पटना के गांधी मैदान में आज नीतीश करेंगे सामाजिक बुराइयों के 'रावण' को खत्म
सीएम नीतीश कुमार की मानें तो वैसे लोगों की शादी में ना जाएं और अन्य योजनाओं का बहिष्कार करें जो दहेज ले रहे हैं। बाल विवाह उन्मूलन से ही समाज की बहुत बीमारियों को खत्म किया जा सकता है।
पटना। आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ राज्यव्यापी जागरुकता अभियान का शुभारंभ करेंगे। शराबबंदी की सफलता से प्रेरित होकर बिहार सरकार ने सामाजिक हित में इस बार अभियान का आगाज करने का निर्णय लिया है। जो गांधी मैदान के पास नवनिर्मित बाबू सभागार में आयोजित समारोह में लोगों को दहेज प्रथा और बाल विवाह रोकने के लिए शपथ दिलाई जाएंगे। जहां समाज कल्याण और शिक्षा विभाग की देखरेख में ये अभियान सभी 38 जिलों में चलेगा। आपको बता दें की राजधानी पटना से लेकर गांव के स्कूल तक शपथ ग्रहण और जागरुकता समारोह आयोजित होंगे। क्योंकि ऐसा कहा जा रहा है कि ये जागरुकता पर केंद्रित दहेज प्रथा और बाल विवाह के खिलाफ आरंभ हो रहा अभियान है जो लोगों को जागरुक करने के लिए हैं।
नीतीश का नया अभियान
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मानें तो वैसे लोगों की शादी में ना जाए या शादी से ना जुड़े और अन्य योजनाओं का बहिष्कार करें जो दहेज ले रहे हैं। बाल विवाह उन्मूलन से ही समाज की बहुत सारी बीमारियों को खत्म किया जा सकता है। इन दोनों अभियान को लेकर लोगों में जागरुकता फैलाने के लिए कई लोकगीत भी तैयार किए गए हैं। ये सुझाव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लोक संवाद कार्यक्रम में आम लोगों से मिले थे। जहां केवल महिलाओं को सुझाव देने के लिए आमंत्रित किया गया था और एक महिला ने मुख्यमंत्री को सुझाव देते हुए कहा था कि दहेज विरोधी कानून तो है पर उसका अनुपालन सही तरीके से नहीं हो रहा है।
शराब को लेकर पहले ही सख्त हो चुके हैं नीतीश
इसी तरह बाल विवाह के विरुद्ध कानून के बावजूद धड़ल्ले से बाल विवाह होते हैं और मुख्यमंत्री से इन समस्याओं के समाधान की मांग की गई थी। अगर आप आकड़ों पर करें तो बिहार में 40% बाल विवाह शादियां होती हैं तो दहेज को लेकर 55% महिलाएं घरेलू हिंसा की शिकार होती हैं। पिछले साल 2 अक्टूबर को बिहार में शराबबंदी अभियान लागू करने के बाद बिहार की राजनीति में एक आंदोलन तो शुरू हुआ था लेकिन सामाजिक आंदोलन के उदाहरण नहीं मिले थे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में शराबबंदी को सामाजिक आंदोलन के रूप में शुरू किया और समाज का हर तबका इस अभियान में शामिल हुआ। स्कूल जाने वाले बच्चे-बच्चियों ने अपने अभिभावकों से शपथ पत्र भरवाया कि वो शराब नहीं पिएंगे।
क्या जनता मानेगी नीतीश की ये भी दो बातें?
गांव-गांव में शराब के खिलाफ नारे लिखे गए नुक्कड़ नाटक और गीत गाए गए। फिर शराबबंदी के खिलाफ राज्य में सबसे बड़ी मानव श्रृंखला बनाई गई जो विश्व रिकॉर्ड है। शराबबंदी अभियान की सफलता से दहेज और बाल विवाह के खिलाफ अभियान शुरू करने की प्रेरणा मिली और इसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपना चुनावी एजेंडा बताते हुए। आज से इसके खिलाफ जंग लड़ने का ऐलान कर दिया है। अब देखना ये होगा कि बिहार में ये दोनों कानून कितनी बारीकी से लागू होते हैं और राज्य की जनता इसे कितना शराहती है।
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