बिहार न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

2020 में कैसे जीतेंगे तेजप्रताप और तेजस्वी? लालू के सामने सबसे बड़ी चुनौती

Google Oneindia News
2020 में कैसे जीतेंगे तेजप्रताप और तेजस्वी? लालू के सामने सबसे बड़ी चुनौती

2020 के चुनावी राण में कैसे जीतेंगे तेजप्रताप यादव और तेजस्वी यादव ? 2015 के हालात कुछ और थे, अब के कुछ और हैं। 2015 में दोनों भाई अगर जीते तो लालू-नीतीश का करिश्मा था। अब नीतीश खिलाफ में हैं। लालू यादव जेल में हैं। राजद में असंतोष की आग धधक रही है। महुआ में तेजप्रताप तो राघोपुर में तेजस्वी के लिए अभी से ही चुनौतियों का पहाड़ खड़ा हो गया है। लालू यादव ने 2015 में बहुत अरमान से अपने पुत्रों को राजनीति मे लॉन्च किया था। बदले हुए हालात देख कर उनकी चिंता बढ़ गयी है। चर्चा के है कि तेजप्रताप यादव को महुआ में जीत का भरोसा नहीं है। इसलिए वे बख्तियारपुर शिफ्ट होना चाहते हैं। राघोपुर में लालू परिवार की जीत का आधार रहे उदय नाराय़ण राय ने अब तेजस्वी के खिलाफ ताल ठोक दी है। उदय राय के समर्थकों का कहना है कि जैसे 2010 में राबड़ी देवी हारी थीं वैसे ही 2020 में तेजस्वी भी नतीजा भुगतेंगे।

IAS, IPS, IB अफसर के घर चोरी करने वाला निकला करोड़पति, फ्लाइट से करता है सफरIAS, IPS, IB अफसर के घर चोरी करने वाला निकला करोड़पति, फ्लाइट से करता है सफर

राघोपुर में तेजस्वी के लिए मुश्किल

राघोपुर में तेजस्वी के लिए मुश्किल

राघोपुर विधानसभा क्षेत्र की सियासी फिजां अब बदल गयी है। 2015 में उनकी जीत के सहयोगी रहे उदय नारायण राय अब खिलाफ में हैं। विधान परिषद का टिकट नहीं मिलने से नाराज उनके समर्थकों ने तेजस्वी को नतीजे भुगतने की चेतावनी दी है। तेजस्वी की जीत में नीतीश का भी बहुत बड़ा हाथ था। 2015 के चुनाव में तेजस्वी को 91 हजार से अधिक वोट मिले थे। इस सीट पर कभी किसी को भी इतने वोट नहीं मिले। लालू यादव को भी नहीं। लालू को इस सीट पर 1995 में सबसे अधिक 74 हजार 958 वोट वोट ही मिले थे। राबड़ी देवी 2005 में जीती तो उन्हें भी करीब 48 हजार वोट ही मिले थे। अगर तेजस्वी को 91 हजार वोट मिले तो यह लालू के नाम और नीतीश के काम से मुमकिन हुआ। लालू के यादव वोट के साथ नीतीश के अतिपिछड़े वोट मिले तो यह कमाल हो गया। राघोपुर में नीतीश भी फैक्टर हैं। 2010 में जब नीतीश ने सतीश कुमार को यहां से मैदान में उतारा था तो उन्होंने राबड़ी देवी को हरा दिया था। 2020 में तेजस्वी के सामने दो चुनोतियां हैं। पहली नीतीश कुमार की। दूसरी उदय नारायण राय की। अगर उदय राय ने एनडीए का समर्थन कर दिया तो तेजस्वी की राजनीतिक पारी लड़खड़ा सकती है।

