अपने ही सांसद को क्लीन बोल्ड करने के लिए नीतीश ने कुछ ऐसे डाली गुगली
पटना। भाजपा की कुर्बानियों को देख कर अब नीतीश कुमार भी दोस्ती निभाने के लिए जी जान से लग गये हैं। दरौंदा में जब भाजपा प्रत्याशी के लिए जदयू संसद के पति रोड़ा बनने लगे तो नीतीश कुमार ने सख्त तेवर अपनाया। उन्होंने खुद तो कुछ नहीं कहा लेकिन सांसद के पति को हड़काने के लिए अपने खास विधायक को आगे कर दिया। नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी की सांसद और उनके दबंग पति को कैसे हड़काया उसका वाकया बड़ा दिलचस्प है। नीतीश कुमार कभी सीधी गेंद नहीं फेंकते। वे विकेट से दूर गुगली डालते हैं। दूर से ही गेंद तेजी से स्पिन हो कर विकेट ले उड़ती है। देखिए नीतीश कुमार की एक लाजवाब गुगली।
अपने
ही
सांसद
को
ऐसे
हड़काया
नीतीश
ने
बड़हरिया
के
जदयू
विधायक
श्याम
बहादुर
सिंह
विवादों
के
सरताज
हैं
लेकिन
नीतीश
के
खासमखास
भी
हैं।
दरौंदा
से
भाजपा
के
करणजीत
सिंह
उर्फ
व्यास
सिंह
चुनाव
लड़
रहे
हैं।
वे
सीटिंग
विधायक
भी
हैं।
सीवान
की
जदयू
सांसद
कविता
सिंह
के
पति
और
बाहुबली
नेता
अजय
सिंह
जब
भाजपा
प्रत्याशी
व्यास
सिंह
के
खिलाफ
काम
करने
लगे
तो
नीतीश
कुमार
नाराज
हो
गए।
नीतीश
के
इशारे
पर
श्याम
बहादुर
सिंह
ने
शुक्रवार
को
दरौंदा
की
चुनावी
सभी
में
अजय
सिंह
को
खुलकर
ललकारा।
विधायक
श्याम
बहादुर
सिंह
ने
कहा,
अगर
अजय
सिंह
में
हिम्मत
है
तो
वे
अपनी
पत्नी
कविता
सिंह
को
इस्तीफा
दिला
कर
उनके
खिलाफ
चुनाव
मैदान
में
उतारें।
कविता
सिंह
को
अपनी
हैसियत
समझ
में
आ
जाएगी।
श्याम
बहादुर
सिंह
ने
अजय
सिंह
को
संकेत
कर
भोजपुरी
में
कहा,
मोदी
जी
के
नाम
रहे
त
मलकिनी
(कविता
सिंह)
के
हाड़
में
हरदी
लाग
गइल
(नरेंद्र
मोदी
का
नाम
था
तो
कविता
सिंह
लोकसभा
का
चुनाव
जीत
गयीं)।
श्याम
बहुदर
सिंह
जब
ये
सब
कुछ
बोल
रहे
थे
उस
वक्त
नीतीश
कुमार
भी
मंच
पर
मौजूद
थे।
जदयू
विधायक,
जदयू
सांसद
की
धज्जियां
उड़ा
रहे
थे
और
ये
सब
सुन
कर
नीतीश
कुमार
मंद-मंद
मुसकुरा
रहे
थे।
जदयू
सांसद
को
क्या
कहा
जदयू
विधायक
ने?
