एनडीए सरकार में बनेगा कॉमन मिनिमम प्रोग्राम, सभी घटक दलों के वादों को किया जाएगा शामिल
पटना। बिहार में सरकार के गठन के बाद एनडीए में शामिल सभी दलों ने कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए भाजपा, जदयू, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा और विकासशील इंसान पार्टी के शीर्ष नेता आपस में बैठकर चर्चा करेंगे। वहीं सीएमपी को लेकर प्रदेश में सियासत शुरू हो गई है। जदयू नेता संजय सिंह ने दावा किया है कि सभी दलों के नेता आपस में बैठकर, जहां विकास कार्य की नई रणनीति बनाएंगे और विकास का नया इतिहास रचा जाएगा तो गठबंधन ने कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर ही सवाल खड़े कर दिये हैं।
वहीं कांग्रेस नेता राजेश राठौर ने सवाल करते हुए कहा कि दरअसल, यह भाजपा के नीतियों को लागू करने की कोशिश है। नीतीश कुमार अब तक स्वतंत्र होकर अपना एजेंडा चलाते थे और अब वह भाजपा के नीतियों को लागू करने के लिए मजबूर हैं।
राजद नेता सुबोध राय ने कहा कि पिछले 15 सालों में जब साथ मिलकर विकास कार्य नहीं कर पाए। भ्रष्टाचार का बोलबाला रहा तो नए बनने वाले का नाम सीएमपी से क्या होगा। राज्यपाल के भाषण में भी विकास की कोई खास रूपरेखा नहीं रखी गई। वैसे काम जिसपर एनडीए की प्रमुखता होगी। ऐसा माना जा रहा है कि सीएमपी में अगले 5 साल में होने वाले विकास के कार्यों को प्रमुखता दी जाएगी, जो एनडीए के घटक दलों ने जनता से वादा किया है।
सरकार में होने वाले नए कैबिनेट विस्तार को लेकर के भी आपस में बैठकर तय करने की रणनीति बनी है। ऐसा माना जा रहा है कि एनडीए के चारों साथी दल आपस में मिलकर नए कैबिनेट विस्तार में मंत्रिमंडल का बंटवारा करेंगे।