बिहार: खाली पड़े पदों पर भर्ती के लिए सीएम नीतीश ने मांगा विभागों से ब्योरा
पटना। बिहार सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने आज विभागों के प्रमुख को पत्र जारी किया है। पत्र में कहा गया है कि 2007 में राज्य सरकार ने सरकारी दफ्तरों में खाली पड़े पदों पर ठेके पर यानि संविदा पर नियुक्ति का फैसला लिया था और इसकी नियमावली बनायी गयी थी। उसके आधार पर संविदा पर नियुक्तियां की गयीं। लेकिन कई पद खाली पड़े हैं।
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बता दें कि खाली पड़े पदों पर संविदा पर नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी की जानी है। सरकार ने सभी विभागों के प्रमुखों को कहा है कि वे जानकारी उपलब्ध करायें कि उनके यहां कितने स्वीकृत पद हैं। उन स्वीकृत पदों पर संविदा पर कितने लोग काम कर रहे हैं।
साथ ही इस बात की भी जानकारी मांगी है कि पहले से नियुक्ति लोगों के अलावा कितने पद खाली पड़े हैं जिन पर संविदा के आधार पर नियुक्ति की जानी है। सरकार ने अपने अधिकारियों को कहा है कि वे सर्वोच्च प्राथमिकता देकर ये जानकारी उपलब्ध करायें।
जुमला
साबित
हुआ
बीजेपी
का
घोषणा
पत्र
बिहार
सरकार
के
जिन
विभागों
में
संविदा
के
आधार
पर
लोग
काम
कर
रहे
हैं
या
जहां
संविदा
पर
नियुक्ति
की
जानी
है
उसमें
स्वास्थ्य
विभाग
सबसे
प्रमुख
है।
स्वास्थ्य
विभाग
में
बड़ी
संख्या
में
पद
खाली
पड़े
हैं।
बिहार
चुनाव
से
पहले
बीजेपी
ने
दावा
किया
था
कि
उनकी
सरकार
बनी
तो
10
हजार
डॉक्टर,
50
हजार
पारा
मेडिकल
कर्मचारियों
के
अलावा
कुल
एक
लाख
लोगों
को
सिर्फ
स्वास्थ्य
विभाग
में
नौकरी
दी
जायेगी।
लेकिन उस घोषणा पत्र के उलट बिहार सरकार ने ठेके पर यानि संविदा पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी है। तो क्या बीजेपी का घोषणा पत्र जुमला साबित हो गया। सरकार पक्की नौकरी के बजाय ठेके पर कर्मचारियों को नियुक्त करेगी।