पीएम का नोटबैन का फैसला, शेर की सवारी करने जैसा: नीतीश कुमार
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर नोटबंदी पर पीएम मोदी की तारीफ की है।
बिहार। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बार फिर नोटबंदी के फैसले के लिए पीएम मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने कहा कि पीएम का नोटबंदी का फैसला शेर की सवारी करने जैसा है।
नोटबंदी के फैसले पर जहां भाजपा के ही कुछ सहयोगी दल लगातार पीएम मोदी के फैसले की आलोचना कर रहे हैं, वहीं बिहार के मुख्यमंत्री मजबूती के साथ पीएम के साथ खड़े दिख रहे हैं।
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नीतीश कुमार ने कहा है कि पीएम का नोटबंदी पर फैसला आसान नहीं है, ये बहुत बहादुरी का काम है, ये शेर की सवारी करने जैसा है। उन्होंने कहा कि इस फैसले से उनके सहयोगी भी उनके खिलाफ हो गए, लेकिन वो इस फैसले का सम्मान करते हैं।
ये पहली बार नहीं है, जब नातीश कुमार ने पीएम की तारीफ की है। बिहार के मुख्यमंत्री 8 नवंबर को लिए गए पीएम मोदी के नोटबैन के फैसले का कई बार समर्थन कर चुके हैं।
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एक तरफ नीतीश कुमार पीएम मोदी की तारीफ कर रहे हैं, तो वहीं बिहार में उनके सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल ने पीएम मोदी के इस फैसले की आलोचना की है। यहां तक कि नीतीश की ही पार्टी के अहम नेता शरद यादव नोटबैन के मसले पर संसद में पीएम मोदी के फैसले को खराब फैसला कह चुके हैं।
नीतीश कुमार पीएम मोदी के धुर-विरोधी हैं। बिहार में भाजपा को रोकने के लिए उन्होंने लालू यादव के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा को उत्तर प्रदेश में भी वो भाजपा को रोकने के लिए महागठबंधन की बात कह चुके हैं।
विपक्ष कर रहा है नोटबंदी का भारी विरोध
नीतीश भले ही पीएम के फैसले को सराह रहे हैं लेकिन दूसरे विपक्षी दल इसको लेकर नरेंद्र मोदी पर हमलावर हैं। ज्यादातर विपक्षी दल नोटबैन को जनता पर बेवजह की मार कह रहे हैं।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी फैसले पर अपना विरोध जता चुके हैं, संसंद में भी कांग्रेस नोटबैन के मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश कर रही हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने नोट बैन के पर दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर पीएम के फैसले की आलोचना करते हुए पीएम को रिश्वत लेने वाला बताया है।
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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इसे एक खराब फैसला बता चुकी हैं। ममता बनर्जी इस मुद्दे पर विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश में हैं। वो लगातार सड़कों पर नोटबैन को लेकर प्रदर्शन कर रही हैं।
भाजपा के सहयोगी शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे इस फैसले की कड़ी आलोचना कर चुके हैं। भाजपा सासंद शत्रुघ्न सिन्हा भी नोटबैन के फैसले को लेकर सरकार के होमवर्क में कमी की बात कह चुके हैं।
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बसपा सुप्रीमो मायावती ने 500 और 1000 के नोट को आर्थिक आपातकाल कहा है। वो संसद में पीएम से नोटबैन पर जवाब देने की मांग कर रही हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने 8 नवंबर को की थी घोषणा
आपको बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार 500 और 1000 के नोट पर बैन की बात कही थी। राष्ट्र के नाम संबोधन में पीएम ने कहा था कि ब्लैक मनी पर प्रहार करने के लिए 1000 के नोट बंद होंगे जबकि 500 के नोट बदले जाएंगे।
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पीएम ने 1000 और 500 रुपये के मौजूदा करंसी नोटों को 8 नवंबर की रात 12 बजे से बंद करने का ऐलान किया। पीएम मोदी ने कहा था कि 500 और 1000 रुपये के करैंसी नोट कानूनी रूप से मान्य नहीं रहेंगे।
पीएम मोदी ने इस बैन का उद्देश्य बताते हुए कहा कि हम जाली नोटों और करप्शन के खिलाफ जो जंग लड़ रहे हैं, इससे उस लड़ाई को ताकत मिलेगी।