुए, 1999 में वे एक बार फिर लोकसभा के लिए चुने गये और उन्हें इस बार जनता दल का राष्ट्रीय सचिव चुना गया और वो संसद में जनता दल के उपनेता भी बने, सन 2000 में वे बिहार के मुख्यमंत्री बने लेकिन उन्हें सिर्फ सात दिनों में त्यागपत्र देना पड़ा, उसी साल वे फिर से केंद्र में कृषि मंत्री बने। मई 2001 से 2004 तक वे बाजपेयी सरकार में केन्द्रीय रेलमंत्री रहे। 2004 के लोकसभा चुनावों में उन्होंने बराह और नालंदा से अपना पर्चा दाखिल किया था लेकिन वे बराह की सीट हार गए।
नवंबर 2005, में राष्ट्रीय जनता दल की बिहार में 15 साल पुरानी सत्ता को उखाड़ फेंकने में वो सफल हुए और मुख्यमंत्री के रूप में उनकी ताजपोशी हुई। सन् 2010 के बिहार विधानसभा चुनावों में अपनी सरकार द्वारा किये गये विकास कार्यों के आधार पर वे भारी बहुमत से अपने गठबंधन को जीत दिलाने में सफल रहे और पुन: मुख्यमंत्री बने, साल 2014 में उन्होंने अपनी पार्टी की संसदीय चुनाव में खराब प्रदर्शन के कारण मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
नीतीश कुमार ने साल 2015 में RJD और कांग्रेस के साथ गठबंधन कर महागठबंधन की स्थापना की और बिहार चुनाव में भारी जीत दर्ज की और नीतीश पांचवी बार 20 नवम्बर 2015 को बिहार के मुख्यमंत्री पद का ताज पहना लेकिन यह साथ लंबा नहीं चला और 26 जुलाई 2017 को नीतीश ने बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और राजद से समर्थन वापस लेते हुए भाजपा से गठबंधन कर लिया, जिसके तहत महागठबंधन की सरकार गिर गई। इसके बाद नीतीश कुमार ने जेडीयू + बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई और वो फिर से बिहार के मुखिया बने और फिर साल 2020 में उन्होंने एनडीए के साथ मिलकर बिहार का विधानसभा चुनाव लड़ा।
हालांकि चुनाव परिणामों में 75 विधानसभा सीटें हासिल कर आरजेडी राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी लेकिन उसके महागठबंधन को बहुमत नहीं मिला। कांग्रेस, आरजेडी और वाम दलों का महागठबंधन बिहार की 243 सीटों में से 110 सीटें ही हासिल कर पाया तो वहीं, एनडीए ने 125 सीटों पर जीत दर्ज की, जिनमें से 74 सीटों पर भाजपा, 43 सीटों पर जेडीयू और 4-4 सीटों पर वीआईपी और हम ने जीत का परचम लहराया । इनके अलावा असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम को पांच, चिराग पासवान की एलजेपी को 1 और बहुजन समाज पार्टी को भी एक सीट मिली। बिहार विधानसभा की एक सीट निर्दलीय के खाते में गई । बीजेपी ने चुनाव से पहले ही कहा था कि अगर हमारी सीटें कम -ज्यादा भी हुई थी तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा और हमारे सीएम नीतीश कुमार ही होंगे।
और अपनी बात पर अटल रहते हैं उसने गठबंधन धर्न निभाया और आज 7वीं बार नीतीश कुमार बिहार की कमान नीतीश कुमार के हाथ में आ गई है। मालूम हो कि नीतीश कुमार भारत सरकार में रेलवे मिनिस्टर, मिनिस्टर फॉर सर्फेस ट्रांसपोर्ट और फिर कृषि मंत्री रह चुके हैं और अपने कार्यकाल के दौरान, नीतीश कुमार ने रेलवे में बड़े बदलाव किए जैसे इंटरनेट टिकट बुकिंग की सुविधा, टिकट बुकिंग के लिए कांउटर की संख्या बढ़ाना और तत्काल टिकट बुकिंग सर्विस नीतीश कुमार के प्रमुख उपलब्द्धियों में से एक है। बिहार में 'मुन्ना' के नाम से लोकप्रिय नीतीश कुमार की पत्नी का नाम मंजू सिन्हा था, जो कि अब इस दुनिया में नहीं हैं, उनका एक बेटा है, जिनका नाम निशांत कुमार है, वो बीआईटी मेसरा से ग्रेजूएट हैं लेकिन अपने पिता की तरह वो राजनीति में सक्रिय नहीं बल्कि राजनीति से कोसों दूर हैं और बहुत कम वो सार्वजनिक स्थानों पर पिता संग नजर आते हैं, हालांकि दिवाली के मौके पर उन्हें अपने पिता संग दिवाली मनाते देखा गया था।
'विकास पुरुष' और 'सुशासन बाबू' जैसे अलंकारों से अलंकृत किए जाने वाले नीतीश कुमार को बिहार की प्रगति के लिए हमेशा सराहा जाता है, उन्हें मशहूर पत्रिका 'फोर्ब्स' ने साल 2010 में 'इंडियन पर्सन ऑफ दि ईयर' घोषित किया था, इसके अलावा भी वो बहुत सारे अवार्ड से नवाजे जा चुके हैं।
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