सीवान
के
दरौंदा
में
शुक्रवार
को
भाजपा
प्रत्याशी
करणजीत
सिंह
उर्फ
व्यास
सिंह
के
समर्थन
में
चुनावी
सभा
थी।
मंच
पर
नीतीश
कुमार
और
केन्द्रीय
कानून
मंत्री
रविशंकर
बैठे
थे।
बड़हरिया
के
जदयू
विधायक
श्याम
बहादुर
सिंह
को
मंच
भाषण
के
लिए
आमंत्रित
किया
गया।
श्यामबहादुर
सीधे
मुद्दे
पर
आ
गये।
बिना
वक्त
गंवाये
उन्होंने
जदयू
सांसद,
कविता
सिंह
और
उनके
पति
अजय
सिंह
पर
हमला
बोल
दिया।
उन्होंने
उपस्थित
जनसमूह
की
तरफ
देखा
और
भोजपुरी
में
कहा,
पहिले
ई
मालिक
लोग
के
परनाम
करेब।
भीड़
से
जोर
का
शोर
उभरा।
श्याम
बहादुर
सिंह
डांस
के
लिए
मशहूर
रहे
हैं।
भीड़
की
आवाज
पर
विधायक
ने
कहा,
पहिले
हिला
लीं,
पहिले
हिला
लीं,
बाद
में
हिलेम।
इतनी
सुन
कर
भीड़
ने
जोर
का
हर्षनाद
किया।
ये
सब
देख
सुन
कर
मंच
पर
बैठे
नीतीश
कुमार
और
रविशंकर
जोर-जोर
से
हंसने
लगे।
फिर
विधायक
श्याम
बहादुर
ने
जनता
जनार्दन
से
कहा,
हमार
मालिक,
हमार
बाबू,
हमार
राजा,
बहुत
महत्वपूर्ण
सीट
बा
दरौंदा,
बड़ा
बरियार,
ना
दूनो
चाहीं,
पत्नी
भी
अउर
हमहूं।
हमरा
सरकार
के
आगे
इ
संभव
नइखे।
अजय
भाई
दागे
रहले।
पिरतपछ
में
बियाह
भइल
त
साहेब
(नीतीश
कुमार)
टिकट
दिहले।
एकरा
बादो
नइखे
बुझात
तs
इ
दुर्भाग्य
बा।
अजय
भाई
बहुत
हाथपैर
मार
रहल
बाड़।
तहरा
ई
बात
बुझाइल
ना
कि
मोदी
जी
के
नाम
पर
हाड़
में
हरदी
लाग
गइल
मलकिनी
(कविता
सिंह)
के।
आज
चुनाव
हो
जाए
त
पता
चल
जाई,
हमहू
रिजाइन
देत
बानी,
तहरा
हिम्मत
बा
त
कविता
जी
भी
रिजाइन
देस,
लड़
लेस
हमरा
से
चुनाव,
बुझा
जाई
औकात।
विधायक
के
भोजपुरी
में
कहने
का
मतलब
श्याम
बहादुर
सिंह
ने
जनता
को
प्रणाम
किया
और
कहा
कि
दरौंदा
बहुत
खास
सीट
है।
अजय
सिंह
को
दोनों
चाहिए।
पत्नी
कविता
को
सांसद
बना
दिया
और
खुद
भी
विधायक
बनना
चाहते
हैं।
नीतीश
कुमार
के
सामने
ये
संभव
नहीं।
अजय
सिंह
की
मां
और
विधायक
जगमातो
देवी
का
निधन
हो
गया
तो
उपचुनाव
में
टिकट
देने
का
सवाल
आया।
अजय
सिंह
पर
कई
केस
थे
इसलिए
नीतीश
कुमार
ने
उन्हें
किसी
संबंधी
को
मैदान
में
उतारने
के
लिए
कहा।
तब
अजय
सिंह
ने
पितृपक्ष
में
शादी
कर
ली।
पितृपक्ष
में
कोई
शुभकार्य
नहीं
होता।
लेकिन
अजय
सिंह
ने
ऐसा
किया।
शादी
के
बाद
अजय
सिंह
की
पत्नी
कविता
सिंह
को
उपचुनाव
में
जदयू
का
टिकट
मिल
गया
और
वे
जीत
गयीं।
2019
में
नीतीश
कुमार
ने
कविता
सिंह
के
लिए
भाजपा
की
जीती
हुई
मांग
ली।
कविता
सिंह
सांसद
बन
गयीं।
इतना
करने
के
बाद
भी
अजय
सिंह
दरौंदा
में
भाजपा
उम्मीदवार
का
विरोध
कर
रहे
हैं।
मोदी
जी
के
नाम
पर
कविता
सिंह
सांसद
बन
गयीं।
कविता
सिंह
उनसे
चुनाव
लड़
कर
देख
लें
फिर
हैसियत
समझ
में
आ
जाएगी।
श्याम
बहादुर
सिंह
की
बातें
सुन
कर
नीतीश
कुमार
हंसते
रहे।
नीतीश
कुमार
की
इस
फिरकी
का
सांसद
कविता
सिंह
और
अजय
सिंह
के
पास
कोई
जवाब
नहीं।
नीतीश
कुमार
ने
जदयू
नेता
अजय
सिंह
को
सीधा
संदेश
दिया
कि
वे
भाजपा
प्रत्याशी
का
विरोध
छोड़
दें।
नहीं
तो
नतीजे
क्या
होंगे,
इस
बात
का
जवाब
श्याम
बहादुर
सिंह
ने
दे
दिया।
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