नीतीश कुमार के अनसुने किस्से, जो बताते हैं वो कैसे हैं सबसे अलग
नीतीश कुमार के अनसुने किस्से, जो बताते हैं वो कैसे हैं सबसे अलग
नई दिल्ली। बिहार के मुख्यमंत्री इस समय देशभर की मीडिया और सोशल मीडिया में छाए हुए हैं। इसकी वजह है 24 घंटे से भी कम समय में उनकी इस्तीफा देना, राजद से गठबंधन तोड़ना और फिर भाजपा के सहयोग से फिर से सीएम बनना। नीतीश की जिंदगी में ऐसे कई वाकये हैं, जो उनको दूसरों से अलग करते हैं। उनकी जिंदगी के ऐसी ही कुछ किस्से हम आपको बता रहे हैं।
पीएम लाल बहादुर शास्त्री की मौत की खबर
पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जब मौत हुई तो नीतीश कुमार स्कूल में पढ़ते थे। उस वक्त के नीतीश के टीचर ने एक इंटरव्यू में बताया था कि जब देश के तत्कालीन पीएम लाल बहादुर शास्त्री का निधन ताशकंद में हुआ था तब नीतीश ने रेडियो पर ये समाचार सुनने के बाद रात के तीन बजे आकर उन्हें आकर बताया था।
उनकी जिंदगी का एक और किस्सा है वो ये कि जब नीतीश 10वीं की बोर्ड परीक्षा दे रहे थे, तब टाइम हो जाने पर उनसे मैथ की कॉपी छीन ली गई। उन्हे ये बात याद रही और जब पहली बार वो बिहार के सीएम बने तब उन्होंने आदेश दिया कि बिहार बोर्ड एग्जाम में परीक्षार्थियों को 15 मिनट का अतिरिक्त समय दिया जाए।
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नीतीश को पसंद थे राजकपूर, वैजयंती माला
10वीं के बाद नीतीश ने पटना साइंस कॉलेज में एडमिशन लिया। नीतीश को फिल्मों का भी शौक था। राज कपूर और वैजयंती माला की फिल्में नीतीश जरूर देखते थे।
शादी के वक्त भी उन्होंने मिसाल पेश करते हुए दहेज के तौर पर मिल रहे 22 हजार रुपए ससुराल वालों को ही लौटा दिए थे। धूमधाम से शादी करने की बजाय उन्होंने कोर्ट मैरिज की थी।
जेपी आंदोलन के दौरान आए राजनीति में
1974 में नीतीश कुमार जयप्रकाश नारायण से जुड़े और जेपी आंदोलन में कूद पड़े। 1985 में नीतीश ने पहली बार बिहार विधानसभा का चुनाव हरनौत सीट से जीता। 1989 में जनता दल का गठन हुआ। तब नीतीश जनता दल के महासचिव बनाए गए। उसी साल 9वीं लोकसभा के चुनाव में नीतीश बाढ़ क्षेत्र से सांसद चुने गए
अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में नीतीश भूतल परिवहन मंत्री, कृषि मंत्री और रेल मंत्री बने। नीतीश साल 1998 से 1999 तक रेल मंत्री रहे। 2000 में नीतीश पहली बार बिहार के सीएम बने।
नीतीश ने 1994 में जनता दल से अलग होकर जॉर्ज फर्नांडीस के साथ मिलकर समता पार्टी बना ली। बाद में साल 2003 में समता पार्टी का विलय जनता दल में हो गया और पार्टी का नाम जनता दल यूनाइटेड हो गया।