बिहार का मसुदन स्टेशन फूंक रेल कर्मियों को अगवा किए हो गए 12 घंटे से ज्यादा, मुखबिर की तरह जान से मारने की दी गई धमकी
नक्सलियों ने स्टेशन को आग के हवाले करते हुए रेलवे कर्मचारियों को अगवा कर लिया वहीं दूसरी तरफ अन्य इलाकों में भी जमकर कोहराम मचाया।
पटना। बिहार सरकार की नई बालू नीति के खिलाफ नक्सलियों ने बिहार बंद का ऐलान किया और मंगलवार को राज्य के कई जिलों में प्रदर्शनकारियों ने तांडव मच डाला। ट्रक ऑनर्स एसोसिएशन ने सोमवार से बिहार बंद का ऐलान करते हुए आगजनी को अंजाम दिया। 20 तारीख को नक्सलियों ने बिहार झारखंड बंद का ऐलान किया तो इसका असर देर रात से ही देखने को मिलने लगा। नक्सलियों ने स्टेशन को आग के हवाले करते हुए रेलवे कर्मचारियों को अगवा कर लिया वहीं दूसरी तरफ अन्य इलाकों में भी जमकर कोहराम मचाया। खासकर नक्सल प्रभावित क्षेत्र भागलपुर, लखीसराय, मुंगेर के साथ-साथ अन्य जगह में भी नक्सलियों का खौफ देखा जा रहा है। तो बेखौफ नक्सलियों ने उप मुखिया के सीने में 15 गोली मारकर उनकी हत्या कर दी। इस घटने से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई, लोग अपने घर में दहशत के साए में जीने को मजबूर हो गए हैं।
भागलपुर में बिहार-झारखंड बंद करने का किया था ऐलान
मिली जानकारी के अनुसार बिहार के भागलपुर जिले में बिहार, झारखंड बंद का ऐलान करने के बाद नक्सलियों ने जमकर उत्पात मचाया और देर रात भागलपुर रेलवे खंड पर मसुदन स्टेशन को आग के हवाले कर दिया। वहीं उपमुखिया वीरेंद्र कोड़ा की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। दूसरी तरफ मसुदन रेलवे स्टेशन को आग के हवाले करने के बाद रेल कर्मियों को अगवा कर दिनभर रेलवे परिचालन बाधित करने की घोषणा की गई है। नक्सलियों के बेखौफ रवैया को देखते हुए अगले आदेश तक कि उल-जमालपुर-भागलपुर रेलखंड पर रेलवे का परिचालन बंद कर दिया गया है। नक्सलियों ने कई जगह एक्सप्रेस ट्रेन रोककर भी हंगामा किया है।
12 घंटों से हो गए हैं ज्यादा, कब्जे में हैं रेलकर्मी
वहीं मंगलवार की देर रात लगभग 15-20 की संख्या में आए नक्सलियों ने ड्यूटी कर रहे एएसएम मुकेश कुमार एवं पोर्टर नरेंद्र मडल को अगवा कर हत्या करने की धमकी दी है और नक्सलियों ने उनके ही मोबाइल से मैसेज लिखकर रेलवे परिचालन बंद करने की बात कही। जिसके बाद एसपी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए अभयपुर स्टेशन से ट्रेन परिचालन बंद रखने की घोषणा कर दी। जब नक्सली अपना तांडव दिखा रहे थे, उससे 2 घंटे पहले ही पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक हरेंद्र राव जमालपुर स्टेशन पर निरीक्षण करने पहुंचे थे और स्पेशल ट्रेन से जमालपुर से हावड़ा के लिए रवाना हो गए। नक्सल प्रभावित इलाका चानन थाना क्षेत्र के संग्रामपुर पंचायत के मुखिया वीरेंद्र कोड़ा को आज से 1 दिन पहले अगवा किया था, जिसे घर पहुंच कर गोलियों से छलनी करते हुए जंगल में फेंक दिया गया।
पुलिस की मुखबिरी में एक को मारी गोली
उप मुखिया पहले नक्सली गैंग में काम करता था और इस से पहले वह जेल भी जा चुका है। दूसरी तरफ कछुआ गांव के रहने वाले वीरेंद्र कोड़ा के परिवार वालों का कहना है कि नक्सली पुलिस की मुखबिरी करने के आरोप में उसे अगवा किया और उसकी दर्दनाक हत्या कर जंगल में फेंक दिया। वहीं बालू उठा रहे ट्रैक्टर ड्राइवर और मजदूर को नक्सलियों ने चन्द्रमंडी थानाक्षेत्र के घुटवे पंचायत के बालू घाट में खदेड़ दिया। लगभग 10-15 की संख्या में आधुनिक हथियार से लैस होकर अपराधी आए थे और घटना को अंजाम देने की फिराक में थे लेकिन मजदूरों ने किसी तरह जान बचा ली। तो बिहार-झारखंड बंद का ऐलान करने के बाद नक्सलियों ने एक्सप्रेस ट्रेन पर भी अपना कहर दिखाया। दिल्ली जाने वाली फरक्का एक्सप्रेस को सुल्तानगंज में रोकते हुए जमकर प्रदर्शन किया और हंगामा मचाया। इस दौरान सूचना देने के बाद भी घटना स्थल पढ़ना तो रेल पुलिस पहुंची और ना ही RPF टीम। हालांकि नक्सली बंद के ऐलान के बाद क्यूल जमुई स्टेशन पर आरपीएफ और पुलिस नें सर्च अभियान शुरु किया है।
जंगल में फेंक दी मुखबिर की लाश, बालू नीति की आड़ में आतंक!
वहीं मामले की जानकारी देते हुए जमालपुर रेल एसपी शंकर झा ने बताया कि नक्सली के द्वारा 20 तारीख को बिहार झारखंड बंद का ऐलान करने के बाद सभी स्टेशन के थाना अध्यक्ष को अलर्ट रहने को कहा गया और सर्च अभियान में तेजी लाने की भी बात कही गई थी लेकिन अचानक देर रात 15 से 20 की संख्या में पहुंचे अपराधियों ने मसूदन स्टेशन पर जमकर तबाही मचाई।
Read more: VIDEO: धड़ से अलग मिला भांजे का सिर तो मौसी का चेहरा पहचानना मुश्किल