VIDEO: सन्नो के लिए शब्बो की दुआ काम आई, 30 घंटे रेस्क्यू के बाद बोरवेल से आयी बाहर, नीतीश ने कहा- थैक्यू NDRF
पटना। मुंगेर के एक बोरवेल में गिरी तीन साल की बच्ची सन्नो को रेस्क्यू टीम के सफल प्रयास और लोगों की दुआ-प्रार्थना के साथ सही सलामत बाहर आयी। बाहर आने के बाद उस के स्वास्थ्य जांच के लिए सीधा स्थानीय मुंगेर अस्पताल ले जाया गया। ताकि उस बच्ची की हालत क्या है, इस की जांच की जाएगी, अगर बच्ची का स्वास्थ्य सभी दृष्टिकोण से सही रहा तो, उसके माँ-बाप को सौंप दिया जायेगा। इस के लिए मुंगेर अस्पताल के आईसीयू में सभी तरह की तैयारी किया गया है। करीब 30 घंटे के बाद बाहर आयी सन्नो को देखने के लिए घटना स्थल पर भारी भीड़ दिन भर लगा रहा। सन्नो की मां और परिजनों ने अपनी बच्ची को सही सलामत बहार आने पर सबों का आभार व्यक्त किया है। इस रेस्क्यू टीम में सेना, NDRF टीम को लगाया गया था। साथ रांची से SDRF की भी विशेषज्ञ टीम को इस कार्य में सहयोग के लिए बुलाया गया।
खेलने के दौरान बोरवेल में गिरी थी बच्ची
मुर्गियाचक निवासी उमेश नंदन साव ने सोमवार को अपने घर के सबसे आगे वाले कमरे में समरसेबुल के लिए बोरवेल करवाया था। इसमें पाइप डाल कर आधे बोरवेल में ग्रेबुल डाला जा चुका था और बोरवेल को एक पतले बोरे से ढ़क दिया गया था। मंगलवार को उमेश नंदन बोरवेल के पास ही बैठा हुआ था और उसकी 3 वर्षीय नतनी सना उर्फ सन्नो वहीं पर अपने हाथ में एक छोटा बैडमिंटन और एक प्लास्टिक का मग लेकर खेल रही थी। खेलने के क्रम में ही सना का पांव फिसल गया और वह बोरवेल में 25 फीट के गहराई पर फंस गयी। इसके बाद परिजन तथा आस-पड़ोस के लोगों ने बच्ची को बाहर निकालने का प्रयास किया, लेकिन बोरवेल में डाले गये पाइप के हिलने-डोलने से बच्ची फिसल कर और नीचे चली गयी, जिसकी दूरी 110 फीट मापी गयी।
सन्नो के सकुशल रेस्क्यू पर मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने खुशी व्यक्त की
सन्नो के सकुशल रेस्क्यू पर मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने खुशी एवं संतोष व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने इसके साथ ही परिजनों एवं बचाव दल के तमाम सदस्यों को भी बधाई दी है। मुख्यमंत्री ने बचाव में लगे आपदा प्रबंधन विभाग एनडीआरएफ एसडीआरएस एवं जिला प्रशासन की टीम को धन्यवाद देते हुए कहा कि विपरीत परिस्थितियों के बाद भी सन्नो का कुशल रेस्क्यू बेहतर टीम का परिणाम है। उन्होंने परिजनों एवं स्थानीय लोगों की भी प्रशंसा की जिन्होंने इस मुश्किल घड़ी में प्रशासन एवं बचाव दल को अपना सहयोग देकर इस अभियान को सफल बनाया। मुख्यमंत्री सन्नो को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया है और उसके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है।
पूरी रात जगी रही मां, बच्ची की साहस को सलाम
तीन साल की सन्नो ने जिस तरह से इतने बड़े हादसे में अदम्य साहस का परिचय दिया, उस तरह का साहस किसी बड़े लोगों में संभव नहीं हो पाता है। एक ओर जहां बोरवेल में डाले गये सीसीटीवी कैमरे की मदद से बच्ची का हिलने-डोलने का पता चल रहा था, वहीं दूसरी ओर जब बच्ची के रोने की आवाज आने लगी, तब उसकी मां सुधा देवी ने बोरवेल में झांकते हुए जोर से आवाज लगायी कि बेटा मैं भी अंदर में ही हूं, तुमको जल्दी ही बाहर निकाल लेंगे। जब भी बच्ची के रोने की आवाज आती थी, तब उसकी मां उसे यही सांत्वाना देती रही। हर आधे घंटे, एक घंटे पर बच्ची की आवाज सुनाई दे रही थी और उसकी मां उसे बार-बार दिलासा दे रही थी।
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