जदयू नेता ने कहा- सांसद पद से इस्तीफा देकर चिराग लड़ें विधायकी का चुनाव और पूरा कर लें दिल के अरमान
पटना। बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए के दो बड़े घटक दलों में आए दिन रार बढ़ती जा रही है। दोनों पार्टी के नेता एक-दूसरे पर बयानों के जरिये हमला कर रह हैं। नीतीश कुमार की पार्टी जदयू और रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी के नेताओं के बीच सही तालमेल नहीं बैठ रहा है। इस कड़ी में जेडीयू ने चिराग पासवान को खुली चुनौती दे दी है। जदयू के सांसद सुनील कुमार पिंटू चिराग पासवान पर निशाना साधते हुए कहा कि चिराग पासवान पहले लोकसभा से इस्तीफा दें उसके बाद विधानसभा का चुनाव लड़ें। सांसद पिंटू ने कहा कि ऐसा नहीं हो कि चुनाव होने के बाद वह फिर आकर लोकसभा में बैठ जाएं।
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जदयू सांसद ने कहा कि चिराग पासवान को कोई गुमराह कर रहा है। वो अपने दिमाग से कम और दूसरे के दिमाग से ज्यादा चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि चिराग पासवान ने अभी तक विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ा है। जबकि नीतीश कुमार 1985 में ही विधायक बने थे।
सुनील कुमार पिंटू ने कहा कि बिना सीएम और पीएम के चेहरे के चुनाव लड़कर चिराग पासवान को देख लेना चाहिए। चिराग 143 सीटों पर चुनाव लड़कर परिणाम प्राप्त करने के भ्रम में हैं। वह इस चुनाव में अपने दिल का अरमान पूरा कर लें। लेकिन जब चुनाव में जीरो पर आउट होंगे तब उनको पता चलेगा। इसके साथ ही पिंटू ने यह भी कहा कि चिराग पासवान के एनडीए से अलग होने पर एनडीए पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
बता दें कि इससे पहले जेडीयू के एमएलसी गुलाम गौस ने भी चिराग पासवान को लेकर काफी तल्ख बयान दिया था। गुलाम गौस ने चिराग पासवान के रवैया को राजकुमारों वाला रवैया बताया। साथ ही कहा था कि यही रवैया रहा तो एलजेपी नेताओं को जनता के पत्थर खाने पड़ेंगे। वैशाली में एक कार्यक्रम में पहुंचे गुलाम गौस ने तो यहां तक कह दिया कि चिराग पासवान बीजेपी के कंधे पर सवार होकर जेडीयू पर हमला कर रहे हैं। गिरेंगे तो कहीं के ना रहेंगे। चिराग पासवान अपने औकात में रहें।
इसके अलावा जेडीयू एमएलसी गुलाम गौस ने कहा, " राजनीति में बहुत सारे राजकुमार आए किसी एक पार्टी में नहीं बहुत सारे पार्टी में जो दूसरे के कंधे पर खड़े होते है। उनको लगता है कि हमारा कद बहुत लंबा है। लेकिन जब अगला कंधा झाड़ देता है तो दांत, नाक, मुंह सब ऊपर वाले का टूट जाता है और औकात समझ में आ जाती है।
साथ ही उन्होंने कहा कि वैसे लोगों को चाहिए कि जनता के बीच में जाएं धूप, पानी, हवा, गोला पत्थर खाएगा तब ना राजनीति में परिपक्व होगा।" अंत में उन्होंने एक शेर कहा, " ना खाई हो जिगर पर चोट जिसने जिंदगानी में, उसे क्या गम ए शीश किसी के दिल टूट जाने में।"