महुआ में तेजप्रताप के सामने चुनौती

महुआ में तेजप्रताप के सामने चुनौती

2015 के विधानसभा चुनाव में लालू यादव ने अपने बड़े पुत्र तेजप्रताप को वैशाली जिले की महुआ सीट से मैदान में उतारा था। तेजप्रताप को 66 हजार 927 वोट मिले थे। उन्होंने सीटिंग विधायक और हम के उम्मीदवार रवीन्द्र राय को हराया था। तेजप्रताप की भी इस जीत में नीतीश का इकबाल शामिल था। रवीन्द्र राय पहले जदयू में थे। जब नीतीश और जीतन राम मांझी में झगड़ा हुआ तो रवीन्द्र, मांझी के साथ चले गये थे। 2010 में रवीन्द्र इस लिए जीत गये थे क्यों कि वे नीतीश की पार्टी से चुनाव लड़ रहे थे। 2015 में नीतीश तेजप्रताप के साथ आ गये तो वे हार गये। अब तेजप्रताप को अंदेशा है कि नीतीश के खिलाफ होने से शायद उनको पहले की तरह वोट नहीं मिले। इसके अलावा तेजप्रताप की राजनीतिक शैली से राजद के कई नेता नाराज चल रहे हैं। वैशाली जिले के ही एक तेज तर्रार राजद विधायक शिवचंद्र राम ने 2019 में हाजीपुर से लोकसभा चुनाव का चुनाव लड़ा था। तेजप्रताप ने उनके विरोध में अपना प्रत्याशी उतार दिया था। शिवचंद्र राम चुनाव हार गये थे। इसके लिए तेजप्रताप को जिम्मेवार ठहराया गया था। ऐसे में तेजप्रताप को महुआ में ‘अपने' लोगों से खतरा लग रहा है। इस खतरे को भांप कर ही वे विधानपरिषद में जाना चाहते थे। लेकिन कहा जा रहा है उनकी जीत को पक्की करने के लिए बख्तियारपुर से चुनाव लड़ाने की तैयारी की जा रही है।

बख्तियारपुर सीट कितनी सेफ?

बख्तियारपुर सीट कितनी सेफ?

1980 के बाद से इस सीट पर केवल यादव उम्मीदवारों को ही जीत मिली है। दल अलग अलग रहे लेकिन विजयी उम्मीदवार यादव जाति का ही रहा। 1980 में यादवों के सबसे बड़े नेता रामलखन सिंह यादव इस सीट पर जीते थे। वे अर्स कांग्रेस के टिकट पर जीते थे। 1981 में उपचुनाव हुआ तो इंदिरा कांग्रेस के रामजयपाल सिंह यादव इस सीट पर जीते। इसके बाद उन्होंने दो बार और जीत हासिल की। 1995 में जनता दल के ब्रजनंदन यादव जीते। 2000 और 2005 में भाजपा के विनोद यादव जीते। 2010 में राजद के अनिरुद्ध यादव जीते। 2015 में भाजपा के रणविजय सिंह यादव उर्फ लल्लू मुखिया जीते। इस सीट पर यादवों के प्रभुत्व को देख कर ही तेजप्रताप को यहां से चुनावी मैदान में उतारने की चर्चा चल रही है। तेजप्रताप पिछले कुछ समय से इस इलाके में सक्रिय भी रहे हैं। लालू यादव के सामने राजद को जीत दिलाने से भी बड़ी चुनौती ये है कि वे अपने पुत्रों की नैया कैसे पार लगाते है ? राजद के अनुभवी नेताओं का तो अपना भी वजूद है लेकिन तेजप्रताप और तेजस्वी पूरी तरह लालू के नाम पर ही निर्भर हैं। इनकी जीत-हार से राजद की सेहत पर बहुत फर्क पड़ने वाला है।

विधान परिषद चुनाव: कांग्रेस ने तारिक अनवर के नाम के ऐलान में की भूल, पता चलने पर बदल दिया कैंडिडेटविधान परिषद चुनाव: कांग्रेस ने तारिक अनवर के नाम के ऐलान में की भूल, पता चलने पर बदल दिया कैंडिडेट

Comments
English summary
How will Tej Pratap and Tejashwi win in Bihar assembly elections 2020 ? Biggest challenge for lalu yadav
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X