Lalu Yadav ने ईडी की कार्रवाई खिलाफ खोला मोर्चा, कहा- गर्भवती पुत्रवधु को ED ने बैठा रखा है 15 घंटों से
lalu prasad yadav: प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई के खिलाफ अब आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव खुद सामने आए और संघ और भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। लालू यादव ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए है।
lalu prasad yadav news: जमीन के बदले नौकरी घोटाला (land for job scam case) मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और RJD प्रमुख लालू प्रसाद यादव के परिवार और करीबियों पर जांच एजेंसियों की कार्रवाई लगातार जारी है। इस कड़ी में शुक्रवार 10 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली, बिहार समेत 26 स्थानों पर एक साथ छापेमारी की। इसको लेकर अब आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव खुद सामने आए और संघ और भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। लालू यादव ने रात के करीब साढ़े 11 बजे ट्वीट किया और बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए।
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव (lalu prasad yadav) ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से एक के बाद एक दो ट्वीट किए। अपने ट्वीट में संघ और भाजपा की आलोचना करते हुए लिखा,
हमने आपातकाल का काला दौर भी देखा है। हमने वह लड़ाई भी लड़ी थी। आधारहीन प्रतिशोधात्मक मामलों में आज मेरी बेटियों, नन्हें-मुन्ने नातियों और गर्भवती पुत्रवधु को भाजपाई ED ने 15 घंटों से बैठा रखा है। क्या इतने निम्नस्तर पर उतर कर बीजेपी हमसे राजनीतिक लड़ाई लड़ेंगी?
इतना ही नहीं, लालू यादव ने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा, 'संघ और भाजपा के विरुद्ध मेरी वैचारिक लड़ाई रही है और रहेगी। इनके समक्ष मैंने कभी भी घुटने नहीं टेके हैं और मेरे परिवार एवं पार्टी का कोई भी व्यक्ति आपकी राजनीति के समक्ष नतमस्तक नहीं होगा।' बता दें, जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामले में सीबीआई की टीम बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीम लालू प्रसाद यादव से पूछताछ के लिए उनकी बेटी और सांसद मीसा भारती के आवास पर 7 मार्च को पहुंची थी। इससे पहले सीबीआई की टीम ने बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से पटना स्थित उनके आवास पर पूछताछ की थी।
ईडी
को
क्या
मिला?
न्यूज़
एजेंसी
के
मुताबिक,
छापेमारी
के
दौरान
53
लाख
रुपये,
1,900
अमेरिकी
डॉलर,
लगभग
540
ग्राम
सोना
और
बुलियन
और
1.5
किलोग्राम
सोने
के
आभूषण
जब्त
किए
गए।
छापेमारी
के
दौरान
बिहार
के
उपमुख्यमंत्री
तेजस्वी
यादव
भी
यहां
मौजूद
रहे।
ईडी
के
मुताबिक,
दिल्ली
के
न्यू
फ्रेंड्स
कॉलोनी
में
स्थित
एके
इंफोसिस्टम
प्राइवेट
लिमिटेड
लाभार्थी
कंपनी
के
रूप
में
रजिस्टर्ड
है,
लेकिन
इसका
इस्तेमाल
यादव
परिवार
आवासीय
संपत्ति
के
रूप
में
कर
रहा
था।
क्या
है
लैंड
फॉर
जॉब
स्कैम?
ये
मामल
साल
2004
से
2009
के
बीच
का
है,
जब
लालू
प्रसाद
यादव
रेलमंत्री
थे।
लैंड
फॉर
जॉब
स्कैम
में
लालू
और
उनके
परिवार
वालों
पर
रेलवे
में
नौकरी
दिलाने
के
बदले
जमीन
लेने
का
आरोप
लगे
थे।
इस
मामले
में
CBI
ने
18
मई
2022
में
लालू
और
उनके
परिवार
के
सदस्यों
पर
भ्रष्टाचार
का
एक
नया
केस
दर्ज
किया
था।
CBI
के
अनुसार
लालू
यादव
के
परिवार
ने
बिहार
में
1
लाख
स्क्वायर
फीट
से
ज्यादा
जमीन
महज
26
लाख
रुपए
में
हासिल
कर
ली,
जबकि
उस
समय
के
सर्कल
रेट
के
अनुसार
जमीन
की
कीमत
करीब
4.39
करोड़
रुपए
थी
और
लैंड
ट्रांसफर
के
ज्यादातर
मामले
में
जमीन
के
मालिक
को
कैश
में
भुगतान
किया
गया
था।